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69000 teacher recruitment exam: minister and officials Argued over the answer to four questions in answer key | lucknow – News in Hindi

69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा: आंसर-की में चार सवालों के जवाब को लेकर मंत्री और अधिकारियों के बीच मचा घमासान

यूपी सहायक शिक्षक के लिए फाइलन आंसर की जारी.

चार प्रश्नों(Questions) के उत्तर को लेकर उम्मीदवार अब भी आपत्तियां दर्ज करवा रहे हैं. इन प्रश्नों के जवाब को लेकर सूबे के मंत्री सतीश द्विवेदी और शिक्षा विभाग (Education Department)अधिकारियों के बीच ठन गई है.

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में शनिवार को जारी आंसर-की को लेकर घमासान मचा हुआ है. आंसर-की में हिंदी साहित्य के तीन सवालों को हटाने के बाद दूसरे चार सवालों पर भी अभ्यर्थी लगातार आपत्तियां दर्ज करा रहे हैं. अभ्यर्थी प्रश्नसंख्या 39, प्रश्न संख्या 130, प्रश्न संख्या 44 और 131 के जवाबों से संतुष्ट नहीं हैं. वहीं पीएनपी अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि जारी उत्तर कुंजी ही फाइनल रहेगी और इन चार प्रश्नों को लेकर कोई बदलाव की उम्मीद नहीं है. बाकी मूल्यांकन से हटाए तीन प्रश्नों में समान अंक देने का फैसला परीक्षा समिति लेगी. यही नहीं, प्रश्न के जवाब को लेकर मंत्री और अधिकारी के जवाब भी एकमत नहीं है. भले ही नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री ने जल्द से जल्द प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दे दिया हो, लेकिन प्रश्नपत्र को लेकर हो रहा विवाद आगे मुश्किलें खड़ी कर सकता है.

एक प्रश्न पर मंत्री-अधिकारी में रार
प्रश्न पत्र में सीरीज डी के प्रश्न संख्या 39 में नाथ पंथ के प्रवर्तक को लेकर मंत्री सतीश द्विवेदी और बेसिक शिक्षा के अधिकारियों में ठन गई है. अधिकारियों के अनुसार उत्तर मस्त्येद्रनाथ है. जबकि मंत्री ने सही उत्तर गोरखनाथ बताया है.  इस पर गुस्साए  मंत्री सतीश द्विवेदी ने विभाग के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि 8 मार्च 2019 को TGT परीक्षा की B सीरीज के प्रश्न 88 में सही उत्तर गोरखनाथ बताया गया है. उसमें तो मसत्येन्द्रनाथ विकल्प ही नहीं है. अपने बेसिक शिक्षा विभाग की कक्षा 6 की पाठ 6 के महान व्यक्तित्व शीर्षक को पढ़ लीजिए उसमें भी गोरक्षनाथ लिखा है. आप आईएएस अधिकारी हैं इसका मतलब ये नहीं कि आप जो बोलें सब सही है. इस प्रश्न को लेकर मंत्री सतीश द्विवेदी ने अभ्यर्थियों के हित मे गंभीरता से विचार करने का अधिकारियों को आदेश दिया है.

अभ्यर्थियों ने 142 सवालों पर जताई थी आपत्तिपीएनपी अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि हमने जनवरी में आपत्तियां मांगी थीं, जिसमें से हमारे 142 प्रश्नों पर 32 हजार से अधिक आपत्तियां आई थीं. इनमें यह सात प्रश्न भी शामिल थे, जिस पर अभी भी आपत्तियां आ रही हैं. 52 ऐसे सवाल हैं जिनमें अभ्यर्थी हमारे जवाब सही मान रहे हैं, लेकिन फिर भी आपत्तियां डाल रहे हैं. वहीं, अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि आंसरशीट में दिए गए जवाब सही नहीं है. हमने एक्सपर्ट को प्रूफ भी दिए थे, लेकिन उन्होंने अभ्यर्थियों के प्रूफ को कूड़े का ढेर समझ लिया है. उन्होंने अनुरोध किया है कि जवाबों के प्रूफ पर गंभीरता से विचार करें.

इन प्रश्नों को लेकर अभ्यर्थियों में असंतोष है
प्रश्न संख्या 130 में पूछा गया था कि भारत में गरीबी का आंकलन किस आधार पर किया जाता है ? उत्तर है परिवार का उपभोग व्यय, जबकि सही उत्तर प्रति व्यक्ति व्यय है. इसलिए विकल्प संख्या ३ सही है. प्रश्न संख्या 131 में आपने पूछा है कि संविधान सभा के पहले अध्यक्ष कौन थे? उत्तर सच्चिदानंद सिन्हा दिया है, जबकि विकल्प संख्या दो में डॉ राजेंद्र प्रसाद भी दिया है और दोनों ही सही है क्योंकि सच्चिदानंद टेंपरेरी अध्यक्ष बने थे और परमानेंट पहले अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद बने थे. यह प्रश्न जब कभी पूर्व में अनेक एग्जाम में पूछा गया तो प्रश्न में स्पष्ट रूप से टेंपरेरी या परमानेंट लिख के पूछा गया था. या दोनों में से किसी एक को ही विकल्प में दिया गया था.  इसलिए यह प्रश्न भ्रामक है और पूछने का तरीका भी गलत प्रतीत हो रहा है.

प्रश्न संख्या 143 में अपने एक लेखक की कही हुई बात को कोट करके ब्रेकेट लिखा है और पूछा है कि किस लेखक की कही गई बात है. इसके बाद उत्तर में विकल्प संख्या तीन को सही माना है जिसमें वेलफेयर ग्रह्यय लिखा है, लेकिन जब उनकी परिभाषा देखी गई पुस्तक में कुछ और ही है और आपके द्वारा कोट किए गए लाइन से पूरी तरह मेल नहीं खाती. किसी लेखक द्वारा कही गई बातों को ठीक उसी तरह लिखा जाता है जैसा उसने कहा हो. चाहे वो किसी द्वारा दिया गया नारा हो या कुछ और उसमें किसी तरह का बदलाव अपराध की श्रेणी में आता है इसलिए यह प्रश्न  गलत और भ्रामक दोनों प्रतीत हो रहा है.

क्या कहते है जिम्मेदार
उम्मीदवारों  को आपत्ति आने के बाद इन प्रश्नों को लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने शासन और PNP के अधिकारियों को इन सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने का आदेश दिया है.

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First published: May 12, 2020, 3:05 PM IST



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