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मतगणना का समय जैसे जैसे करीब आते जा रही है वैसे वैसे प्रत्याशियों की धडकने हो रही है तेज

मात्र चौबीस घंटे से भी कम है मतगणना होने में

भिलाई।  मतगणना में अब महज 24 घंटे ही रह गये है।  जैसे जैसे मतणना का समय करीब आ रहा हैँ। वैसे वैसे अब एक ओर जहां प्रमुख दलों के प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं की धडक़ने तेज हो रही है। मतदान के दो तीन दिनों के बाद ये राजनीतिक चर्चा कम हो गई थी लेकिन चुनाव आयोग का प्रतिबंध का समय हटते ही विभिन्न चैनलों के एक्जिटपोल का नतीजा सामने आते ही हर गली और चौराहों पर चर्चा शुरू हो गई हैँ। जहां कांग्रेस एक्जीटपोल के नतीजों से उत्साहित होकर अपनी सरकार बनाने तो वहीं एक्जिटपोल के नतीजों को जुठलाते हुए भाजपाई अपनी सरकार बनाने तो जोगी कांग्रेस व बसपाई इस चुनाव में किंग मेकर की भूमिका निभाने की बात करते हुए अपने अपने बातों पर अडे हुए हैँ। इन चर्चाओं में इस बीच दुर्ग जिले की छह विधानसभा सीटों में कांग्रेस की बढ़त रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।

11 दिसंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की मतगणना के लिए प्रशासनिक अमला निर्वाचन आयोग के निर्देश पर तैयारियों को अंतिम रूप देने जुटा हुआ है।  दूसरी तरफ मतदान संपन्न होने के बाद राजनीतिक गलियारों में छायी खामोशी अब टूट चुकी है। एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद 11 दिसंबर को आने वाले वास्तविक नतीजे पर चल रहे कयासों और संभावनाओं ने दुर्ग जिले के साथ ही ट्विनसिटी की राजनीति में गरमाहट भरने का काम किया है। शहर के प्रमुख चौक चौराहों से लेकर गली कूचे में तक चुनावी परिणाम को लेकर तर्क वितर्क के साथ बहस छिड़ी हुई है। प्राय: सभी जगह की राजनीतिक चर्चाओं में दुर्ग जिले की छह विधानसभा में इस बार कांग्रेस को बढ़त मिलने का सार सामने आ रहा है।

ज्ञातव्य हो  कि वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में दुर्ग जिले की छह में से चार सीटों पर भाजपा का कब्जा हुआ था। भाजपा ने पिछले बाार भिलाई नगर, वैशाली नगर और दुर्ग ग्रामीण सीट को कांग्रेस से छीनतेे हुए अहिवारा में अपना कब्जा बचा लिया था। जबकि कांग्रेस ने अपने कब्जे वाली तीनों सीट भिलाई नगर, वैशाली नगर और दुर्ग ग्रामीण खोकर भाजपाई कब्जे वाली पाटन और दुर्ग शहर में जीत का परचम लहराया था। इस तरह पिछले बार कांग्रेस को छह में से केवल दो सीटें ही मिली थी। लेकिन इस बार कांग्रेस को लेकर कहा जा रहा है कि वह अपनी पिछली बार जीती दोनों सीट पाटन व दुर्ग शहर को बचाते हुए भाजपा से दो या तीन सीट छीन सकती है।

यहां पर यह बताना लाजिमी है कि कांग्रेसी कब्जे वाली पाटन व दुर्ग शहर में इस बार भाजपा ने नये प्रत्याशियों को मौका दिया है। पाटन में कांग्रेस के दिग्गज भूपेश बघेल के खिलाफ भाजपा ने अप्रत्याशित निर्णय के साथ रायपुर निवासी मोतीलाल साहू का उतारा। मतदान के बाद से ही यहां पर भूपेश बघेल का पलडा भारी माना जा रहा है। दुर्ग शहर में कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा की स्थिति त्रिकोणी संघर्ष के बावजूद राजनीतिक गलियारे में बेहतर बताई जा रही है। यहां पर भाजपा ने अपने महापौर चंद्रिका चंद्राकर को प्रत्याशी बनाया। वहीं जोगी कांग्रेस के प्रताप मध्यानी की दमदार मौजूदगी ने चुनावी मुकाबले को त्रिकोणी बना डाला।

दुर्ग जिले की हाईप्रोफाइल सीटों में से एक भिलाई नगर में इस बार भाजपा के कद्दावर नेता प्रेमप्रकाश पांडेय और कांग्रेसी महापौर देवेन्द्र यादव के बीच जोरदार मुकाबले के चलते भावी परिणाम पर असंमजस्य की स्थिति बनी हुई है। दोनों ही प्रत्याशियों के समर्थक अपनी-अपनी जीत के दावे करने से चूक नहीं रहे हैं। राजनीतिक गलियारे में भी भिलाई नगर के हार जीत के दो में मिश्रित भाव दिख रहा है।

भिलाई निगम के वैशाली नगर विधानसभा में भाजपा ने अपने विधायक विद्यारतन भसीन को दुबारा मौका दिया। वही कांग्रेस ने पूर्व मंत्री बदरुद्दीन कुरैशी का सीट बदलकर वैशाली नगर का प्रत्याशी बनाया। इन दोनों के बीच हुए मुकाबले को लेकर मतगणना से पहले चल रही चर्चा को माने तो यह सीट भाजपा के पक्ष में जाता दिख रहा है। दुर्ग ग्रामीण में कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू और भाजपा के जागेश्वर साहू के मुकाबले में सामाजिक समीकरण हावी रहा। अब जब राजनीतिक चर्चा चरम पर है तो परिणाम को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू का पलडा भारी बताया जा रहा  है। जिले की एकलौती अनुसूचित जाति आरक्षित अहिवारा विधानसभा में पिछले दो बार से भाजपा का कब्जा है। लेकिन इस बार राजनीतिक पंडितों की माने तो अहिवारा में कांग्रेस की परचम लहरा सकता है। यहां भाजपा के सांवलाराम डाहरे व कांग्रेस के गुरु रुद्र कुमार के बीच मुकाबला हुआ है।

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