मनीषा कोइराला ने नक्शे पर किया था नेपाल का समर्थन, अब स्वराज कौशल ने दिया ये जवाब | swaraj kaushal tweets against manisha koirala over nepal lipulekh kalapani controversy | nation – News in Hindi
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नेपाली मूल की बॉलीवुड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला (Manisha Koirala) ने नेपाल सरकार के इस कदम का समर्थन करते हुए ट्वीट किया था. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था, ‘हमारे छोटे से देश का गौरव रखने के लिए शुक्रिया. मैं सभी तीन महान देशों के बीच शांतिपूर्ण और सम्मानजनक बातचीत की उम्मीद करती हूं.’
Thank you for keeping the dignity of our small nation..we all are looking forward for a peaceful and respectful dialogue between all three great nations now ???? https://t.co/A60BZNjgyK
— Manisha Koirala (@mkoirala) May 18, 2020
अब स्वराज कौशल ने ट्वीट किया है, ‘मनीषा कोइराला मैंने हमेशा तुम्हें अपनी बच्ची जैसा माना है. मैं तुमसे बहस नहीं कर सकता. तुमने हमें अपनी फिल्म 1942- अ लव स्टोरी के प्रीमियर पर आमंत्रित किया था. मैं फिल्म के लिए नहीं रुक पाया था, जबकि सुषमा स्वराज ने पूरी फिल्म देखी थी.’
I can’t argue with you my child @mkoirala. I have always treated you as my daughter. When you invited us for the premiere of 1942-a Love story, I did not stay for the film. Yes, @sushmaswaraj watched the film and you had Bansuri in your lap./1
— governorswaraj (@governorswaraj) May 20, 2020
उन्होंने अगले ट्वीट में कहा, ‘यह 27 साल पहले की बात है. 1977 में तुम लोग दिल्ली के साउथ एक्सटेंशन में थे. तुम साकेत के एपीजे स्कूल में पढ़ती थीं. तुम्हारे पिता प्रकाश कोइराला मेरे भाई की तरह हैं और तुम्हारी मां सुषमा कोइराला मेरी भाभी और दोस्त रही हैं. हमने बहुत सा मुश्किल वक्त एक साथ काटा है.’
That’s just 27 years back. In 1977 and onwards, you were in South Extension attending APJ School in Saket. Your father Prakash Koirala is like my brother and your mother Sushma Koirala has been a sister in law and a friend. We have seen difficult situations together. /2
— governorswaraj (@governorswaraj) May 20, 2020
स्वराज कौशल ने आगे कहा, ‘तुम्हारे दादा बीपी कोइराला को जब एम्स में कैंसर का पता चला तो उस वक्त मैं उनके साथ ही था. मुझे तुम्हारे परिवार की गौरवशाली परंपरा के बारे में पता है. तुम्हारे दादा बीपी कोइराला, उनके ही नाम वाले उनके भाई बीपी कोइराला और सबसे छोटे भाई जीपी कोइराला तीनों नेपाल के प्रधानमंत्री बने. तुम्हारी चाची और मेरी दोस्त शैलजा आचार्या भी नेपाल की उप प्रधानमंत्री बनी थीं.’
उन्होंने कहा, ‘1973 में मैं भी नेपाल में कई हफ्तों तक रहा था और राजमहल की तह तक पहुंचा था. हम लोकतंत्र के तुम्हारे संघर्ष में साथ थे. तब वहां भारत और भारतीयों के लिए कुछ नहीं था. राजा से जब आपका समझौता हो गया तो हमने और कुछ नहीं मांगा. लेकिन हमने एक सांसद के तौर पर आपके विचारों को सुना तो परेशान थे लेकिन फिर सोचा कि ये नेपाल की राजनीति की बाध्यताएं हैं.’
Indians should know that there was a conspiracy to end the only Hindu state in the world. They collaborated with Maoists. They hosted Prachand and Babu Ram Battarai in safe houses here.They destroyed the only Hindu state. Their mission was complete. /8
— governorswaraj (@governorswaraj) May 20, 2020
स्वराज कौशल ने कहा, ‘भारतीयों को यह बात पता होनी चाहिए कि दुनिया के इकलौते हिंदू राष्ट्र को खत्म करने के लिए साजिशें हो रही थीं. उन्होंने माओवादियों के साथ हाथ मिलाया था और हिंदू राष्ट्र को तबाह कर दिया. उनका मिशन पूरा हो गया था.’
उन्होंने आगे कहा, ‘इन सबका नतीजा ये हुआ था कि अब कम्युनिस्ट भारत के खिलाफ चीन का इस्तेमाल कर रहे हैं और चीन भारत के खिलाफ कम्युनिस्टों का इस्तेमाल कर रहा है. पारंपरिक तौर पर चीन की भारत की सीमा हिमालय तक थी लेकिन अब भारत के साथ चीन की सीमा बीरगंज तक सिमट गई है.’
When you bring in China, you are destroying thousands of years old bonds with us. You are destroying our common heritage. Most importantly, you are reducing your own position as a sovereign country as well. /11
— governorswaraj (@governorswaraj) May 20, 2020
उन्होंने कहा, ‘भारत को नेपाल से शिकायतें हो सकती हैं और नेपाल के भारत के साथ गंभीर मुद्दे हो सकते हैं लेकिन ये भारत और नेपाल के बीच का मामला है. तुम इसमें चीन को कैसे ला सकती हो? ये सबके लिए बुरा है. नेपाल के लिए भी ये अच्छा नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘तुम चीन को बीच में लाकर हमारे बीच के हजारों साल पुराने रिश्ते को बर्बाद कर रही होती हो. तुम हमारी समान विरासत को नष्ट कर रही हो. सबसे अहम बात कि तुम अपने ही देश की संप्रभुता की स्थिति को कमजोर कर रही हो.’
अंत में स्वराज कौशल ने कहा, ‘हमें एक बहुत बड़े ताले की जरूरत है. ऐसे बोलने वालों के मुंह बंद कर देने की जरूरत है. इससे पहले कि वे पड़ोसी देशों के साथ हमारे रिश्तों को खत्म करें, हमें उनके मुंह बंद कर देने चाहिए.’