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राजस्थान की 200 मंडियों में खुलेंगे बीज निगम के आउटलेट, CM अशोक गहलोत ने दी मंजूरी – Seed Corporation outlets will open in 200 mandis of Rajasthan CM Ashok Gehlot approved | jaipur – News in Hindi

राजस्थान की 200 मंडियों में खुलेंगे बीज निगम के आउटलेट, CM अशोक गहलोत ने दी मंजूरी

अशोक गहलोत ने बीज वितरण आउटलेट खोलने के लिए 200 कृषि उपज मंडी परिसरों में प्लॉट और खाली पड़ी निर्मित प्रोपर्टीज उपलब्ध कराने को मंजूरी दी है. (फाइल फोटो)

अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने राजस्थान राज्य बीज निगम (Rajasthan State Seed Corporation) को बीज वितरण आउटलेट खोलने के लिए 200 कृषि उपज मंडी परिसरों में प्लॉट और खाली पड़ी निर्मित प्रोपर्टीज उपलब्ध कराने को मंजूरी दी है.

जयपुर. राजस्थान (Rajasthan) की 200 कृषि उपज मंडियों में अब राजस्थान राज्य बीज निगम के आउटलेट्स खुलेंगे. इन आउटलेट्स पर राजस्थान राज्य बीज निगम (Rajasthan State Seed Corporation) के सर्टिफाइड सीड बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे. किसान अपनी उपज बेचने के साथ मंडी कैंपस से ही अच्छी क्वावालिटी का बीज खरीद सकेगा. सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान राज्य बीज निगम को बीज वितरण आउटलेट खोलने के लिए प्रदेश के 200 कृषि उपज मंडी परिसरों में प्लॉट और खाली पड़ी निर्मित प्रोपर्टीज उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.

12 लाख क्विंटल करना है बीज का उत्पादन
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में उन्नत बीज की मांग को देखते हुए राज्य बीज निगम द्वारा प्रमाणित बीज का उत्पादन 8 लाख क्विंटल से बढ़ाकर 12 लाख क्विंटल किया जाना है. साथ ही 200 मंडियों में बीज वितरण आउटलेट स्थापित किए जाने हैं. सीएम ने इसके लिए 97 मंडियों में खाली निर्मित प्रोपर्टी और 103 मंडियों में खाली चिन्हित भूखंडों के आवंटन को मंजूरी दी है.

निरस्त आवंटन फिर होंगे बहाल, 31 दिसंबर तक करा सकेंगे निर्माणसीएम ने मंडियों में आवंटित प्लॉट्स पर निर्माण नहीं करवा पाने के कारण निरस्त हो चुके आवंटनों को फिर से बहाल करने को मंजूरी दी है. इसके लिए आवंटियों को 30 जून तक आवंटन राशि का 25 प्रतिशत शास्ति जमा कराने की छूट दी है. मुख्यमंत्री की मंजूरी से अब ऐसे प्रकरणों में आवंटियों को 31 दिसम्बर 2020 तक निर्माण कराने का अंतिम अवसर देने के साथ आवंटन बहाल किया जा सकेगा.

कब्जा और टाइप डिजाइन देने की तिथि होगी अवधि की गणना
मंडी समिति द्वारा आवंटित भूखंडों का कब्जा और टाइप डिजाइन विलम्ब से देने के प्रकरणों में भी आवंटियों को राहत दी गई है. ऐसे मामलों में कब्जा और टाइप डिजाइन देने की तिथि से निर्माण अवधि की गणना की जाएगी. साथ ही तकनीकी बाधाओं के कारण जिन भूखंडों में निर्माण नहीं हो पाया उनमें तकनीकी बाधा दूर होने के बाद कब्जा दिए जाने की तिथि से निर्माण अवधि एवं शास्ति की गणना की जाएगी.

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First published: May 16, 2020, 11:59 AM IST



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