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जौनपुर: जेल में बंद पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर पुलिस का शिकंजा और बढ़ा | Jaunpur: Former BSP MP Dhananjay Singhs difficulties has been increased | jaunpur – News in Hindi

जौनपुर: जेल में बंद पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर पुलिस का शिकंजा और बढ़ा

पूर्व एमपी धनंजय सिंह की बढ़ रही हैं मुश्किलें

पुलिस ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ मामले में आपराधिक षड्यंत्र की धारा 120-b भी बढ़ा दी है. धारा 364, 386, 504 व 506 में FIR दर्ज हुई थी.

जौनपुर. पूर्वांचल के बाहुबली व जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह (Former BSP MP Dhananjay Singh) व विक्रम की जमानत एसीजेएम प्रथम कोर्ट में निरस्त होने के बाद सोमवार को दोनों को जेल भेजा गया था. धनंजय सिंह की ओर से जिला जज की अदालत में उन के वकील सुभाष चंद्र शुक्ला ने जमानत प्रार्थना पत्र दिया गया है. कोर्ट ने पूर्व सांसद का अपराधिक इतिहास व केस डायरी को तलब करते हुए 20 मई अगली सुनवाई की तारीख तय की है. अक्सर विवादों में रहने वाले धनंजय सिंह की मुश्किलें इस बार बढ़ती नजर आ रही हैं.

पुलिस ने बढ़ाई आपराधिक षड्यंत्र की धारा
पुलिस ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ मामले में आपराधिक षड्यंत्र की धारा 120-b भी बढ़ा दी है. धारा 364, 386, 504 व 506 में FIR दर्ज हुई थी. पूर्व सांसद की ओर से दिए गए जमानत प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि उनके खिलाफ फर्जी FIR प्रोजेक्ट मैनेजर द्वारा दर्ज कराई गई है. उनका कहना है कि न तो उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजर का अपहरण कराया, न गालियां व धमकी दी, न कभी मटेरियल इत्यादि के संबंध में उनसे रंगदारी मांगी और न ही इस संबंध में कभी कोई षड्यंत्र ही उनके द्वारा रचा गया. जबकि प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को 5:30 बजे की घटना दिखाते हुए रात 10:00 बजे धनंजय व विक्रम के खिलाफ FIRद र्ज करवाई थी. विक्रम सिंह दो अन्य लोगों के साथ उनकी साइट पर आ कर बलपूर्वक उन्हें धनंजय सिंह के आवास पर ले जाया गया था जहां धनंजय ने काले रंग की पिस्टल दिखाते हुए उन्हें गालियां दी.

उनका आरोप है कि वह जबरन कम गुणवत्ता वाली सामग्री हमारी फर्म को आपूर्ति करना चाहते थे. इंकार करने पर धमकी दी गई. जिसकी FIR थाने में दर्ज कराई गई. पुलिस ने दोनों को उनके आवास से गिरफ्तार किया और सोमवार को अदालत में पेश किया अदालत ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत याचिका निरस्त कर आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया. लोअर कोर्ट से जमानत निरस्त होने पर मंगलवार को सेशन कोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र दिया गया है. धनंजय सिंह की अचानक गिरफ्तारी और चंद घंटो मे सलाखों के पीछे जाने की खबर से जिले में तमाम चर्चाए हैं. बता दें कि धनंजय सिंह 27 साल की उम्र में साल 2002 में रारी (अब मल्हनी) विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव जीतकर सबको चौंका दिया था. वह दोबारा इसी सीट पर जेडीयू के टिकट से जीते. फिर धनंजय सिंह बसपा में शामिल हुए. वर्ष 2009 में वह बसपा के टिकट पर जीत दर्ज कर जौनपुर से सांसद हुए. इससे पहले तीन दशक तक जौनपुर की लोकसभा सीट से बसपा नहीं जीत पाई थी.2014 से चुनाव हार रहे हैं धनंजय
धनंजय सिंह को बसपा सुप्रमो मायावती ने साल 2011 में पार्टी से निकाल दिया था. बसपा से अलग होने के बाद भी धनंजय अपने समर्थकों के दम पर राजनीति में खुद को असरदार बनाए रहे. जौनपुर से वर्ष 2014 में निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ा था, मगर हार गए. साल 2017 में धनंजय सिंह मल्हनी सीट से निषाद पार्टी के बैनर से विधानसभा चुनाव लड़े थे, तब दूसरे स्थान पर रहे थे. हालांकि, साल 2019 का लोकसभा चुनाव वह नहीं लड़े.

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First published: May 13, 2020, 12:26 AM IST



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