हिन्दी साहित्य परिषद सरगुजा के तत्वावधान में ऑनलाइन काव्य गोष्ठी

केशकाल(सबका संदेश)। हिन्दी साहित्य परिषद सरगुजा के तत्वावधान में ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें सहभागी कवियों द्वारा विविध प्रकार से राष्ट्र के समसामयिक विषयों का रेखांकन करते हुए साहित्यकारों ने दक्षतापूर्ण प्रस्तुति दी । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और परिषद के संस्थापक अध्यक्ष सुरेश प्रसाद जायसवाल “निश्छल” ने कहा की भारतवर्ष के सम्पूर्ण जनमानस पर वैश्विक आपदा का प्रभाव पड़ा है । वर्तमान हालात चिंताजनक अवश्य है । पर साहित्यकार समाज का जागरूक प्रहरी होता है हम सभी साहित्य के माध्यम से जनजागरण करते रहेंगे । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्था की कार्यकारी अध्यक्ष पूर्णिमा पटेल ने कहा कि कुछ परिस्थितियाँ व्यक्ति के हाथ में नहीं होती,,इससे सामुदायिक स्तर पर पहल करना पड़ता है । और वही पहल आज हम ऑनलाइन कवि सम्मेलन के माध्यम से करने जा रहे है । साहित्यकार समाज का प्रबुद्ध नागरिक माना जाता है । और वह समाज के विविध विषयों पर चिंतन करता है तथा हिन्दी साहित्य परिषद के साहित्यकारों ने इसी चिंतन को समाज के पटल पर रखा है । जिसका लाभ समाज को अवश्य मिलेगा । परिषद के महासचिव और हास्य कवि विनोद तिवारी ने कहा साहित्य समाज का प्रतिबिंब होता है । और साहित्यकार समय -समय पर अपने साहित्य सृजन के माध्यम से समाज और शासन का ध्यान, देशकाल की समसामयिक्ता की ओर आकृष्ट कराता है जैसा की आज अनेकों कवियों ने किया । कार्यक्रम का संचालन अनिता मंदिलवार “सपना”, रश्मि विपिन अग्निहोत्री केशकाल, और अर्चना पाठक “निरंतर” ने संयुक्तरूप से किया । जिसकी सराहना सभी ने की । कार्यक्रम के प्रारंभिक चरण में गीता द्विवेदी जी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की जो अतिसुन्दर और मनोहारी रही । आभार प्रदर्शन परिषद के कोषाध्यक्ष रंजीत सारथी और परिषद के प्रवक्ता राज नारायण द्विवेदी ने किया ।
सहभागी साहित्यकारों में गीतकार पूर्णिमा पटेल, रामबाबू शर्मा राजस्थान, संजय बहिदार श्रेयस रायगढ़, अंचल कुमार सिन्हा ,रंजीत सारथी “कुशल ” विजय सिंह “दमाली ” अर्चना पाठक निरंतर,हास्यकवि विनोद तिवारी, रश्मि विपिन अग्निहोत्री केशकाल कोण्डागांव ,सीमांचल त्रिपाठी विश्रामपुर, श्याम बिहारी उत्कृष्ट , गिरधारी लाल चौहान , मधु गुप्ता “महक” बतौली रामचन्द्र प्रधान “लोईंग” विनय पाठक बिलासपुर अंनत अनुसुईया झा भिलाई, केवरा यदु मीरा , अनिता मंदिलवार सपना डाॅ सपन सिन्हा “सपन” मनेन्द्रगढ़ अविनाश तिवारी अमेरा मधुमिता घोष ‘मीत’ भदार राजपुर मन्शा शुक्ला , गीता द्विवेदी अलका अरूण मिश्रा युवा कवि अभिनव चतुर्वेदी आदि की प्रस्तुति सराहनीय और प्रशंसनीय रही ।
साहित्य मे लम्बें समय से क्रियाशील अम्बिकापुर की कवयित्री अनिता मंदिलवार ने कहा कि साहित्यिक गतिविधियाँ समय- समय पर होनी चाहिए । इससे समाज को गति मिलती है । लाकडाउन के समय और परिधि को देखते हुए ऑनलाइन आयोजन ही विकल्प है ।
कोण्डागांँव केशकाल की कवयित्री रश्मि विपिनअग्निहोत्री ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा की परिषद की यह पहल सराहनीय और प्रशंसनीय है । अम्बिकापुर की साहित्यिक प्रतिभाओं का नाम मैं दूर से सुनी थी पर कार्यक्रम में सभी लोगों की रचना सुनकर मन प्रसन्न हुआ। सभी साहित्यकार सृजन, साहित्य और समाज के प्रति समर्पित व जागरूक दिखे ।
आभार प्रगट करतें हुए राजनारायण द्विवेदी जी ने कहा की जो लिखता है वो चिंतन भी करता है । तब जाकर कोई साहित्य सृजन कर पाता है । वर्तमान परिपेक्ष के हालात पर कवियों ने जो प्रकाश डाला सराहनीय और प्रशंसनीय है ।आगे भी समाजिक और राष्ट्रीय जागरण हेतु समसामयिक विषयो पर इस तरह के आयोजन होते रहेंगे ।
संस्था की कार्यकारिणी अध्यक्षा पूर्णिमा पटेल जी ने कहा…आज खूबसूरत ऑनलाइन कवि सम्मेलन का बहुत शानदार संचालन किया अनिता, अर्चना एवम् रश्मि जी ने। मै आभारी हू सभी साहित्यकारों की जिन्होने भाग लेकर यह कार्यक्रम सुंदर बनाया। सभी को शुभकामनाएं देती हूँ ।