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कोविड-19: एक से दूसरे राज्य में जा रहे हैं तो ये नियम जानें, वर्ना हो जाएंगे परेशान | Know about quarantine measures in case of inter state travel during covid 19 | ahmedabad – News in Hindi

लॉकडाउन (Lockdown-4) का चौथा चरण शुरू हो चुका है और ट्रेन के अलावा सड़क मार्गों से भी कई राज्यों की यात्रा के रास्ते खुल रहे हैं. रास्ते सिर्फ लोगों के लिए खुलें, Corona Virus के लिए नहीं इसलिए यात्रा (Travelling) संबंधी कड़े नियम (Rules & Guidelines) भी लागू किए गए हैं. अब अगर आप एक राज्य से दूसरे राज्य (Inter State Travel) जा रहे हैं तो आपको नियम कायदों से वाकिफ होना पड़ेगा वर्ना मुश्किल खड़ी हो सकती है.

हाल में, भारतीय रेलवे ने कुछ नगरों के बीच स्पेशल पैसेंजर ट्रेनें शुरू कीं तो एक वाकया सुर्खियों में रहा. दिल्ली से बेंगलूरु पहुंचने वाली ट्रेन के यात्रियों को अनिवार्य रूप से पेड क्वारंटाइन सेंटरों में जाने को कहा गया. ऐसे में 50 से ज़्यादा यात्रियों ने विरोध किया कि उन्हें ये नियम पहले से नहीं बताए गए और काफी धरने प्रदर्शन के बाद न माने 15 यात्रियों को लौटती ट्रेन में बोगी जोड़कर दिल्ली लौटा दिया गया.

अब आपके लिए यह जानना ज़रूरी है कि अगर आप एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा करते हैं, तो आपको क्वारंटाइन के किन ज़रूरी नियमों से वाकिफ होना होगा. जानिए पूरा ब्योरा.

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लॉकडाउन के चौथे चरण में स्पेशल यात्री ट्रेनें जारी हैं और लोग कई राज्यों में यात्रा कर सकते हैं. फाइल फोटो.

सबसे पहले बात बेंगलूरु की
चूंकि बेंगलूरु पहुंचे रेल यात्रियों की खबर चर्चा में है इसलिए सबसे पहले जानिए​ कि यहां क्या नियम है. बेंगलूरु नगर पालिका के नियमों के मुताबिक खबरों में कहा गया कि आप किसी भी माध्यम से यहां पहुंचे, आपको हेल्थ स्क्रीनिंग से गुज़रना होगा. स्क्रीनिंग के बाद तय होगा कि आपमें कोविड 19 संबंधी लक्षण हैं या नहीं. हैं तो आपको कोविड हेल्थकेयर केंद्रों यानी डीसीएचसी भेज दिया जाएगा.

अगर लक्षण नहीं हैं, यानी आप एसिम्प्टोमैटिक हैं तो आपको कोविड केयर केंद्रों में बने संस्थागत क्वारंटाइन भेजा जा सकता है, या फिर होटलों में पेड क्वारंटाइन के लिए या स्कूलों और कल्याण मंडपों में बने सरकारी क्वारंटाइन में. यह उपलब्धता के हिसाब से होगा. अगर आप पेड क्वारंटाइन में जाएंगे तो कम से कम 750 रुपये प्रतिदिन से लेकर 5 हज़ार रुपये प्रतिदिन तक का खर्च संभव है.

क्या हैं क्वारंटाइन को लेकर नियम?

एयरलाइन्स के ज़रिये भारत पहुंचने वाले यात्रियों के लिए क्वारंटाइन अनिवार्य कर दिया गया है. पहले कुछ चिह्नित देशों से आने वाले यात्रियों को किया जा रहा था लेकिन ​अब दिल्ली सरकार ने कहा है कि किसी भी देश से आ रहे यात्री के लिए क्वारंटाइन अनिवार्य होगा. हेल्थ चेक के बाद तय किया जाएगा कि किस तरह के क्वारंटाइन केंद्र में किसी यात्री को भेजा जाए.

इसी तरह, खबरों की मानें तो लॉकडाउन के चौथे चरण में एक राज्य से दूसरे राज्य तक यात्रा करने पर क्या नियम होंगे, इस बारे में राज्यों को तय करना है. केंद्र की गाइडलाइन के मुताबिक 14 दिनों के क्वारंटाइन की सलाह दी गई है और ज़्यादातर राज्य इसी का पालन कर रहे हैं, फिर भी कुछ बिंदुओं पर हर जगह फर्क है.

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गंतव्य स्टेशन वाले राज्य के कोविड 19 सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा. फाइल फोटो.

नहीं मानेंगे राज्य की बात तो यात्रा नहीं!
जी हां, रेलवे ने यात्रा के लिए सिर्फ ऑनलाइन टिकट की व्यवस्था की है और अब इसमें नया नियम जोड़ दिया गया है. टिकट बुक तभी होगा जब आप इस बात पर सहमत होंगे कि आप जिस राज्य की यात्रा कर रहे हैं, उस राज्य में उतरने पर वहां के नियम फॉलो करने पड़ेंगे. इस तरह का पॉप अप टिकट बुकिंग के समय आएगा और अगर आपने इसे कैंसल किया तो टिकट बुक नहीं होगा. इस पॉप अप में लिखा होगा :

‘मैंने गंतव्य राज्य की स्वास्थ्य संबंधी हिदायतें पढ़ ली हैं. मैं उन्हें मंज़ूर करता हूं और उनका पालन करने का वचन देता हूं.’ बेंगलूरु में बीते गुरुवार को हुए यात्रियों के हंगामे के बाद यह व्यवस्था की गई है. अब जानिए कि किस राज्य में पहुंचने पर आपके लिए क्वारंटाइन संबंधी कैसे नियम हैं.

तमिलनाडु : सात दिन संस्थागत क्वारंटाइन अनिवार्य
अगर आप किसी और राज्य से तमिलनाडु पहुंचते हैं तो टेस्ट अनिवार्य रूप से होगा. दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र जैसे कोरोना वायरस संक्रमण के हॉटस्पॉट से आने पर अनिवार्य रूप से आपको संस्थागत क्वारंटाइन में जाना होगा. सात दिनों बाद आपका टेस्ट होगा और तब भी कोई लक्षण नहीं दिखते हैं तो आपको अगले 7 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन किया जाएगा. अगर आपके पास यह सुविधा नहीं है तो आप सरकारी क्वारंटाइन केंद्र में जा सकेंगे.

अगर आप नॉन हॉटस्पॉट राज्यों से पहुंचते हैं, तो आपमें लक्षण न दिखने की स्थिति में आपको होम क्वारंटाइन में भेजा जा सकेगा. यह सुविधा न होने पर आप 14 दिनों के लिए संस्थागत क्वारंटाइन के विकल्प चुन सकते हैं.

महाराष्ट्र : 14 दिन कहां रखा जाए? अफसर तय करेंगे
अगर आप किसी भी राज्य से महाराष्ट्र पहुंच रहे हैं तो 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन अनिवार्य होगा. यह ज़िले के कलेक्टरों और म्यूनिसिपल कमिश्नरों की ज़िम्मेदारी होगी. दूसरी ओर, क्वारंटाइन किस तरह किया जाए यानी सरकारी, पेड संस्थागत या घर पर, इस बारे में हेल्थ चेक के बाद स्थानीय स्वास्थ्य अफसर फैसला लेंगे.

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चेन्नई नगरपालिका ने यात्रियों के लिए गाइडलाइन ट्वीट की.

राजस्थान : ज़िलों से आने पर क्वारंटाइन अनिवार्य नहीं
राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने आला अफसरों के साथ रिव्यू मीटिंग के दौरान साफ निर्देश दिए कि राज्य के एक ज़िले से दूसरे ज़िले में जाने वाले लोगों के लिए 14 दिन का क्वारंटाइन अनिवार्य रूप से लागू न हो. लेकिन दूसरे राज्यों से राजस्थान आने पर 14 दिनों का क्वारंटाइन रहेगा. हेल्थ चेक के बाद तय होगा कि कैसे क्वारंटाइन किया जाए. वहीं, दूसरे राज्यों से प्रवासियों को राज्य में लाने और राज्य से भेजने संबंधी निर्देश ​भी दिए गए.

दिल्ली : ‘एसिम्प्टोमैटिक के लिए क्वारंटाइन ज़रूरी नहीं’
ट्रेनों से दूसरे राज्यों से दिल्ली पहुंचने वाले यात्रियों के बारे में दिल्ली सरकार के सर्कुलर के हवाले से लिखा गया है कि कोविड 19 के लक्षण जिन लोगों में नहीं हैं, उन्हें क्वारंटाइन किया जाना ज़रूरी नहीं है. हालांकि उन्हें घर जाने दिए जाने के साथ ही यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि वो अपने फोन पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कर लें.

सर्कुलर के मुताबिक जिन लोगों में मामूली लक्षण दिखें, उन्हें होम क्वारंटाइन किया जा सकता है. कोरोना संक्रमण के साफ लक्षण दिखने पर सैंपल, टेस्ट और क्वारंटाइन संबंधी स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन किए जाने के निर्देश हैं. यानी इस स्थिति में 14 दिनों का निगरानी वाला क्वारंटाइन अनिवार्य होगा.

केरल : क्वारंटाइन ज़रूरी पर घर पर संभव
अगर आप किसी और राज्य से केरल पहुंच रहे हैं तो कोविड 19 के लक्षण न होने पर आपके लिए 14 दिनों का क्वारंटाइन तो अनिवार्य होगा लेकिन यह होम क्वारंटाइन हो सकता है. लेकिन जिन यात्रियों में लक्षण नज़र आते हैं, उन्हें अगले ​कम से कम 14 दिनों तक क्वारंटाइन करने के लिए कोविड 19 अस्पतालों में भेजा जा सकता है. इसके बाद टेस्ट और नतीजों पर आगे की कार्यवाही तय होगी.

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बाकी राज्यों में क्या हैं नियम?
क्वारंटाइन को लेकर केंद्र सरकार की हिदायत है कि 14 दिनों का यह समय अनिवार्य हो. लक्षण होने पर निगरानी वाले संस्थागत या सरकारी केंद्र में लोगों को रखे जाने और लक्षण न होने पर होम क्वारंटाइन किए जाने के लिए राज्य अपने हिसाब से फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे कई राज्य इस बारे में केंद्र के निर्देशों का पालन कर रहे हैं, जबकि ओडिशा में होम क्वारंटाइन का समय बढ़ाकर 14 दिन से 28 दिन कर दिया गया है. विदेश, दूसरे राज्यों या ओडिशा के ही शहरी क्षेत्र से आने वाले यात्रियों के लिए यह नियम लागू किया गया है.

इसके अलावा, पंजाब में क्वारंटाइन के सख्त नियमों के निर्देश हैं.​ वहीं, गुजरात में होम क्वारंटाइन को प्राथमिकता दिए जाने की खबरें हैं. दूसरी ओर, गुजरात के यात्रियों के प्रवेश पर कर्नाटक में रोक लगाए जाने की खबरें हैं. एक तरफ, कुछ राज्य क्वारंटाइन नियमों की अवहेलना के चलते लोगों पर केस दर्ज कर रहे हैं तो दूसरी तरफ, ताज़ा खबर है कि केंद्र सरकार ने कोविड 19 ड्यूटी पर रहने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 14 दिनों के क्वारंटाइन की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. दिल्ली व कर्नाटक ने इस पर अमल भी किया है.

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