अजीत डोभाल के प्रयासों को बड़ी सफलता, म्यांमार सेना ने भारत को सौंपे नॉर्थ-ईस्ट के 22 उग्रवादी । After long efforts of Ajit Doval Myanmar Hands Over 22 Northeast Insurgents Long-Wanted by India | nation – News in Hindi
UNLF के कैप्टन सनतोम्बा निंगथौजम (बायें, ऊपर), PREPAK (PRO) के लेफ्टिनेंट पशूराम लेशराम (बायें, नीचे), NDFB-S के स्वघोषित-गृह सचिव राजेन डाइमरी (दायें, ऊपर) और इसी संगठन का स्वघोषित कैप्टन सनसुमा बासुमातारी (फोटो- News18)
म्यांमार सेना (Myanmar Military) की ओर से भारत विरोधी उग्रवादियों (Insurgents) का सौंपा जाना एनएसए अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) और सुरक्षा एजेंसियों के महीनों के प्रयासों को मिली सफलता है.
उग्रवादियों (Insurgents) के एक विमान के म्यांमार (Myanmar) से उड़ान भरने के तुरंत बाद ही एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बताया कि “म्यांमार सरकार के लिए यह एक बड़ा कदम है और दोनों देशों के बीच गहराते संबंधों को दिखाता है.”
मणिपुर और असम की स्थानीय पुलिस के बीच बांट दिए जायेंगे उग्रवादी
यह विमान असम के गुवाहाटी जाने से पहले मणिपुर की राजधानी इंफाल में रुकेगा. अधिकारी ने बताया, “उग्रवादियों को दोनों राज्यों में स्थानीय पुलिस (Local Police) को सौंपा जाएगा.”एक वरिष्ठ राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने नेतृत्व में संचालित इस ऑपरेशन के बारे में बताया, “यह पहली बार है कि म्यांमार सरकार ने पूर्वोत्तर उग्रवादी समूहों के नेताओं को सौंपने के भारत के अनुरोध को माना है.”
कदम को दोनों देशों के बीच बढ़ते खुफिया सहयोग के तौर पर देखा जा रहा
इसे दोनों देशों के बीच बढ़ती हुई खुफिया और रक्षा सहयोग (intelligence and defence cooperation) के नतीजों के तौर पर देखा जा रहा है.
म्यांमार जिन उग्रवादियों को वापस भेज रहा है, उनमें कुछ वरिष्ठ उग्रवादी हैं, जो लंबे समय से वांछित थे. भारतीय उग्रवादी नेता जैसे NDFB (S) के स्वघोषित-गृह सचिव राजेन डाइमरी, UNLF के कैप्टन सनतोम्बा निंगथौजम और PREPAK (प्रो) के लेफ्टिनेंट पशूराम लेशराम शामिल हैं.
22 में से 12 उग्रवादी मणिपुर के समूहों से, जबकि 10 असम के उग्रवादी समूहों से जुड़े
22 उग्रवादियों में से 12 मणिपुर में चार उग्रवादी समूहों से जुड़े हुए हैं: UNLF, PREPAK (Pro), KYKL और PLA. शेष 10 एनडीएफबी (एस) और केएलओ जैसे असम के उग्रवादी समूहों से जुड़े हैं.
म्यांमार के साथ भारत की 1,600 किलोमीटर की सीमा के साथ धोखेबाज इलाका दशकों से भारतीय राज्य से लड़ने वाले उग्रवादी समूहों के शिविरों के लिए इलाके को आदर्श बनाता आया है.
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First published: May 15, 2020, 4:00 PM IST