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OPINION:क्या बीजेपी पुराने दिग्गजों की जगह अब नए और दूसरी पार्टी के नेताओं को तरजीह दे रही है? -BJP Loyalists vs Outsiders Is Party Quietly Edging Out Veteran Bahujan Leaders for New Imports | nation – News in Hindi

OPINION: क्या बीजेपी पुराने दिग्गजों की जगह अब नए और दूसरी पार्टी के नेताओं को तरजीह दे रही है?

खडसे ने आरोप लगाया है कि बीजेपी में ऐसे लोगों को शामिल करने में तरजीह दी जा रही है जो कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से आए हैं.

पार्टी छोड़ने की धमकी देने वाले एकनाथ खडसे (Eknath khadse) ने एक बड़े मुद्दे को उठाया है. उन्होंने बीजेपी में बाहरी लोगों को वरीयता देने का मुद्दा उठाया है.

(धवल कुलकर्णी)

बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे (Eknath khadse) महाराष्ट्र विधान परिषद (Maharashtra MLC elections) के लिए 21 मई को होने वाले चुनाव में पार्टी द्वारा उनके नामांकन पर विचार नहीं किए जाने से नाराज हैं. खड़से बीजेपी में ओबीसी के एक ताकतवर नेता रहे हैं. एक समय उन्हें पार्टी में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर भी देखा जा रहा था.

पार्टी छोड़ने की धमकी देने वाले खडसे ने एक बड़े मुद्दे को उठाया है. उन्होंने बीजेपी में बाहरी लोगों को वरीयता देने का मुद्दा उठाया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी में ऐसे लोगों को शामिल करने में तरजीह दी जा रही है जो कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से आए हैं. बीजेपी ने खडसे के अलावा पंकजा मुंडे, विनोद तावडे और चंद्रशेखर बवानकुले जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी टिकट नहीं दिया है. इन्हें पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का विरोधी माना जाता है. खडसे ने कहा, ‘यह प्रदेश के चार-पांच नेताओं द्वारा मेरे जैसे लोगों के खिलाफ साजिश है जिसने अपने 40 साल पार्टी को दिए हैं. वे केंद्रीय नेतृत्व को भ्रमित कर रहे हैं.’

उल्लेखनीय है कि भाजपा खडसे से 2016 से ही दूरी बनाकर रख रही है. तब उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था. एक हैकर ने ये भी दावा किया था कि वो अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद की पत्नी इब्राहिम के संपर्क में थे.साल 2019 में खडसे को विधानसभा का टिकट नहीं दिया गया था. टिकट उनकी बेटी रोहणी खडसे खेवलकर को मिला था. उन्हें जलगांव से हार का सामना करना पड़ा था. यहां से उनके पिता 1990 लगातार चुने गए थे. गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा को अपने चचेरे भाई और राकांपा नेता धनंजय मुंडे के खिलाफ करारी हार का सामना करना पड़ा.

अपने राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे खडसे को उम्मीद थी कि पार्टी 21 मई को विधान परिषद की नौ सीटों के लिए होने वाले चुनाव में उन्हें प्रत्याशी बनाएगी. इस चुनाव में बीजेपी ने चार प्रत्याशी उतारे हैं. खडसे का दावा है कि उनका नाम पहले फाइनल हो गया था. बाद में इसे हटा दिया गया.

(पूरा आर्किटल पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

(ये लेखक की निजी राय है)

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First published: May 17, 2020, 1:07 PM IST



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