भिलाई-3 में फिर जोर पकडने लगी है एक्सप्रेसों के स्टापेज की मांग
भिलाई। मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग पर स्थित भिलाई-3 रेलवे स्टेशन में चुनिंदा एक्सप्रेस ट्रेनों के स्टापेज दिए जाने की मांग जोर पकडऩे लगी है। इसके लिए प्रगतिशील रेल संघ समिति लंबे समय से अभियान चला रही है। अब प्रदेश की सत्ता परिवर्तन के साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का इस इलाके में निवास होने तथा स्थानीय विधायक गुरु रुद्रकुमार का मंत्री होना भिलाई-3 में एक्सप्रेस ट्रेनों के स्टापेज की बरसों पुरानी मांग के लिहाज से अहम साबित हो सकता है।
रेलवे के नक्शे में भिलाई के नाम से दर्ज पुरानी भिलाई अथवा भिलाई-3 के रेलवे स्टेशन में कुछ प्रमुख एक्सप्रेस ट्रेनों के स्टापेज दिए जाने की मांग आने वाले दिनों में पूरी हो सकती है। इसके लिए प्रगतिशील रेल संघर्ष समिति लंबे समय से प्रयासरत है। लेकिन हाल में राजनीतिक हालातों के बदल जाने से यह उम्मीद जाग उठी है कि भिलाई-3 वासियों को एक्सप्रेस ट्रेनों के स्टापेज की पुरानी मांग अब पूरी हो सकती है।
दरअसल 15 वर्षों के बाद प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की वापसी हुई है। खास बात यह है कि नये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का निवास भिलाई-3 में है और अहिवारा विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायक गुरु रुद्रकुमार को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री बनाया गया है। मंत्री गुरु रुद्र कुमार का निवास भी भिलाई-3 में है। इस तरह मुख्यमंत्री और एक मंत्री का निवास क्षेत्र होने से एक्सप्रेस ट्रेनों के स्टापेज की मांग को मजबूती के साथ समर्थन मिलना तय माना जा रहा है।
प्रगतिशील रेल संघर्ष समिति पुरानी भिलाई के अध्यक्ष अब्दुल सत्तार तथा महासचिव अधिवक्ता रमेश सिंह के नेतृत्व में भिलाई-3 में सारनाथ, दक्षिण बिहार, अमरकंटक, बेतवा तथा नवतनवा एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टापेज दिए जाने की मांग को लेकर लगातार प्रयासरत है। हाल ही में समिति के पदाधिकारियों ने मंत्री गुरु रुद्रकुमार के साथ भिलाई-3 स्टेशन का निरीक्षण कराते हुए अपनी एक्सप्रेस स्टापेज की मांग को रेल मंत्रालय तक पहुंचाने का आग्रह किया। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि अभी भिलाई-3 में कुर्ला-हावड़ा तथा इतवारी के बिलासपुर के बीच चलने वाली शिवनाथ एक्सप्रेस का स्टापेज तय है। अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों से यात्रा करने वालों को भिलाई पावर हाउस या फिर दुर्ग जंक्शन तक अपनी सुविधा से पहुचंना पड़ता है। अगर दुर्ग से शुरु होने वाली ट्रेनों को भिलाई-3 में स्टापेज दिया जाता है तो भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र के अलावा अहिवारा व पाटन विधानसभा क्षेत्र की एक बड़ी आबादी को सहूलियत मिल जाएगी।गौरतलब रहे कि भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र की आबादी लगभग एक लाख से पार हो चुकी है। आसपास के अनेक गांव की विभिन्न कार्यों में भिलाई -चरोदा पर निर्भरता कायम है। यहां पर रेलवे के विस्तृत यार्ड लोको शेड, गार्ड व ड्रायवर लॉबी होने से काफी तादाद में रेल कर्मचारी और उनके परिवार निवासरत है। बावजूद इसके भिलाई-3 में कई एक्सप्रेस ट्रेनों के स्टापेज नहीं होने से आम लोगों के साथ ही रेल कर्मचारियों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। अब जब यह स्टेशन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पीएचई मंत्री गुरु रुद्रकुमार का निवास क्षेत्र में शामिल हो चुका है तो स्थानीय लोगों में उम्मीद जाग उठी है कि एक्सप्रेस स्टापेज की पुरानी मांग को मंजिल जरुर मिलेगी।
सुविधा में नहीं है कोई कमी
एक्सप्रेस ट्रेनों के स्टापेज के अनुरुप भिलाई-3 मे पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध है। यहां पर तीन प्लेटफार्म चालू स्थिति में है और थोड़े से संधारण के साथ ही चौथे प्लेटफार्म की सुविधा भी लिया जा सकता है। प्लेटफार्म क्रमांक एक, दो तथा तीन की लंबाई भी एक्सप्रेस ट्रेनों के बराबर बनी हुई है। इससे अन्य छोटे स्टेशनों की तरह आगे तथा पीछे की बोगियों में चढऩे व उतरने वालों को कई दिक्कत नहीं होगी। लंबी दूरी की सुपर फास्ट ट्रेनों के बजाए प्रारंभिक तौर पर दुर्ग से शुरू होने वाली एक्सप्रेस श्रेणी की ट्रेनों को भिलाई-3 में स्टापेज दिए जाने से लेट लतीफी की गुंजाइश भी नहीं के बराबर रह सकती है।
कभी हुआ करता था जंक्शन
भिलाई-3 रेलवे स्टेशन कभी जंक्शन हुआ करता था। यहां से दल्ली राजहरा के लिए ट्रेन चलती थी। समय के साथ यहां का जंक्शन दुर्ग चला गया। इसके बाद यहां की रौनक धीरे-धीरे खत्म होने लगी। कुछ साल पहले यहां के पार्सल आफिस को भी बंद कर दिया गया। इस तरह कभी आसपास के स्टेशनों के मुकाबले बेहतर स्थिति में रहा भिलाई-3 का स्टेशन पर्याप्त जमीनी सुविधा के बावजूद अपने स्वाभिमान को बचाने संघर्ष कर रहा है। इसके स्वाभिमान को बचाने एक्सप्रेस ट्रेनों के स्टापेज के साथ ही भिलाई-3 से अहिवारा तक बिछी रेल पटरी का इस्तेमाल भी यात्री ट्रेनों के परिचालन में किया जा सकता है।