पटरीपार के कोचिंग सेंटर वाले लॉकडाउन में अपने परेशानियों को लेकर मिले महापौर विधायक से
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भिलाई। नगर निगम के पटरी पार क्षेत्र के पचास से अधिक कोचिंग संस्थानों के संचालक एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष आदित्य सिह एवं भिलाई टीचर एसोसिएशन के बेनर तले आज नगर निगम भिलाई में महापौर एवं विधायक देवेन्द्र यादव से मिलकर इन होगों ने कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण होने वाली अपनी परेशानियों और आर्थिक तकलीफों के बारे में अवगत कराया। बाला सर और खूबी सर, प्रवीण गुप्ता ने श्री यादव को बताया कि अब तक इंजीनियरिंग, मेडिकल, सांईस, कामर्स इत्यादि कोचिंग संस्थाओं के दरवाजे माच से ही बंद है। चूंकि अधिकांश संस्थाएं बैक से लोन लेकर तथा किराये के भवन लेकर छात्र छात्राओं को सारी सुविधा देते हुए कोचिंग का संचालन कर रही है, लेकिन लॉकडाउन के चौथे चरण में हम सभी संचालक हिम्मत हारते जा रहे है, और शासन का मापदंड जो है, कर्मचारी और स्टाफ को वेतन भी देना है, इन सारी बातों को देखते हुए हमारा केन्द्र और राज्य सरकार से अनुरोध है कि हमें 1 जून से शासन प्रशासन के जो भी नियम कानून हो, उसके तहत कोचिंग क्लासेंस चलाने की अनुमति प्रदान की जाये। हम पूरे सोशल और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करेगे,हमें बैच की संख्या दस भी बताई जायेगी तो हम अलग अलग बैच बनाकर हम बच्चों की क्लासेस लेंगे और उनको मास्क देकर तथा सेनेटाईजिंग उपलब्ध करवायेंगे। इस संबंध में विधायक यादव ने कोचिंग संस्थान के आये गुरूजनों को आश्वस्त करते हुए कहा कि पूरे देश में मेडिकल इमरजेंसी लगी हुइ है, राज्य सरकार केन्द्र सरकार के निर्देशें के तहत सारे कार्य कर रही है, वर्तमान में स्कूल कोचिंग संस्थान, पूर्णत: बैन है, फिर भी मैं आपकी बात प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के समझ रखूंगा और उनसे अनुरेोध करूंगा की वह इस मामले में पीएम से चर्चा कर कुछ सार्थक पहल स्कूल और कोचिंग वालों ेके लिए निकाले। श्री यादव ने यह भी आश्वस्त किया कि मैं एक पत्र सरकार और दुर्ग कलेक्टर को लिखूंगा कि आप आफिस आ सकते हे, लेकिन बच्चों की पढाई जो है वह आनलाईन ही करा सकते है, इस पर गुरूजनों ने कहा कि चूंकि हमारा क्षेत्र का कोचिंग संस्थान में स्लम ऐरिया के बच्चे अधिक पढाई करते है, और उनके पास स्मार्ट फोन की व्वस्था नही है, इस तरह की दिक्कते हमें हो रही है, बैंक भी लगातार हमारे उपर दवाब बना रहा है कि जो लोन लिए हो उसको पटाओं। आखिरकार राहत की सांस हमें नही मिल पा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि पटरी इस पार के क्षेत्र के छात्रों से हम उनके स्थिति को देखते हुए हजार रूपये लेते है, जबकि पटरी पार टाउनशिप में संचालित कोङ्क्षचग संस्थाये 25-25 हजार रूपये लेती है। जिस तरह शासन प्रशासन में कुछ लोगों को लॉकडाउन में छूट दी है, पटरीवारवालों कोचिंग संस्थानों को भी छूट दी जाये। यदि नही मिलेगी तो बीएससी, एमएससी वाले लोग आने वाले समय में बेरोजगार कहलायेंगे। चूंकि गुरूजी समाज का व्यक्त्वि निर्धारण करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका ही निभाता है।