मेरा घर भाजपा का घर अभियान भी कही कमल बनाओं अभियान का न हो हश्र हो

औसतन हर बूथ में सौ घर होने से सफलता पर संदेह
भिलाई। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा की ओर से शुरू किए गए मेरा घर भाजपा का घर अभियान की भिलाई जिला संगठन के दायरे में सफलता पर प्रश्नचिन्ह उभर आया है। इस अभियान के तहत घर-घर पार्टी का झण्डा लगाकर भाजपा के पक्ष में माहौल तैयार करना है। भिलाई जिला संगठन की ओर से अपने सीमा में शामिल छह सौ से भी अधिक बूथों के लिए महज दो हजार झण्डे की व्यवस्था की है। औसतन हर बूथ में लगभग सौ घर होनेसे इस अभियान की सफलता संदेह के घेरे में आ गई है।
भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव सुश्री सरोज पांडेय और जिला भाजपा अध्यक्ष सांवलाराम डाहरे ने बीते 11 फरवरी को अपने-अपने निवास पर पार्टी का झण्डा फहराकर राष्ट्रीय नेतृत्व के मेरा घर भाजपा का घर ्भियान की शुरुवात कर दी है। इस अभियान के तहत पार्टी कार्यकर्ताओं को खुद के घर के साथ ही अपने-अपने बूथ में आम लोगों के घरों में भी भाजपा का झण्डा लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन अब तक इस अभियान से आम लोगों का जड़ाव देखने को नहीं मिल पा रहा है। यहां तक कि संगठन के मोर्चा प्रकोष्ठ में पदाधिकारी के रूप में शामिल नेताओं के घर में भी भाजपा का झण्डा नदारद है।
बताया जा रहा है कि भिलाई जिला भाजपा संगठन की ओर से इस अभियान के लिए दो हजार झण्डे की व्यवस्था की गई है। जबकि भिलाई जिला संगठन में दस मंडल शामिल है और चुनाी दृष्टिकोण से देखा जाए तो इसमें छह सौ से भी अधिक ूथ समाहित है। ऐसे में मान लिया जाए कि एक बूथ में सौ घर भी है तो एक-एख बूथ के हिस्से में तीन से चार झणडा ही लगाया जा सकता है। इस तरह बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक को अफने घर में लगाने के लिए पार्टी की झण्डा मिल पाना मुश्किल नजर आ रहा है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के लिहाज से माहल पैदा करने के उद्देश्य से घर-घर भाजपा का झण्डा लहराने राष्ट्रीय नेतृत्व की मंशा के पूरी होने पर संदेह उभर आया है।
गौरतलब रहे कि भिला जिला भाजपा संगठन में भिलाई नगर व वैशाली नगर का पूरा इलाका शामिल है। वहीं दुर्ग ग्रामीण, अहिवारा व पाटन विधानसभा का भी इसमें आंशिक दखल है। लेकिन संगठन के दायरे में शामिल किसी भी विधानसभा में इस वक्त भाजपा का विधायक नहीं है। हालांकि इससे पहले भिलाई नगर, वैशाली नगर तथा दुर्ग ग्रामीण में भाजपाई विधायक होने के बावजूद जिला संगठन की उनसे रही दूरी के चलते पार्टी कार्यक्रम को लेकर तालमेल बन नहीं पाता था। अब जब किसी भी विधानसभा में भाजपा के विधायक नहीं है तो मेरा घर भाजपा का घर अभियान की सफलता का पूरा दारोमदार जिला संगठन पर टिका हुआ है।
बताते हैं जिला संगठन की ओर से महज दो हजार झण्डे सभी 10 मंडलों के लिए लाये जाने की जानकारी मिलने पर कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई है। नाम न छापने की शर्त पर जिला संगठन के एक ओहदेदार ने बताया कि जिला अध्यक्ष ने मंडल अध्यक्षों को जरुरत के मुताबिक झण्डों की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। लेकिन कोई भी मंडल अध्यक्ष इसके लिए तैयार नहीं दिख रहा है। इसी वजह से घर-घर भाजपा का झण्डा लगाने का अभियान अभी थमा हुआ है।
बॉक्स में
नहीं बन पाया था कमल निशान
भाजपा ने विधानसभा चुनाव के पहले प्रत्येक बूथ में कम से कम 10 दीवारों में पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल का निशान बनाने का निर्णय लिया था। लेकिन किसी-किसी मंडल में ही वह भी औपचारिकता निभाते हुए इस अभियान को अनमने तरीके से अंजाम दिया गया था। जबकि जिला भाजपा संगठन की ओर से राष्ट्रीय महासचिव सुश्री सरोज पांडेय की मंशा के अनुरुप दीवारों में कमल निशान उकेरने के कार्यक्रम की घोषणा पत्रकारवार्ता लेकर की गई थी। बताते हैं कमल निशान बनाने में आने ाले खर्च के भुगतान को लेर स्थिति स्पष्ट नहीं किए जाने से मंडल अध्यक्षो ने कोई उत्सुकता नहीं दिखाई। अब वही हालात मरा घर भाजपा का घर अभियान में झण्डे की व्यवस्था को लेकर बन गई है।