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गुजरात में कोविड-19 के 364 नए केस, संक्रमितों की संख्या हुई 9,268 | 362 new coronavirus cases reported in Gujarat total cases rises to 9268 | nation – News in Hindi

गुजरात में कोविड-19 के 364 नए केस, संक्रमितों की संख्या हुई 9,268

गुजरात में 39 मरीजों की हालत गंभीर है.

गुजरात (Gujarat) में कोविड-19 (Covid-19) के कुल मामले 9,268 सामने आए हैं जिनमें से 364 मामले नए हैं. अब तक 566 लोगों की मौत हो चुकी है और 3,562 लोग संक्रमण से उबर हो चुके हैं.

अहमदाबाद. गुजरात (Gujarat) में बुधवार को कोविड-19 (Covid-19) संक्रमण के 364 नए मामले सामने आये और 29 संक्रमित मरीजों की मौत हो गयी. इसी के साथ इस महामारी के मामले बढ़कर 9,268 हो गये और इससे जान गंवाने वालों की संख्या 537 हो गयी. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) जयंती रवि ने बताया कि कोरोना वायरस के और 316 मरीजों को स्वस्थ होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी गयी है. इसी के साथ राज्य में इस महामारी के 3,562 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि 39 मरीजों की हालत गंभीर है.

अब तक 566 लोगों की हो चुकी है मौत
गुजरात में कोविड-19 के कुल मामले 9,268 सामने आए हैं जिनमें से 364 मामले नए हैं. अब तक 566 लोगों की मौत हो चुकी है और 3,562 लोग संक्रमण से उबर हो चुके हैं. राज्य में 5,140 लोग अब भी संक्रमित हैं.

अहमदाबाद में साढ़े छह हजार से ज्यादा केसअहमदाबाद में 292 और व्यक्तियों के कोविड-19 से संक्रमित पाये जाने के बाद यहां कुल मामले बुधवार को बढ़कर 6,645 हो गए. वहीं, 25 और मौतें होने से मृतक संख्या बढ़कर 446 हो गई. यह जानकारी एक स्वास्थ्य अधिकारी ने दी.

अधिकारी ने बताया कि 238 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दी गई जिससे जिले में ठीक हुए मरीजों की संख्या बढ़कर 2,112 हो गई है.

ये राज्य कोरोना संक्रमण के लिहाज से बेहद संवेदनशील
बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात के साथ ही राजस्थान और महाराष्ट्र में ज्यादातर जिले कोविड-19 के लिहाज से अधिक संवेदनशील हैं. एक गैर लाभकारी जन स्वास्थ्य संगठन के अध्ययन में यह बात कही गई है. अधिक असुरक्षित जिले वे हैं जहां कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका है.

इन वजहों से है ज्यादा खतरा
एक वैश्विक अध्ययन के अनुसार, 15 ऐसी चीजें है जो कोविड-19 की संवेदनशीलता को प्रभावित करती हैं जैसे कि सामाजिक आर्थिक तत्व. सामाजिक आर्थिक तत्वों कम आय या शिक्षा का कम स्तर, जनसांख्यिकी कारण (आबादी और शहरीकरण), स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के तत्व (एनीमिया का स्तर या बार-बार हाथ धोना) और पर्यावरणीय तत्व जैसे कि तापमान और सापेक्ष आर्द्रता आदि शामिल हैं. स्वस्ति के अध्ययन के अनुसार, इन तत्वों के एक साथ होने से कोई भी व्यक्ति संक्रमण के लिहाज से 74 प्रतिशत अधिक संवेदनशील हो सकता है.

इसमें कहा गया है कि कई जिले पहले से ही खतरनाक स्थिति में हैं.

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First published: May 13, 2020, 11:36 PM IST



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