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अब देसी तेजस बनेगा वायुसेना की पंख, खरीदे जाएंगे 83 नए विमान | Indian Air Force Set to Purchase 83 More Tejas Jets Locally as Plan of a Global Deal Halts | nation – News in Hindi

अब देसी तेजस बनेगा वायुसेना के पंख, खरीदे जाएंगे 83 नए विमान

यह खरीदारी उन 40 विमानों के अलावा है, जिसमें करीब 6 अरब डॉलर का खर्च आएगा. (प्रतीकात्मक)

ब्लूमबर्ग ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) के हवाले से बताया कि भारतीय वायु सेना (IAF) के पुराने बेड़े को बदलने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 83 और जेट्स खरीदे जाएंगे.

नई दिल्ली. भारतीय वायु सेना 114 विमानों के लिए अंतरराष्ट्रीय उत्पादकों से निविदा मंगाने के करीब दो साल बाद अब स्थानीय स्तर पर बने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस विमानों (Tejas Jets) पर स्विच करने की योजना पर काम कर रही है.

ब्लूमबर्ग ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) के हवाले से बताया कि भारतीय वायु सेना (IAF) के पुराने बेड़े को बदलने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 83 और जेट्स खरीदे जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह खरीदारी उन 40 विमानों के अलावा है, जिसमें करीब 6 अरब डॉलर का खर्च आएगा. रावत ने कहा कि भारतीय वायुसेना में एलसीए को शामिल करने से भारत को इसकी अपेक्षाकृत कम कीमतों के कारण एक महत्वपूर्ण रक्षा निर्यातक के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी.

सीडीएस के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया कि भले ही शुरुआत में गुणवत्ता से जुड़ी कुछ समस्याएं होंगी, लेकिन यह कदम स्थानीय स्तर पर निर्मित हथियारों का उपयोग शुरू करने के लिए भारत की कोशिशों में एक मील का पत्थर साबित होगा.

सीडीएस रावत ने कहा कि जेट विमानों के अलावा, आर्टिलेरी गन, वायु रक्षा प्रणाली और रडार भी देश के अंदर उत्पादित किए जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘हम अपने देश में गोला-बारूद की मैन्यूफैक्चरिंग को भी बड़े पैमाने पर देख रहे हैं.’भारत ने इससे पहले 2018 में 114 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं, जिसमें स्वीडन के बोइंग, लॉकहीड मार्टिन और साब एबी से 15 अरब डॉलर तक की बोलियां मिली थी. ऐसे में इसे एक संकेत के रूप लिया जा रहा है कि भारत अब दूसरे देशों से महंगी रक्षा खरीद को छोड़ना चाहता है.

वहीं 2015 में फ्रांसीसी डसॉल्ट एविएशन के 126 राफेल जेट विमानों के लिए 11 अरब डॉलर के बहु प्रतीक्षित ऑर्डर को रद्द कर दिया गया था.

उधर भारतीय वायुसेना (IAF) ने भी स्वदेशी फाइटर जेट्स को शामिल करने के कार्यक्रम का समर्थन किया है, लेकिन इस प्रक्रिया में आपूर्ति और गुणवत्ता की खामियों जैसे रोड़े भी हैं.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्पष्ट कर चुके हैं कि भारत विदेशों में बने हथियारों पर अपनी निर्भरता कम करेगा. इस हफ्ते की शुरुआत में उन्होंने कोविद-19 महामारी से मुश्किल में घिरी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए स्थानीय उत्पाद खरीदने की आवश्यकता पर जोर दिया था.

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First published: May 15, 2020, 5:49 AM IST



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