COVID-19 की वजह से भारत में 5.8 लाख से ज्यादा सर्जरी रद्द हो सकती हैं: स्टडी । Over 580000 surgeries in India may be cancelled due to Covid-19 | rest-of-world – News in Hindi
कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया में 2.8 करोड़ सर्जरी रद्द होने की संभावना है (फाइल फोटो)
‘कोविडसर्ज कैलबरैटिव’ नाम से 120 देशों पर किए एक गए शोध (Research) के मुताबिक कोविड-19 (COVID-19) से अस्पतालों (Hospitals) में सबसे अधिक उथलपुथल होने से दुनियाभर में 2020 में दो करोड़ 84 लाख सर्जरी या तो रद्द की जा सकती है या उन्हें टाला जा सकता है.
‘कोविडसर्ज कैलबरैटिव’ नाम से 120 देशों पर किए एक गए शोध (Research) में कोविड-19 (Covid-19) से पड़ने वाले असर का विश्लेषण किया गया. इसके मुताबिक कोविड-19 की वजह से अस्पतालों में सबसे अधिक उथलपुथल होने से दुनियाभर में 2020 में दो करोड़ 84 लाख सर्जरी या तो रद्द की जा सकती है या उन्हें टाला जा सकता है. इनमें से 5 लाख, 80 हजार सर्जरी सिर्फ भारत में रद्द हो सकती हैं.
कोविड-19 की वजह से हर हफ्ते रद्द हो सकती हैं 24 लाख सर्जरी
ब्रिटिश जर्नल ऑफ सर्जरी में प्रकाशित शोधपत्र के मुताबिक कोविड-19 की वजह से प्रत्येक एक हफ्ते अस्पतालों (Hospitals) में उथलपुथल होने पर 24 लाख सर्जरी रद्द हो सकती हैं.शोधदल का नेतृत्व ब्रिटेन स्थित बर्मिंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया और अध्ययन के मुताबिक दुनिया के 71 देशों के 359 अस्पतालों में सर्जरी से जुड़ी विस्तृत जानकारी एकत्रित की गई है और इन चुनिंदा सर्जरी को रद्द करने की योजना का विश्लेषण किया गया. इस आंकड़ों के आधार पर दुनिया के 190 देशों का आकलन किया गया.
कोविड-19 के चरम पर पहुंचने पर रद्द की गई होंगीं दुनिया की 72.3% सर्जरी
शोधकर्ताओं का आकलन है कि कोविड-19 के चरम पर होने पर दुनियाभर में पूर्व निर्धारित करीब 72.3 प्रतिशत सर्जरी रद्द की जा सकती हैं. इनमें अधिकतर गैर कैंसर सर्जरी (Non cancer sugeries) होंगी.
शोधकर्ताओं के मुताबिक करीब 12 हफ्तों में सबसे अधिक 63 लाख हड्डी से जुड़ी सर्जरी टाली गई है. अध्ययन का आकलन है कि दुनियाभर में 23 लाख कैंसर से जुड़ी सर्जरी भी या तो रद्द कर दी गई या उसे स्थगित कर दिया गया.
अधिकतर सर्जरी इसलिए टाली गईं ताकि मरीजों को कोविड-19 संक्रमण से बचा सकें
बर्मिंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ता अनिल भांगू ने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस की महामारी (Pandemic) के दौरान अधिकतर चुनिंदा सर्जरी को इसलिए टाला गया ताकि मरीजों को कोविड-19 के खतरे से बचाया जा सके और अस्पताल और अधिक क्षमता से वायरस संक्रमितों का इलाज कर सकें. उदाहरण के लिए ऑपरेशन थियेटर को गहन चिकित्सा कक्ष में बदला गया है.’’
भांगू ने कहा, ‘‘हालांकि, अवश्यक सर्जरी को टालने से मरीज और समाज पर भारी बोझ पड़ेगा. सर्जरी की तारीख को पुन: निर्धारित करने से मरीजों की हालत और खराब हो सकती है .उनके जीवन स्तर में गिरावट आ सकती है. कुछ मामलों में उदाहरण के लिए कैंसर में लोगों की सर्जरी में देरी की वजह से अनावश्यक मौत तक हो सकती है.’’
बर्मिंघम विश्वविद्यालय (University of Birmingham) के ही दमित्रि नेपोगोदिव ने कहा इसलिए यह अस्पतालों के लिए आवश्यक है कि वे नियमति रूप से स्थिति का आकलन करें ताकि चुनिंदा सर्जरी की प्रक्रिया को यथा शीघ्र बहाल किया जा सके.
यह भी पढ़ें: ट्रंप की लॉकडाउन हटाने की जिद जारी, US में कोरोना से 85000 से ज्यादा मौतें
News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए अन्य देश से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.
First published: May 15, 2020, 5:59 PM IST