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मारपीट के डर से कोविड-19 को मात देने के बाद भी रेलवे स्टेशन दिन गुजार रहा था यह शख्स । Fearing Social Ostracism, Bengal Man Spent Days at Railway Station after Recovering from Covid-19 | nation – News in Hindi

कोविड-19 को मात देने के बाद भी मारपीट के डर से रेलवे स्टेशन पर दिन गुजार रहा था यह शख्स

पन्ना लाल डे, हावड़ा के संकरील इलाके में अपने नालपुर घर में (News18)

हावड़ा (Howrah) में पुलिस अधिकारी आखिरकार कोलकाता नगर निगम (Kolkata Municipal Corporation) के इस कर्मचारी (employee) को मना पाये और उसे उसके घर ले गए. उन्होंने इसे कुछ राशन भी दिए और सभी आवश्यक सहायता का वादा किया.

कोलकाता. उनका अपना घर है, लेकिन उन्हें सामाजिक बहिष्कार (social ostracism) का डर था. हाल ही में खतरनाक COVID-19 से ठीक होने के बाद, पन्ना लाल डे पड़ोसियों की प्रतिक्रिया के बारे में चिंतित थे. इसलिए वह अपने हावड़ा (Howrah) के संकरील क्षेत्र के नालपुर गांव के घर में नहीं लौटे.

इसलिए कोलकाता नगर निगम (KMC) के एक कर्मचारी डे ने 13 मई को पूरी तरह से ठीक होने और एमआर बांगुर अस्पताल (MR Bangur Hospital) से छुट्टी मिलने के बाद संकरील रेलवे स्टेशन (Sankrail Railway Station) के रिटायरिंग रूम को अपना अस्थायी आश्रय स्थल बनाने का फैसला किया.

मारपीट के डर से स्वस्थ होने के बाद भी घर नहीं जा रहे थे
शहर में तॉपसिया में पंप ऑपरेटर (Pump Operator) के रूप में काम करने वाले डे को उनका पीछा किए जाने और मारपीट किये जाने का डर था. ऐसे में वे संकरील इलाके में यूं ही घूमते रहते थे और जो भी खाना और पानी स्थानीयों से मिल जाता था, उसी पर निर्भर रहते थे.इस बारे में सूचित किए जाने के बाद, हावड़ा के पुलिस आयुक्त कुणाल अग्रवाल ने स्थानीय पुलिस (Local Police) को उन्हें हर संभव सहायता देने के लिए कहा. जब पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने उनसे इसके बारे में पूछताछ की, तो उन्होंने महसूस किया कि डे सामाजिक बहिष्कार  के डर से घर लौटने से अनिच्छुक थे.

घर ले गई पुलिस, राशन और हेल्पलाइन नंबर भी दिया
अंत में, उन्होंने डे को मना लिया और उनके नालपुर घर पर छोड़ दिया. उन्होंने डे को सहायता के लिए कुछ राशन और एक हेल्पलाइन नंबर भी दिया.

बाद में, डे ने कहा कि वे भ्रमित थे और अगले कदम पर फैसला नहीं कर सकता थे. उन्होंने News18 को बताया, “मैं अपनी मदद के लिए हावड़ा पुलिस (Howrah Police) का वास्तव में आभारी हूं. न केवल उन्होंने मुझे सुरक्षित रूप से मेरे घर तक पहुंचाया बल्कि मुझे हर तरह की मदद का आश्वासन भी दिया. मैं उनके इस काम को कभी नहीं भूलूंगा. वे मेरे सामने एक मसीहा की तरह आये.”

‘संकट में घिरे बुजुर्गों और महिलाओं की अतिरिक्त देखभाल का आदेश’
अग्रवाल ने कहा, “हम ऐसे कई लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, जो कोरोना वायरस महामारी के कारण मदद चाहते हैं या परेशान हैं. हमारे अधिकारी चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं और मैंने अपने जिले के सभी लोगों को जरूरत पड़ने पर सीधे अपने कार्यालय पहुंचने का आश्वासन दिया है. मैं हर किसी से अनुरोध करना चाहूंगा कि सामाजिक दूरी (Social Distancing) बनाए रखें और इस वायरस से निपटने में पुलिस का सहयोग करें. हमारे अधिकारियों को संकट में बुजुर्ग लोगों और महिलाओं की अतिरिक्त देखभाल करने के लिए भी कहा गया है.”

यह भी पढ़ें: COVID-19- केरल में एक आदमी से 500 लोगों को संक्रमण का खतरा

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First published: May 17, 2020, 5:16 AM IST



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