देश की वित्तमंत्री ने जनता को दिखाया केवल सब्जबाग
भिलाई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के पांचवे किस्त की घोषणा की है जब तक देश में लॉकडाउन समाप्त नहीं होता तब तक देश की आर्थिक स्थिति नहीं सुधर सकती चाहे सरकार 20 लाख करोड़ रूपये के स्थान पर 50 लाख करोड के पैकेज की घोषणा क्यों ना कर दे, यह बैंक खाता और सरकारी दफतरों के दस्तावेजों में रहेंगा। जब तक आम लोगों के पास पैसा नही होगा और बाजार में पैंसा नहीं आ जाता तब तक गरीब मजदूर और समान्य व्यक्ति की स्थिति नहीं सुधरेगी।
पूरे देश में तीन चरण में लॉकडाउन होने के कारण छोटे-से-छोटा व्यवसायी एक सामान्य साइकिल का पंचर बनाने वाला क्यों ना हो उसकी तक रोजी-रोटी खत्म हो गई है, सरकार ने कितना भी अनाज बांटा लेकिन रोज की जरूरत की चीजें नमक,तेल,मिर्ची,हल्दी,धनिया, सब्जी, भाजी सहित अन्य कई अतिआवश्य चीजें है जिसको खरीदने के लिए पैसे की जरूरत है। जब तक गरीब के जेब में पैंसा नहीं आयेगा तब तक देश की आर्थिक स्थिति नहीं सुधरेंगी चाहे सरकार पच्चासों लाख करोड़ रूपये का पैकेज की घोषणा कर दे। यह केवल देश की जनता को सब्जबाग दिखाया जा रहा है। जिसका लाभ केवल बडे उद्योगपतियों को मिला। आज देश के करोड़ों शिक्षित बेरोजगार, श्रमिक, मजदूर, समान्य वर्ग कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक स?कों में अपने घर जाने को भटक रही है अचानक लॉकडाउन की घोषणा करने के कारण यह स्थिति देश की जनता के साथ हो रहा है केवल दो दिन का समय मिल गया होता तो देश के जनता की दुर्गति नहीं होती।