Covid-19: देश में अब तक 3,000 से ज्यादा मौतें, 36 हजार से ज्यादा लोग हुए ठीक | coronavirus in india lockdown 4 infected case death toll on 18th may live updates | nation – News in Hindi
देश में कोरोना वायरस संक्रमण से अभी तक 3,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
सरकार ने दी कई कामों में ढील
कोविड-19 लॉकडाउन (Covid-19 Lockdown) के कारण ठप पड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आर्थिक गतिविधियां शुरू करने की छूट देते हुए देश के तमाम प्राधिकारों ने बाजार खोलने, अंतरराज्यीय परिवहन सेवा बहाल करने और यहां तक कि कुछ राज्यों में नाई की दुकान तथा सैलून आदि खोलने की भी अनुमति दे दी है. हालांकि ये छूट निषिद्ध क्षेत्रों में नहीं दी गई है.‘‘लॉकडाउन-4’’ में स्कूल, कॉलेज, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल और धार्मिक सहित अन्य प्रकार के आयोजनों पर पाबंदी है और यह कम से कम 31 मई तक जारी रहेगी.
25 मार्च से लागू है लॉकडाउन
भारत में 25 मार्च से ही लॉकडाउन जारी है जो शुरुआत में 21 दिन, यानी 14 अप्रैल तक के लिए लागू था. लेकिन उसे बढ़ाकर पहले तीन मई, फिर 17 मई और अब 31 मई तक कर दिया गया है. हालांकि, लॉकडाउन के चौथे चरण में कई रियायतें दी गई हैं, वहीं राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को अधिकार दिया गया है कि वे केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तय मानदंडों के आधार पर अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में किसी भी बड़ी-छोटी प्रशासनिक इकाई को रेड, ऑरेंज या ग्रीन जोन घोषित कर सकते हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह आठ बजे जारी बुलेटिन के अनुसार, देश में अभी तक 96,169 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं जबकि इस वायरस संक्रमण से 3,029 लोगों की मौत हुई है. वहीं कुल 36,824 लोग इलाज के बाद संक्रमण मुक्त होकर अपने-अपने घर लौट गए हैं.
लेकिन, पीटीआई-भाषा द्वारा विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से प्राप्त आंकड़ों के संकलन के मुताबिक सोमवार रात साढ़े 10 बजे (10:30 रात) तक देश में 1,00,157 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है वहीं कुल 3,078 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है जबकि 38,596 लोग इलाज के बाद संक्रमण मुक्त हुए हैं.
महाराष्ट्र में 35 हजार से ज्यादा केस
कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या के आधार पर बात करें तो देश में सबसे खराब स्थिति पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र की है.
राज्य में अभी तक कोविड-19 के 35,058 मामलों की पुष्टि हुई है और राज्य में लगातार दो दिन से 2,000 से ज्यादा नए मामले आ रहे हैं. राज्य सरकार के अनुसार महाराष्ट्र में अभी तक कुल 1,249 लोगों की मौत संक्रमण के कारण हुई है.
गुजरात में अभी तक कोविड-19 11,746 मामले सामने आए हैं जबकि संक्रमण से 694 लोगों की मौत हुई है. वहीं तमिलनाडु में अभी तक कुल 11,760 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने और संक्रमण से कुल 81 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है.
वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 10,000 के पार पहंच गई है जबकि अभी तक 160 लोगों की मौत संक्रमण के कारण हुई है.
मुंबई में अब तक 757 मौतें
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने आज बताया कि मुंबई में कोरोना वायरस से संक्रमण के 1,185 नए मामले आए हैं, जबकि 23 और लोगों की मौत हुई है. महानगर में अभी तक संक्रमण से 757 लोगों की मौत हुई है, जबकि कुल 21,152 लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं.
गुजरात के अहमदाबाद में कोरोना वायरस से 31 और मरीजों की मौत होने के साथ ही जिले में अभी तक संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 555 हो गई है. जिले में अभी तक कुल 8,683 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.
केरल में आए 29 नए केस
केरल में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी का रुख आज भी जारी रहा और राज्य में 29 नये मामले सामने आए हैं. फिलहाल राज्य में 630 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भारत में कोरोना वायरस की जांच के लिए अपनी परिवर्तित रणनीति में यह भी जोड़ा है कि अस्पतालों में भर्ती किसी भी रोगी को और कोविड-19 की रोकथाम और नियंत्रण में लगे अग्रिम पंक्ति के लोगों में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के लक्षण दिखने पर उनकी भी आरटी-पीसीआर जांच होगी.
इसके अलावा किसी संक्रमित मामले के सीधे संपर्क में और अत्यंत जोखिम में रहने वाले ऐसे लोग जिनमें लक्षण नहीं हैं, उनकी संपर्क में आने के पांचवें और दसवें दिन के बीच एक बार संक्रमण का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी. अभी तक ऐसे मामलों में पांचवें और 14वें दिन के बीच एक बार जांच की जा रही है.
जांच की नीति में हुए ये बदलाव
आईसीएमआर ने कहा, ‘‘आईएलआई के रूप में ऐसे मामलों को परिभाषित किया गया है जिनमें 38 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक बुखार के साथ सर्दी-खांसी और सांस संबंधी संक्रमण की समस्या हो, वहीं अति गंभीर श्वसन संबंधी संक्रमण (एसएआरआई) मामले में उन्हें रखा गया है जिनमें उक्त लक्षणों के साथ रोगी को अस्पताल में भर्ती करना जरूरी हो जाए.’’
अभी तक दिशानिर्देशों के अनुसार हॉटस्पॉट या नियंत्रण (कंटेनमेंट) क्षेत्रों में रह रहे आईएलआई के लक्षण वाले लोगों, एसएआरआई रोगियों और ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों जिनमें लक्षण दिख रहे हों, की कोरोना वायरस संक्रमण के लिए जांच की जा रही है.
साथ ही बीते 14 दिन में अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वाले ऐसे लोगों जिनमें लक्षण नहीं हैं तथा संक्रमित लोगों के संपर्क में आ रहे लक्षण वाले लोगों की जांच की जा रही थी.
एक-दो मामले आने पर बंद नहीं होगा भवन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज कहा कि कोविड-19 के एक या दो मामले आने पर कार्यालय के समूचे भवन को बंद करने की जरूरत नहीं होगी और निर्देशों के तहत संक्रमणमुक्त बनाने के बाद काम बहाल किया जा सकता है.
कार्यस्थल पर कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए एहतियाती उपायों पर दिशानिर्देश में कहा गया है कि हालांकि बड़े स्तर पर मामले सामने आने पर समूची इमारत को 48 घंटे के लिए बंद किया जाएगा. इमारत को संक्रमण मुक्त बनाए जाने और फिर से इसे काम बहाली के लिए उपयुक्त घोषित किए किए जाने तक सभी कर्मचारी घर से काम करेंगे.
मंत्रालय के दस्तावेज में कार्यस्थल पर कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए एहतियाती उपायों को रेखांकित किया गया है.
केन्द्र ने सोमवार को उपसचिव स्तर से नीचे के अपने 50 प्रतिशत कनिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि वे कार्यालय आकर अपना कामकाज करें.
केंद्र के 50 प्रतिशत कर्मचारियों को जाना होगा दफ्तर
केन्द्र ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि उपसचिव स्तर से नीचे के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों में से रोजाना 50 प्रतिशत लोग दफ्तर आएं और बाकी 50 प्रतिशत घर से काम करें.
गौरतलब है कि कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के कारण अभी तक इस श्रेणी में आने वाले महज 33 प्रतिशत कर्मचारियों को कार्यालय आने के लिए कहा गया था.
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