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बिहार सरकार ने मधुमक्खी पालन के ​लिए 500 करोड़ का किया प्रावधान, इस पेशे से 50 हजार जुड़े-Bihar government has made a provision of 500 crores for beekeeping | patna – News in Hindi

बिहार में मधुमक्खी पालकों का बनेगा डेटाबेस, सरकार ने किया 500 करोड़ का प्रावधान

बिहार में मधुमक्खीपालकों का बनेगा डेटाबेस

बिहार सकार ने मधुमक्खी (Bee) पालन को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है. केन्द्र सरकार द्वारा नेशनल बीकीपिंग एंड हनी मिशन का भी गठन किया जा रहा है.

पटना. बिहार सरकार (Bihar Government) का कृषि विभाग मधुमक्खी पालन (Bee Keeping) करने वालों का डेटाबेस तैयार करेगा ताकि शहद की ब्रांडिंग की जा सके. बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार (Dr. Prem Kumar, Agriculture Minister) ने कहा कि जल्द ही बिहार के शहद की ब्रांडिंग की जाएगी और राज्य से इसका निर्यात भी किया जाएगा. विभाग को इसके लिये व्यापक कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया गया है.​ मंत्री ने बताया कि बिहार में बड़े पैमाने पर शहद का उत्पादन होता है. राज्य में लगभग 5 लाख हनी बॉक्स के माध्यम से शहद का उत्पादन होता है. इस पेशे से 50 हजार से अधिक लोग जुड़े हुए हैं. यह क्षेत्र राज्य में लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है. बिहार के शहद की मांग देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है. बिहार के शहद की माँग अमेरिका, सऊदी अरब, कतर, मोरक्को आदि देशों में बहुत अधिक है. केंद्र सरकार के घोषित 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज में शहद उत्पादन को भी प्रमुखता दी गई है.

मधुमक्खी पालन के व्यवसाय को कैसे मिलेगी गति

मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है. केन्द्र सरकार द्वारा नेशनल बीकीपिंग एंड हनी मिशन का भी गठन किया जा रहा है. डॉ. प्रेम ने बताया कि राज्य में पहले से भी मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए योजना चलाई जा रही है. शहद पालन के लिए राज्य सरकार की ओर से 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. अब केन्द्र सरकार की नई घोषणा से राज्य में मधुमक्खी पालन के व्यवसाय को गति मिलेगी और लाखों लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेगा.

शहद की ब्रांडिग की जाएगीडॉ. कुमार ने कहा कि राज्य में मधुमक्खी पालन को उड़ान देने के उद्देश्य से राज्य के सभी मधुमक्खी पालकों का डेटाबेस तैयार करने का निर्देश निदेशालय को दिया गया है. डेटाबेस तैयार हो जाने के बाद उनके द्वारा उत्पादित शहद का ब्रांडिंग किया जाएगा और बेहतर बाजार की व्यवस्था की जाएगी ताकि उन्हें ज्यादा से ज्यादा मूल्य मिल सके. राज्य के सभी मधुमक्खी पालकों को विभाग द्वारा एक पहचान पत्र भी निर्गत किया जा रहा है ताकि उन्हें मधुमक्खी बक्सों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवहन करने में कोई परेशानी नहीं हो.

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First published: May 18, 2020, 6:39 AM IST



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