कोरोना के दौर में क्यों सबसे सुरक्षित है एयर ट्रैवल? भारत में कैसे आएगा बूम? | Know what jayant sinha says about indian aviation boom in post corona virus india | knowledge – News in Hindi
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1. कैसे होगा सबसे सुरक्षित एयर ट्रैवल?
सबसे पहले तो दुर्घटनाओं के लिहाज़ से हवाई यात्रा को सबसे सुरक्षित माना जाता रहा है. लंबी दूरी के ट्रांसपोर्ट के लिए भी ट्रेन की बजाय हवाई जहाज़ ज़्यादा सुरक्षित माना गया है. हालांकि ये विश्लेषण अमेरिका और यूरोप के संदर्भ में हुए हैं, लेकिन भारत पर भी फिट बैठते हैं. अब बात है कोरोना वायरस संक्रमण के दौर की, तो लोगों में यात्रा के वक्त संक्रमण को लेकर चिंता होना जायज़ होगा.
ऐसे में, सिन्हा के मुताबिक ट्रेन या सड़क मार्ग से दूरी तय करने में जितना वक्त लगता है, उससे बहुत कम हवाई जहाज़ से इसलिए यह यात्रा का बेहतर तरीका होगा. दूसरी ओर, प्लेन में एयर सर्कुलेशन उतना ही होता है, जितना सबसे अच्छे अस्पतालों में. यानी संक्रमण का जोखिम कम होगा.
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अब एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और सैनेटाइज़र उपयोग करना अनिवार्य नियमों में होगा. (फाइल फोटो)
2. कैसे जारी रहेगा कम कीमतों का दौर?
दुनिया भर की तुलना में देखा जाए तो भारत में हवाई किराया काफी कम रहा है. द प्रिंट के लिए लिखे लेख में सिन्हा ने कहा कि इकोनॉमी सीट के लिए प्रति किलोमीटर की दूरी पर लोग सिर्फ 5 रुपये के खर्च पर यात्रा कर पाए हैं इसलिए यहां तक कहा गया है कि ‘अब तो हवाई चप्पल पहनने वाले हवाई जहाज़ में चल रहे हैं.’
सिन्हा का दावा है कि हवाई यात्राएं और सस्ती हो सकती हैं. इसका कारण उन्होंने बताया है कि तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें गिरी हैं. उड़ान की कुल कीमत में जेट फ्यूल पर ही 30 से 40 फीसदी खर्च होता है और दूसरी ओर चूंकि एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर टैक्स नहीं बढ़े हैं इसलिए उड़ानें और सस्ती हो सकती हैं या कम से कम सस्ती कीमतों का दौर तो जारी रह ही सकता है.
3. कैसे बढ़ेगी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या?
अब तक हवाई जहाज़ों की बनावट घनी बैठक व्यवस्था की रही है और हवाई अड्डों पर लग्ज़री व्यवस्थाएं रही हैं, यानी शॉपिंग, रिफ्रेशमेंट पार्क, रेस्तरां आदि. लेकिन कोरोना वायरस के बाद की दुनिया में इस तरह की व्यवस्थाओं पर समय बिताने का मतलब होगा कि आप संक्रमण के खतरे में बने रहेंगे. सिन्हा के मुताबिक इस तरह के चलन को खत्म करने के लिए ज़रूरी होगा कि सीधी फ्लाइट्स की सुविधा बढ़े.
भारत के एविएशन सिस्टम के लिए यह बड़ी खबर है. अब यात्रियों को किसी हब एयरपोर्ट पहुंचकर यूरोप, अमेरिका और जापान जैसे देशों के लिए फ्लाइट पकड़ना मजबूरी नहीं होगा बल्कि कई देशों के लिए सीधी फ्लाइट होगी. हवाई जहाज़ों की बनावट को लेकर एयरलाइंस सोच रही हैं. अब तक भारत से यात्रा करने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में से 20 से 30 फीसदी ही इंडियन एयरलाइंस से उड़ान भरते थे लेकिन अब ये नंबर बढ़ेगा.
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लॉकडाउन के चलते वीरान पड़ा राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट.
4. अब इस तरह बदलेगा हवाई यात्रा का माहौल
सोशल डिस्टेंसिंग अब सामान्य नियम होगा ही. इसके अलावा कई तरह के काम ऑटोमैटेड होंगे जैसे सिक्योरिटी चेक का व्यक्ति दूर रहेगा और मशीनों से यह काम होगा. ज़ाहिर है कि अब सिक्योरिटी चेक में समय ज़्यादा लगेगा. रिटेल और डाइनिंग की व्यवस्थाओं में ध्यान रखा जाएगा कि एक साथ भीड़ कहीं इकट्ठी न हो. ऑन बोर्ड यात्रियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा और फ्लाइट में क्रू के सदस्य पीपीई किट में भी दिख सकता है.
5. आंकड़े कहेंगे भारत की कहानी
साल 2019 में इंडियन एयरलाइंस ने बीस करोड़ पैसेंजर ट्रिप यात्रा की थी, जिनमें से करीब 14.4 करोड़ ट्रिप्स घरेलू उड़ानों की थीं. दूसरी ओर, भारतीय रेलवे की बात करें तो उच्च श्रेणी की ट्रेनों ने 18 करोड़ ट्रिप्स और सेकंड क्लास यात्री ट्रेनों ने डेढ़ अरब ट्रिप्स तय की थीं. इन आंकड़ों के विश्लेषण पर सिन्हा ने दावा किया कि अगले कुछ सालों में हवाई यात्रा सुरक्षित, सस्ती व पहुंच में होने के कारण प्राथमिकता बनेगी और भारत के एविएशन उद्योग में बूम आएगा.
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