क्यों जापान में स्कूली बच्चियां पूछ रही हैं प्रेग्नेंसी को लेकर सवाल? japan teenage girls increase in pregnancy during coronavirus lockdown | knowledge – News in Hindi
जापान में स्कूली बच्चे प्रेग्नेंसी को लेकर ज्यादा जिज्ञासा जता रहे हैं (Photo-pixabay)
सेंट्रल जापान (Japan) के एक शहर कोबे में मार्च महीने में ही प्रेग्नेंसी (pregnancy) को लेकर दोगुने सवाल आने लगे. इनमें से 70 प्रतिशत सवाल किशोर उम्र बच्चों (teenage) की ओर से आ रहे हैं.
पहले भी था प्रेग्नेंसी बढ़ने का डर
कोविड-19 संक्रमण की रफ्तार कम करने के लिए जब दुनिया के देशों में लॉकडाउन शुरू हुआ, तभी ये आशंका आने लगी थी कि घर बैठे लोग ज्यादा वक्त साथ बिताएंगे और इससे प्रेग्नेंसी के मामले अचानक से बढ़ेंगे. यहां तक कि विशेषज्ञ इस वायरस के बाद के वक्त की तुलना दूसरे विश्व युद्ध से करने लगे. बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद बच्चों की जन्मदर बढ़ी थी. इस वक्त को बेबी-बूम के नाम से जाना जाता है. हालांकि कोरोना की तुलना उस वक्त से करते लोगों को ये अंदाजा शायद ही रहा हो कि इससे टीन-एज प्रेग्नेंसी भी तेजी से बढ़ेगी. जापान के हालिया हालात यही बता रहे हैं. यहां प्रेग्नेंसी और अबॉर्शन पर सलाह देने वाली संस्थाओं के पास किशोर उम्र के बच्चों और खासकर लड़कियों के फोन आ रहे हैं, जो अपनी हालत बताते हुए सलाह मांग रही हैं.
विशेषज्ञ इस वायरस के बाद के वक्त की तुलना दूसरे विश्व युद्ध से करने लगे (Photo-pixabay)
अनाथालयों में बच्चों को छोड़ने की योजना
जापान के शहर Kumamoto में हालात और खराब हैं. यहां Jikei Hospital में एक खास सुविधा है कि अगर कोई मां अपने बच्चे को पालने में सक्षम नहीं, या किसी भी वजह से बच्चे को अपनाना नहीं चाहती, तो वो बच्चे को कैंपस में लगे पालने में छोड़ सकती है. यहां से बच्चा सुरक्षित हाथों में चला जाएगा. पहले भी यहां पालने में बच्चे छोड़कर मांएं चुपचाप चली जाती थीं लेकिन अब अस्पताल में फोन आ रहे हैं, जिसमें स्कूली बच्चियां ये पता करना चाहती हैं कि छोड़े गए बच्चों की परवरिश ठीक से होती है या नहीं. अस्पताल के अनुसार ये ट्रेंड इसी मार्च से काफी तेजी से बढ़ा है.
जापान टाइम्स के मुताबिक एक कंसल्टेशन सेंटर Chiisana Inochi no Doa (इसका अर्थ है जिंदगी के लिए दरवाजा) जो एक अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की मदद करता है, फिलहाल किशोरियों को प्रेग्नेंसी और अबॉर्शन पर समझाइश दे रहा है.
पैसे कमाने के लिए स्कूली बच्चियां बड़ी उम्र के मर्दों को डेट कर रही हैं जिसे जापान में enjo kōsai कहा जाता है (Photo-pixabay)
बड़ी उम्र के पुरुषों के साथ जा रहीं
प्रेग्नेंसी बढ़ने की एक बड़ी वजह ये भी है कि जापान में किशोर-किशोरियां पहले गर्मी की छुट्टियों में पार्ट टाइम किया करते थे और उन पैसों से अपने अतिरिक्त शौक पूरे करते. अब लॉकडाउन के कारण पार्ट टाइम नियुक्तियां नहीं हो रही हैं. ऐसे में पैसे कमाने के लिए स्कूली बच्चियां बड़ी उम्र के मर्दों को डेट कर रही हैं. इसे जापान में enjo kōsai कहा जाता है. इसी के तहत पुरुषों के साथ डेट पर गई लड़कियां प्रेग्नेंट हो रही हैं. पहले प्रेग्नेंसी पर सलाह देने वाले सेंटरों पर कमउम्र लड़कियों की संख्या मुश्किल से 20 प्रतिशत रही थी जो इसी साल कोरोना के बीच 70 प्रतिशत से भी ज्यादा हो चुकी है.
कंडोम हुए स्टॉक से बाहर
वैसे जापान में इस मुश्किल वक्त में सेक्स से जुड़ी गतिविधियों और इससे जुड़े उत्पादों को बढ़ावा मिला है. एशिया टाइम्स में आई खबर बताती है कि कंडोम बनाने वाले सभी ब्रांड्स की बिक्री तेजी से बढ़ी है. इस वजह से कंडोम की घरपहुंच सेवा फिलहाल बंद है और कोई भी कंपनी ऑनलाइन ऑर्डर या तो ले ही नहीं रही, या फिर देर से सर्विस दे रही है. यहां तक कि टोक्यो में हर तरफ बने लव होटल पूरी तरह से पैक चल रहे हैं. बता दें कि जापान में दो-चार घंटों के लिए मिलने वाले कमरे देने वाले होटलों को लव होटल कहते हैं. इसी महीने जापान के गूगल सर्च पर सबसे ज्यादा यही love hotel सर्च किए गए. लॉकडाउन के बाद भी होटलों में मिलने वाले कपल्स पर बहुतों से सोशल मीडिया के जरिए सरकार का ध्यान भी खींचा है.
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First published: May 20, 2020, 2:35 PM IST