अब वुहान में चीन ऐसा क्या करने वाला है, जो दुनिया के किसी शहर में नहीं हुआ wuhan china fear of second wave of coronavirus test of one crore population | knowledge – News in Hindi
वुहान के स्थानीय प्रशासन ने माना है कि 10 मई को यहां 6 लोग कोरोना संक्रमण से ग्रस्त पाए गए. वैसे 8 अप्रैल को बेहद सख्त लॉकडाउन खत्म होने के बाद से यहां अब तक कोई भी नया मामला नहीं दिखा. जो मामले आए भी, वो चीन में रह रहे विदेशी या रूस-चीन की सीमा पार कर आए विदेशियों में दिखे. जबकि इससे पहले सिर्फ वुहान में से कोरोना के 84,000 से ज्यादा मामले दर्ज हुए थे. बाद में मामले लगभग खत्म होने के कारण चीन कोरोना को फॉरेन वायरस की तरह देखने लगा था. अब संक्रमण के गढ़ रह चुके वुहान में एक बार फिर संक्रमण दिखने पर कोरोना के दूसरे लहर का डर दौड़ गया है. इसके तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन ने पूरे शहर के ही कोरोना टेस्ट का तय कर लिया.
वुहान के स्थानीय प्रशासन ने माना है कि 10 मई को यहां 6 लोग कोरोना संक्रमण से ग्रस्त पाए गए
प्लान देने का आदेशचीन के सबसे बड़े अखबारों में से एक South China Morning Post ने इस बाबत रिपोर्ट छापी. इसमें बताया गया है कि वुहान स्थित Covid-19 Epidemic Prevention Headquarters ने सभी जिलों को आदेश दिया है कि वे एक प्लान लेकर आएं, जिससे 1.1 करोड़ की आबादी की जांच 10 दिनों में हो सके. वैसे हेडर्क्वाटर ने ये प्लान मंगलवार यानी 12 मई तक देने को कहा था, यानी ये प्लान अभी तक दिया जा चुका होगा. हालांकि इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है.
चीन मान रहा था फॉरेन वायरस
वैसे वुहान के Dongxihu में आए छहों नए मामले एक ही रेसिडेंशियल अपार्टमेंट से आए हैं, जिसके बाद आनन-फानन स्थानीय प्रशासन ने वहां रह रहे 5,000 लोगों की जांच करवा दी. इसके अलावा चीन के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों Jilin और Heilongjiang में भी कोरोना संक्रमण फैल रहा है. बता दें कि इन शहरों की सीमा रूस से सटी हुई है और व्यापार के लिए काफी लोग यहां सड़क के रास्ते से आवाजाही करते रहते हैं. कोरोना संक्रमण के दौर में भी ये आवाजाही खत्म नहीं हो सकी थी. चीन का दावा है कि इन्हीं विदेशियों की वजह से मामले आ रहे हैं.
वुहान के Dongxihu में आए छहों नए मामले एक ही रेसिडेंशियल अपार्टमेंट से आए हैं
क्या है खास
इतनी बड़ी संख्या में जांच पूरी दुनिया में पहली बार होने जा रहा है. चीन की सरकार के आदेश के तहत इस दौरान देश के स्थायी निवासियों के साथ बाहर से आए और अस्थायी तौर पर रह रहे लोगों का भी टेस्ट होगा. वैसे जांच के मामले में चीन दूसरे देशों से आगे है. इससे पहले सिर्फ 29 अप्रैल तक ही वुहान में 10 लाख से ज्यादा कोरोना जांच हो चुकी है. अब टेस्ट आबादी के घनत्व के हिसाब से किया जाएगा यानी जहां ज्यादा घनी आबादी है, वहां पहले टेस्ट होगा क्योंकि संक्रमण जल्दी फैलने की आशंका वहीं ज्यादा होगी. साथ ही बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं की जांच को भी प्राथमिकता पर रखा जाएगा. South China Morning Post के अनुसार सरकारी लोगों को प्लान के लिए सर्कुलर जारी हुआ है, जिसे “10-day battle” कहा जा रहा है.
हो रहा है विरोध
एक करोड़ से ज्यादा की आबादी की कोरोना जांच न तो आसान होगी और न ही सस्ती. यही वजह है चीन में भी इसके विरोध के हल्के-फुल्के आसार दिख रहे हैं. ग्लोबल टाइम्स की एक खबर के मुताबिक ज्यादातर सीनियर अधिकारी इतने बड़े पैमाने पर टेस्ट के खिलाफ हैं. वुहान यूनिवर्सिटी में Zhongnan Hospital में ICU के डायरेक्टर Peng Zhiyong के अनुसार टेस्ट मेडिकल वर्कर्स, ऐसे लोग जिन्हें संक्रमण की आशंका ज्यादा है और ऐसे लोग, जो किसी संक्रमित के संपर्क में आ चुके हैं, उनकी जांच ही होनी चाहिए.
शहर को महीनेभर पहले ही पूरे 76 दिन दिन के लॉकडाउन से आजादी मिली थी
चीन के सोशल मीडिया Weibo पर भी इतनी बड़ी संख्या की जांच सिर्फ 10 दिनों के भीतर होने पर सवाल उठाए जा रहे हैं. लोगों का मानना है कि इतनी बड़ी आबादी की जांच 10 दिनों में मुमकिन नही. कुछ का ये भी मानना है कि जांच करनी ही थी तो लॉकडाउन के दौरान हो जानी थी, जब शहर के लोग एक जगह सिमटे हुए थे.
वैसे पिछले हफ्ते ही Politburo Standing Committee, जो कि चीन के सबसे शक्तिशाली 7 लोगों से मिलकर बनी है, की इसपर मीटिंग हुई, जिसमें देश के कोरोना अपडेट की चर्चा के साथ ये तय हुआ कि बीमारी की दूसरी लहर टालने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जाएगी.
ये भी पढ़ें:
क्या है PM मोदी की स्पीच में, जिसकी तुलना नॉर्थ कोरिया से हो रही है
अगर ये कदम उठाया गया तो खत्म हो जाएगी ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी!
कोरोना वायरस में म्यूटेशन को खतरनाक क्यों नहीं मान रहे हैं एक्सपर्ट्स?