जानें ट्रंप कोरोना से बचने के लिए कौन सी दवा लेते हैं, ये हाइड्रोक्लोरी क्वीन है, वीडियो में सुनें। usa president donald trump said He is Taking Hydroxychloro quine drug | knowledge – News in Hindi

अगर आप इस स्टोरी के साथ दिए गए वीडियो को देखेंगे तो ये पाएंगे कि ट्रंप बार बार कह रहे हैं कि वो रोज इस दवा का सेवन करते हैं बेशक इसको लेने को लेकर खास हिदायतें मेडिकल एक्सपर्ट देते हैं.
अमेरिकी प्रेसीडेंट ट्रंप ने ये बात व्हाइट हाउस में कोरोना वायरस को लेकर रोजाना होने वाली प्रेस ब्रीफिंग में कही. उन्होंने खुलासा किया कि वो लगातार मलेरिया रोकने वाली दवा हाइड्रोक्लोरो क्वीन का सेवन करते हैं. बतौर उनके कोरोना से बचाव के लिए ये सबसे शानदार दवा है. हालांकि पूरी दुनिया के मेडिकल एक्सपर्ट इसको लेकर तमाम चेतावनी देते रहे हैं.
डेढ़ हफ्ते से सेवन कर रहे हैंउन्होंने बताया कि वो पिछले डेढ़ हफ्ते से रोज इसका सेवन कर रहे हैं. लिहाजा उनमें कहीं भी कोरोना के कोई संकेत नहीं हैं. इस दवा का इस्तेमाल रेह्यूमाटॉयड आर्थराटिस और लिपस के इलाज में किया जाता है. लेकिन कई क्लीनिकल ट्रायल ये नतीजे आने बाकी हैं कि क्या ये दवा वाकई कोरोना वायरस के इलाज में असरदार है.
चीन में भी ये दवा कोरोना रोगियों को दी गई थी
चीन से आने वाली खबरों में भी बताया गया कि वहां जिन दो-तीन दवाओं का कांबिनेशन रोगियों को दिया जा रहा था, उसमें हाइड्रोक्लोरो क्वीन एक दवा थी. कुछ समय पहले ट्रंप ने खासतौर पर भारत से वो दवा भेजने के लिए कहा था. इसके बाद भारत ने इस दवा पर लगे निर्यात प्रतिबंधों में ढील देते हुए इस दवा की खेप अमेरिका भेजी थी. हालांकि वहां डॉक्टर्स ने इसे खारिज कर दिया.
ट्रंप बराबर कर रहे हैं इसकी पैरवी
अमेरिकी राष्ट्रपति इस दवा की वकालत काफी समय से कर रहे हैं. हालांकि मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस दवा के साइड इफेक्ट्स भी हैं.
डॉक्टर से खुद ये दवा लिखने को कहा
ट्रंप का कहना है कि उनके डॉक्टर ने ये दवा उन्हें रिकमंड नहीं की लेकिन उन्होंने व्हाइट हाउस के डॉक्टर से खुद अनुरोध किया कि वो ये दवा लेना चाहते हैं. उन्होंने कहा, “मैं इसे ले रहा हूं, क्योंकि मैं सोचता हूं कि ये अच्छी दवा है, मैने इसको लेकर बहुत सी अच्छी स्टोरीज सुनी हैं.” उन्होंने इस दवा के साइड इफेक्ट्स की बातों को खारिज कर दिया, उन्होंने कहा, “मैं कह सकता हूं कि मुझको ये ठीक लगी है.”

आईसीएमआर ने कहा है कि हाइड्रो क्लोरोक्वीन के कुछ नकारात्मक प्रभाव भी देखे गए हैं.
जानें एक्सपर्ट इस दवा के बारे में क्या कहते हैं
सवाल – हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन दवा का वास्तविक तौर पर किस काम आती है?
– ये मलेरिया प्रतिरोध दवा है, ये एक एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन प्रतिरोधी) दवा होती है. इसलिए ये रूमटॉइड आर्थ्राइटिस (संधिपात गठिया) और ल्यूपस जैसी बीमारियों में भी कारगर साबित होती है. ल्यूपस तो बहुत ही खतरनाक बीमारी होती है.
ल्यूपस प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करने वाली बीमारी है. इस बीमारी में त्वचा में सूजन, गुर्दे, जोड़ों, फेफड़ों, मस्तिष्क, रक्त कोशिकाओं और दिल जैसे विभिन्न शरीर प्रणालियां प्रभावित होने लगती हैं. ल्यूपस का निदान कई बार बहुत मुश्किल हो जाता है.
सवाल – क्या एचसीक्यू वाकई कोविड-19 में इलाज कर सकती है?
– इसका जवाब होगा-नहीं. अभी तक ये साबित नहीं हुआ है कि कोरोनावायरस का इलाज करने में कारगर है. लेकिन अध्ययन ये बताते हैं कि ये दवा कोविड-19 के पेशेंट से वायरल लोड को कम करती है. इस पर अमेरिका, ब्रिटेन, स्पेन और आस्ट्रेलिया में पुख्ता तौर पर क्लिनिकल ट्रायल भी हुए हैं. एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि इसके बड़े क्लिनिकल ट्रायल की जरूरत है ताकि मरीज पर इसके असर का पता चल सके.
सवाल – ट्रंप के इस दवा के साथ आने पर अमेरिकी प्रशासन क्या कर रहा है?
– जब से ट्रंप ने इस दवा की तारीफ की है, अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने दो एंटी मलेरिया ड्र्ग्स के इमर्जेंसी इस्तेमाल की इजाजत दे दी है-ये हैं क्लोरोक्वीन और हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन. जिनसे कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों का इलाज किया जा सके.उसका कहना है कि इस दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है. ये दवा अमेरिका में 1100 संक्रमित लोगों पर न्यू यॉर्क पर आजमाई गई और इसके परिणामों का इंतजार किया जा रहा है.
सवाल – क्या हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन सुरक्षित है?
– HCQ के रोगियों पर कुछ साइड-इफेक्ट्स भी हैं. ये दवा एजिथ्रोमाइसिन (Azithromycin) के साथ कांबिनेशन में ली जाए तो दिल की अनियमित धड़कन समेत कई दिक्कतें पैदा कर सकती है. अगर इसका ज्यादा डोज ले लिया जाए तो जहरीली भी साबित हो सकती है. दुनियाभर के मेडिकल एक्सपर्ट ने इसके समुचित क्लिनिकल अध्ययन के बगैर इसके इस्तेमाल पर चेतावनी दी है.
विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है क हालांकि 90 फीसदी लोगों के लिए ये सुरक्षित हो सकती है लेकिन दिल के लिए जोखिम भरी है. खासकर उन लोगों को, जिन्हें पहले से ही कोई रोग संबंधी दिक्कत हो. स्वीडन के कुछ अस्पतालों ने HCQS का इस्तेमाल साइड इफेक्ट्स के कारण रोक दिया है.
सवाल – भारत COVID-19 रोगियों के उपचार के लिए इस दवा का इस्तेमाल कर रहा है?
– भारत कोरोना वायरस के इलाज में इसका इस्तेमाल नहीं करता. आईसीएमआर ने भी इसके इस्तेमाल की सलाह भी हाईरिस्क उन लोगों के लिए प्रिवेंटिव इस्तेमाल में दिया है, जो कोविड ट्रीटमेंट में लगे हेल्थकेयर वर्कर हैं और उन लोगों के लिए जो कोविड-10 पॉजिटिव रोगी के सीधे संपर्क में हों. इसका इस्तेमाल hydroxycholoroquine के Azithromycin के साथ बुरी तरह से COVID-19 रोगियों के उपचार के लिए करने की अनुमति दी गई है लेकिन कड़ी मेडिकल निगरानी में.
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