श्रमिक ट्रेनों के लिए अब जरूरी नहीं होगी राज्यों की सहमति, गृह मंत्रालय ने जारी किए नए निर्देश । Consent of States No Longer Needed for Shramik Trains as Home Ministry Scraps Clause | nation – News in Hindi


कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान 9 मई, 2020 को चेन्नई के सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर ओडिशा के प्रवासी अपने घर वापस जाने के लिए विशेष श्रमिक ट्रेनों में सवार होने का इंतजार करते हुए (फोटो- PTI)
नई अधिसूचना के अनुसार, फंसे हुए मजदूरों (stranded labourers) के लिए श्रमिक ट्रेनों की आवाजाही की अनुमति गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) से बातचीत के आधार पर रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) देगा. जिस राज्य से ट्रेन चलनी है उसे रेलवे को यात्रियों की एक लिस्ट देनी जरूरी होगी.
रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) की ओर से 2 मई को जारी सूचना, जिसमें कहा गया था कि श्रमिक ट्रेनें (Shramik Trains) चलाये जाने के लिए संबंधित राज्यों की सहमति मांगी जाएगी, यह कदम उस सूचना से उलटा है. पहले SOP में कहा गया था, ‘यदि फंसे हुए व्यक्तियों का एक समूह एक राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश से दूसरे राज्य के जाना चाहता है, तो जो राज्य उन्हें भेज रहा है और जहां वे जा रहे हैं, दोनों एक-दूसरे से परामर्श कर सकते हैं और रेल के जरिए यातायात के लिए सहमत हो सकते हैं.”
पहले उन राज्यों की सहमति भी जरूरी थी, जहां जा रहे प्रवासी
इसमें कहा गया था, ‘जिस राज्य में वे (प्रवासी मजदूर) जा रहे हैं, उनकी सहमति, जो राज्य भेज रहा है, उसे लेनी चाहिए और ट्रेन से रवाना होने से पहले रेलवे को इसकी एक प्रति देनी होगी.”अब गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) की ओर से मंगलवार को जारी नई अधिसूचना में सहमति के किसी भी संदर्भ को हटा दिया गया है और कहा गया है कि नोडल अधिकारी फंसे हुए मजदूरों को रिसीव करने और भेजने के लिए आवश्यक व्यवस्था करेंगे. साथ ही यह भी कहा गया कि रेलवे स्टॉपेज और लक्ष्य स्टेशन सहित ट्रेन शेड्यूल को अंतिम रूप देगा.
ममता बनर्जी सरकार ने लौटने वाले मजदूरों के लिे नहीं थी सहमति
रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है कि प्रवासी जिस राज्य में जा रहे हैं उसकी सहमति की अब आवश्यकता नहीं है. वह राज्य जहां से विशेष ट्रेनें चलेंगी, रेलवे को यात्रियों की सूची देगा.
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखा था कि राज्य में लौटने के इच्छुक प्रवासी फंसे हुए हैं क्योंकि ममता बनर्जी की सरकार ने प्रवासियों की वापसी के लिए अपनी सहमति नहीं दी थी.
हालांकि गृह मंत्रालय ने एक अलग बयान में मंगलवार को कहा कि राज्यों और रेलवे के बीच सक्रिय समन्वय प्रवासी श्रमिकों के सुचारू परिवहन के लिए और अधिक ट्रेनें चलाने के लिए आवश्यक है. यह भी कहा कि जिला अधिकारियों को रेलवे को अपनी आवश्यकताओं के बारे में जानकारी देनी चाहिए. किसी भी अफवाह को दूर करने के लिए ट्रेन अनुसूची, ठहराव समय और अन्य विवरण का अधिकतम प्रचार करने के लिए कहा गया.
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First published: May 19, 2020, 4:53 PM IST