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लॉकडाउन 4.0 में बढ़ी राज्यों की जिम्मेदारी, कोरोना को रोकने की होगी बड़ी चुनौती – Lockdown 4.0 increased states responsibility, will be a big challenge to stop Corona | nation – News in Hindi

लॉकडाउन 4.0 में बढ़ी राज्यों की जिम्मेदारी, कोरोना के बढ़ते मामले रोकने की होगी चुनौती

केंद्र सरकार ने राज्यों को ​अधिकार दिया है कि वह जोन अपने हिसाब से बांटें.

लॉकडाउन के तीन चरणों को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के बाद अब केंद्र सरकार (Central Government) ने राज्यों को लॉकडाउन के चौथे चरण (Lockdown 4.0) की जिम्मेदारी सौंप दी है.

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए देशभर में लगाया गया लॉकडाउन (Lockdown 3.0) का तीसरा चरण अब खत्म हो गया है. लॉकडाउन के तीन चरणों को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के बाद अब केंद्र सरकार (Central Government) ने राज्यों को लॉकडाउन के चौथे चरण (Lockdown 4.0) की जिम्मेदारी सौंप दी है. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों की मांग मानते हुए उनके हिसाब से जोन बांटने की छूट दे दी है. इसके साथ ही सभी राज्यों को ये अधिकार दिया गया है वह कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अपने हिसाब से छूट और सख्ती का नियम तय कर सकते हैं.

बता दें कि सरकार ने जब लॉकडाउन का दूसरा चरण शुरू किया तो केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी दिशा निर्देश में केरल ने कुछ बदलाव किए थे. इस दौरान गैर एसी वाली नाई की दुकान, स्टेशनरी शॉप और बसों को चलाने की छूट दे दी गई थी. हालात ये हुए कि जो प्रदेश लॉकडाउन के पहले चरण में ही कोरोना मुक्त होने के कगार पर खड़ा हो गया था वहां भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा दर्ज किया जाने लगा. संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केरल सरकार को अपनी सभी छूट को दोबारा वापस लेना पड़ा.

4 मई को लॉकडाउन के तीसरे चरण के दौरान गृह मंत्रालय ने प्रत्येक राज्य के जिलों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटा था. इसके साथ ही राज्यों में कौन सी दुकानें खुलेंगी और कौन सी नहीं इसके लिए निर्देश जारी किए गए थे.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बैठक के दौरान राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस संकट की घड़ी में राहत पैकेज की भी मांग की थी, जिसे सरकार ने माना और 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया गया. लॉकडाउन के तीसरे चरण में गृह मंत्रालय ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ लघु उद्योगों, आईटी, चिकित्सा और आवश्यक गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दी थी. इसके साथ ही वाहनों को लेकर भी कई नियम जारी किए गए थे. लॉकडाउन के तीसरे चरण में कौन सी दुकानें खुलेंगी और कौन सी नहीं इस बारे में भी दिशा निर्देश जारी किए गए थे.

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बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ हुए बैठक में निर्णय लिया गया था कि जिलों को जोन में बांटने का काम राज्यों को दिया जाना चाहिए, इससे कोरोना की जंग जीतने में आसानी होगी. यही कारण है कि लॉकडाउन के चौथे चरण में राज्यों को छूट है कि वह जिलों को कन्टेनमेंट, रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटे. केंद्र के इस फैसले के बाद अब राज्यों को कोविद -19 की जिम्मेदारी लेनी होगी. कुछ अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि इस तरह के कदम से स्थानीय स्तर पर कोरोना महामारी को कम किया जा सकता है. राज्यों को अधिकार मिलने के बाद कोरोना की जमीनी हकीकत को सामने लाने में मदद मिलेगी, जिससे इसका इलाज जल्द से जल्द ढूंढा जा सकेगा.

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