रामपुर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में फिर बढ़ सकती है बाघों की संख्या, फेज-4 की मॉनिटरिंग का काम लगभग पूरा|The tigers number may rise again in the Corbett Tiger Reserve nodtg | dehradun – News in Hindi
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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में फिर बढ़ सकती है बाघों की संख्या (फाइल फोटो)
वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल बाघों (Tiger) के बढ़ते कुनबे को शुभ संकेत बताते हैं. लेकिन इसके साथ ही वह इनकी बढ़ रही संख्या की चुनौतियां बताते हुए कहते हैं कि ऐसे में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ सकती हैं.
कॉर्बेट में बाघों का आंकड़ा हमेशा से बढ़ता रहा है. कैमरा ट्रेप के द्वारा यहां 2006 में पहली बार गणना की गई थी. तब यहां बाघों की संख्या 137 पाई गई थी. जबकि 2010 में यहां 174, 2014 की गणना में 215 बाघ मिले थे. हालांकि कॉर्बेट के 2018 की गणना के आंकड़े भारतीय वन्यजीव संस्थान (wildlife institute of india) ने अभी नहीं दिए हैं. लेकिन अनुमान है कि यह संख्या 250 के करीब होगी.
अब फेज 4 की गणना में इन टाइगर्स का क्या नम्बर आएगा यह तो आने वाला समय बताएगा. लेकिन 1288 वर्ग किलोमीटर में फैले इस टाइगर रिजर्व में बाघो का घनत्व बहुत बढ़ गया है. वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल बाघों के बढ़ते कुनबे को शुभ संकेत बताते हैं. लेकिन इसके साथ ही वह इनकी बढ़ रही संख्या की चुनौतियां बताते हुए कहते हैं कि ऐसे में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ सकती हैं. साथ ही इलाके को लेकर बाघों में भी संघर्ष बढ़ेगा. इसके साथ-साथ बाघो के साथ रोड एक्सीडेंट की घटनाएं भी बढ़ सकती हैं.
तराई के जंगलों तक हैं बाघदूसरी ओर कॉर्बेट के निदेशक राहुल की मानें तो कॉर्बेट के बाघ सोर्स पॉपुलेशन हैं. यह बाघ यहां से तराई के जंगलों की ओर फैलते हैं. इसके साथ ही कॉर्बेट में बाघों के लिए पर्याप्त आहार और पानी मौजूद है इसलिए यहां बाघों का सबसे ज्यादा घनत्व है. लेकिन वह यह भी मानते हैं कि बाघों के कॉर्बेट छोड़कर जाते समय मानव के साथ बाघ का टकराव होता है. वर्चस्व की लड़ाई में भी बाघ दूसरे बाघ को मार देता है. बहरहाल कॉर्बेट में बढ़ता वनराज का कुनबा यहां की जनता के साथ ही वनकर्मियों के कठोर परिश्रम का फल है.
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First published: May 21, 2020, 4:49 PM IST