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मस्जिद में महिलाओं की एंट्री पर बैन क्यों? सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका, कोर्ट ने केन्द्र और अन्य को भेजा नोटिस-supreme court notice to Centre others on plea seeking entry of women in mosques | nation – News in Hindi

मस्जिद में महिलाओं की एंट्री पर बैन क्यों? सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका, कोर्ट ने  केन्द्र और अन्य को भेजा नोटिस

सुप्रीम कोर्ट

ये याचिका पुणे में रहने वाले मुस्लिम दंपति ने दायर की है. इसके तहत कहा गया है कि महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी ‘असंवैधानिक’ (Unconstitutional) है

नई दिल्ली. मस्जिदों (Mosque) में महिलाओं के जाने की आजादी के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को एक अन्य याचिका के साथ सुनने के लिए तैयार हो गया है. उच्चतम न्यायालय ने इसको लेकर केन्द्र को जवाब दाखिल करने को कहा है. इस याचिका में कहा गया है कि महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी ‘असंवैधानिक’ है और इससे समता के अधिकार और लैंगिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन होता है.

इनसे मांगा गया जवाब
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से इस मामले की सुनवाई करते हुये केन्द्र के साथ ही अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, राष्ट्रीय महिला आयोग और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को नोटिस जारी किये. पीठ मुस्लिम महिलाओं को मस्जिदों में प्रवेश नहीं करने संबंधी फतवा निरस्त करने के लिये दायर याचिका पर सुनवाई के लिये सहमत हो गयी है.

क्या कहा गया है याचिका में?ये याचिका पुणे में रहने वाले मुस्लिम दंपति ने दायर की है. इसके तहत कहा गया है कि धर्म, जाति, वर्ण, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर किसी के साथ भी भेदभाव नहीं होना चाहिए. याचिका में कहा गया है कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी भी राजनीतिक दल या राज्य के मुख्यमंत्री ने मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश का मुद्दा आगे नहीं बढ़ाया है जबकि इन मस्जिदों को जनता के कर से ही आर्थिक मदद मिलती है.

समान अधिकार क्यों नहीं?
याचिका में आरोप लगाया गया है कि विधायिका महिलाओं, विशेषकर मुस्लिम महिलाओं की गरिमा और उनके समता के अधिकार सुनिश्चित करने मे विफल रही है. याचिका में कहा गया है कि देश में ‘समान नागरिक संहिता’ का लक्ष्य प्राप्त करने के बारे मे शीर्ष अदालत की टिप्पणियों के बावजूद इस सांविधानिक लक्ष्य को अभी तक हासिल नहीं किया जा सका है.

ये परंपरा गैरकानूनी
याचिका में महिलाओं को स्त्री पुरूषों के समागम के बीच ‘मुसल्ला’ में ही नमाज पढ़ने की अनुमति देने का निर्देश दिया जाये. याचिका में मुस्लिम महिलाओ का मस्जिद में प्रवेश वर्जित करने की परंपरा को गैरकानूनी, असंवैधानिक और सांविधानिक अधिकारों का उल्लंघन करने वाला घोषित किया जाये.

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First published: May 21, 2020, 8:06 AM IST



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