बीएसपी प्रबंधन कर रहा श्रमिकों के मांगों की उपेक्षा
श्रमिको का शोषण करने निजीकरण का मार्ग हो रहा प्रशस्त
भिलाई। श्रमिक सभा एचएमएस यूनियन की बोरिया गेट पर गेट मीटिंग हुई यूनियन के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रेम सिंह चंदेल ने कहा कि केंद्र सरकार व सेल प्रबंधन भिलाई के फ ौलादी श्रमिकों के मांगों की पूरी तरह उपेक्षा कर रहा है और श्रम कानूनों में बदलाव कर पूरी तरह से वर्करों और ठेका श्रमिकों का शोषण करने के लिए निजी करण का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।
हिंद मजदूर सभा यूनियन इसकी निंदा करता है तथा सेल प्रबंधन को आगाह करता है कि हमारी इस्पात बिरादरी की सब्र की परीक्षा ना लें, भिलाई के वर्करों के संयंत्र के प्रति समर्पण को कमजोरी ना समझे वो जल्द से जल्द सम्मानजनक वेतन समझौता व पेंशन स्कीम लागू करें तथा वर्करों की बंद सुविधाओं ई एल एवं फेस्टिवल इनकेशमेंट प्रारंभ करें अन्यथा इस बार यूनियनों की 8 व 9 जनवरी को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल में हम भिलाई के कर्मचारी भी अपने हक की लड़ाई के लिए संघर्ष की राह पर जाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं जिसका की प्रभाव संयंत्र पर पड़ेगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रबंधन व केंद्र सरकार की होगी।
उप महासचिव डीके सिंह एवं वजी अहमद ने कहा कि बीएसपी अपने कर्मचारियों को आपस में भेदभाव पूर्ण व्यवहार कर रहा है तथा अंतर्विरोध उत्पन्न करने का प्रयास कर रहा है आवास नीति स्पष्ट नहीं है कुछ कर्मचारियों को लीज आवास पर दिए गए हैं कुछ कर्मचारी एचआरए लेकर अपने स्वयं के मकान में रहते हैं बाकी कर्मचारी कबूतर खाने जैसे आवासों में रहने को मजबूर हैं उनकी आय इतनी नहीं है कि आबंटित आवास छोडक़र स्वयं का आवास बना सके आवासों का रखरखाव भी नहीं किया जा रहा है नवनियुक्त कर्मचारियों को 1 बीएचके का आवास उपलब्ध कराया जा रहा है जो नवरत्न कंपनी को शोभा नहीं देता किसी भी सार्वजनिक उपक्रम में मिनिमम 2बीएचके का आवास दिया जा रहा है प्रबंधन के पास आवासों की संख्या ज्यादा है लेकिन यह आवाज रहने योग्य नहीं है इसका सर्वे भी प्रबंधन ने कभी नहीं कराया ।
वरिष्ठ सचिव वीके सिंह ने कहा कि ई0 की परीक्षा प्रणाली कर्मचारियों में आपस में अंतर्विरोध उत्पन्न करने वाली है संयंत्र के कर्मचारियों ने इसे पूरी तरह नकार दिया है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण शिक्षा विभाग एवं आरसीएल विभागमें देखने को मिलता है इन विभागों में 50: से ज्यादा कर्मचारी आउटसोर्सिंग पर हैं जिसमें 16 व 23 लोगों को प्रमोट कर ई 0 बनाया गया है इसमें भी वरिष्ठता को दरकिनार किया गया है ऐसी परीक्षा प्रणाली किस काम की जिसमें कर्मचारी उत्साहित होने के बजाय हतोत्साहित हो जाएं
यूनियन के उपाध्यक्ष लखविंदर सिंह ने कहा कि प्लांट में ठेका श्रमिकों को कुछ विभागों में प्रतिदिन 12 घंटे काम लिया जा रहा है एवं न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा है तथा श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है श्री लखविंदर सिंह ने नए पदस्थ अधिशासी निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन से मांग की की ऐसी प्रणाली बनाई जानी चाहिए जिससे श्रम कानूनों का उल्लंघन न किया जा सके