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गुरूमती माताजी का रूआबांधा मंदिर में हुआ मंगल विहार

इससे पूर्व जैन समाज के लोगों ने सेक्टर जैन मंदिर में ज्ञीफल अर्पण कर किया नमन

भिलाई। जैन समाज के लोगों ने रविवार को श्री 1008 पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर सेक्टर 06  में श्रीजी के मंगल अभिषेक शांतिधारा किया।  इसके अलावा इन्होंने परम पूज्य 105 श्री गुरूमती माताजी को ससंघ  भक्तो ने श्रीफल अर्पण कर नमन किया। उक्त जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी प्रदीप जैन बाकलीवाल ने बताया कि पूज्य गुरूमती माताजी ने अपने उपदेश में भारत देश के बॉर्डर पर जो सैनिक अपने माता, पिता, पत्नी संतान को छोडक़र देशवासियो की सुरक्षा के लिए सीमा में सदैव मुस्तेद रायफल के साथ एकटक तैनात रहकर अपने कर्तब्यों का पूरे पराक्रम के साथ दुश्मन से लडऩे के लिए हरदम तैयार रहता हैं, आज उन सेनिको को हम नमन करते है। आज यदि हम साधुगण अपने साधना ,ध्यान में लगे हुए है, और आपसभी अपना निर्भीक होकर जो जीवन हम अमंनशान्ति सुकून के साथ सुरक्छित होकर देश मे रहरहे है, उसमे सबसे अहम योगदान देश सेवा में सतत तैनात सेनिको की वजह से संभव रहता है।

गुरूमाताजी ने अपने उपदेश में आगे कहा कि आप सम्यग्दृष्टि का भाव अपने जीवन मे रखते हुए,सादगी के साथ अपना जीवन जिये,और अपने कार्यो के प्रति जैसा भाव रखते हो वैसा ही सम्यग भाव दुसरो के प्रति प्रभु के समवशरण में ध्यान लगते हुए पूरी ईमानदारी के साथ जीवन जिओ। यदि व्यापारी भाई हो तो वो जो आजकल क्या बोलते है, कोनसा टेक्स ,चला है ,

जीएसटभ् अर्थात वो सम्यकदृष्टि के तरह ही है। आप सभी पूर्ण ईमानदारी से व्यापार करते हुए टैक्स  देवे। सम्यक दृष्टि का भाव रखे और समताभाव के साथ अपना जीवन धर्मध्यान के साथ जिये। व्यर्थ की फिजूल बातो ,रागद्वेष से बचे। माताजी ने कहा कि आप सभी गोसेवा करते हुए गिर नस्ल की गायों का अमृत पान किया करे उसमे स्वर्ण का अंश उसकी डील में रहता है।और उसका दूध पोस्टिक रहता है।

पूज्य माताजी का मंगल विहार संध्या रूआबांधा मंदिरजी में हो गया। सभा का संचालन मंत्री प्रशांत जैन ने किया। पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायत अध्यक्ष ज्ञानचंद बाकलीवाल ,दीपचंद जैन देवेंद्र जैन,महावीर निगोटिया,प्रवीण जैन ,शिम्पी जैन,मुकेश जैन,संजय चतुर,भाकचन्द जैन राजीव जैन,विनोद जैन ,आदि उपस्थित थे।

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