Covid-19: PM मोदी ने देश को नई लड़ाई के लिए तैयार किया | PM Narendra Modi prepares nation for new battle amid Coronavirus and Lockdown 4 | – News in Hindi

प्रधानमंत्री ने दिया उद्योग का नया मॉडल
कोरोना के इस संकट में करीब तीन महीने चलने वाले लॉकडाउन के बाद देश की अर्थव्यवस्था को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे थे. यह सवाल बहुत हद तक जायज भी थे. जिस तरह से देश भर के उद्योग करीब ढाई महीनों से बंद हैं. लाखों मजदूर सड़कों पर हैं. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर रही है. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने देश के लोगों को अर्थव्यवस्था का नया मॉडल दिया. मोदी ने जहां कुटीर, लघु व मझोले उद्योगों के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया. वहीं, प्रधानमंत्री ने गांवों, शहरों को स्थानीय स्वावलंबन का मंत्र भी दिया. प्रधानमंत्री जानते हैं कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में ही सबसे ज्यादा कमाने और सबसे ज्यादा खर्च करने वाले हाथ हैं. ऐसे में यदि ये लोग अपनी जरूरतों का सामान खुद स्थानीय स्तर पर पूरी तर लें तो ग्रामीण अर्थवस्वस्था में नई जान फूंकी जा सकती है. साथ ही अगर देश के लोग अपनी जरुरत देश के बने सामानों से पूरी कर लें तो देश की अर्थव्यवस्था एक झटके में पटरी पर आ सकती है.
पीएम ने देश को लोगों का बढ़ाया आत्मबलप्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में देश के लोगों को उनकी ताकत का एहसास कराया. उन्होंने बताया कि भारत में वो ताकत है कि बिना आयात के स्थानीय स्तर पर बड़े से बड़ा उत्पाद बना सकती है. प्रधानमंत्री ने एन-95 मास्क और पीपीई किट के बहाने लोगों को बताया कि जो देश कुछ समय पहले तक अति आवश्यक चीजों के लिए दूसरे देशों पर आधारित था, उसने ऐसी चीजों पर खुद को तब आत्मनिर्भर बना लिया, जब दुनिया बंद थी और कुछ भी इंपोर्ट नहीं किया जा सकता था. एन-95 मास्क और पीपीई किट आज देश में पर्याप्त मात्रा में बनाए जा रहे हैं. यहां तक कि भारत ने इस दौर में दुनिया के विकसित व साधन संपन्न देशों को जरूरी दवाइयां भी उपलब्ध कराई. देश के लोगों में वह ताकत है कि वे अपने पूरे मनोयोग से लग जाएं तो कोरोना के साथ-साथ अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भी भारत जंग जीत सकता है.
कच्छ के बहाने संकट से लड़ने का दिया मंत्र
प्रधानमंत्री मोदी जानते हैं कि संकट के समय आत्मबल मजबूत रखना जरूरी होता है. दुनिया चार महीनों से घरों में कैद है. इससे कई देशों में बहुत सारे लोग तनाव और अवसाद के शिकार हो रहे हैं. ऐसे में लॉकडाउन-3 में रियायतें देने के साथ लोगों के आत्मबल को मजबूत रखना बहुत जरूरी है. यही वो कारण था कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के बीच में कच्छ में आए भूकंप और उसके बाद कच्छ में आए बदलाव की चर्चा की. प्रधानमंत्री ने लोगों को बताया कि एक समय जब कच्छ बर्बाद हो चुका था. वहां से उसका आगे बढ़ना मुश्किल दिख रहा था. ऐसे समय में इस देश के लोगों ने अपनी लड़ाई लड़ी और कच्छ को देश के विकसित शहरो में एक बना दिया. ये हालात बताते हैं कि भारत के लोग हर लड़ाई जीतने का माद्दा रखते हैं. देश के लोग एक साथ एकजुट होकर हर दिक्कत से हर मजबूरी से मिलकर लड़े तो किसी भी समस्या से निपट सकते हैं.भारत ने दिखाया दुनिया को रास्ता
भारत ने अपने दम पर टीबी, पोलियो जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ाई लड़ी है और जीती है. ये लड़ाइयां दुनिया भर के देशों के लिए सबक बनी हैं. ऐसे में भारत के लोग कोरोना के इस संकट के साथ-साथ अर्थव्यवस्था के संकट से भी लड़ेंगे और जीतेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसे दौर में जब हमारे पास साधन और सामर्थ्य सब कुछ है, इस लड़ाई को जीतना मुश्किल नहीं है.
सबसे निचले स्तर पर प्रधानमंत्री का जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में देश के सबसे निचले तबके के लोगों पर खासा जोर दिया है. चाहे वह आम किसान हों, मजदूर हों या कामगार. किसी भी देश की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए उस देश के निचले पायदान पर खड़े लोगों का मजबूत होना जरूरी है. अगर हम बात करें औद्योगिक विकास की तो उत्पादन में मशीनों के साथ-साथ आम कामगारों की भी जरूरत होती है. आम कामगार जब तक फैक्ट्रियों में नहीं जाएगा और काम नहीं करेगा, तब तक किसी देश की उत्पादकता बढ़ाई नहीं जा सकती. इसी तरह 130 करोड़ लोगों के इस देश में आम आदमी ही सबसे बड़ा उपभोक्ता है. ऐसे में अगर वह विदेशों से आयात होकर आने वाला सामान की जगह स्थानीय स्तर पर सामान बनाने और उसका उपयोग करने का फैसला कर ले तो भारत को आत्मनिर्भर बनने से कोई नहीं रोक सकता.
साफ है, प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन-4 के पहले और देश के अधिकांश क्षेत्रों में उत्पादन शूरू होने के बाद देश के लोगों के साथ जो संवाद स्थापित किया है उसका सीधा असर देश के आम लोगों के साथ-साथ देश के उद्योग जगत और उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. प्रधानमंत्री के इस संबोधन से जहां लोगों का आत्मबल बढ़ेगा. वहीं, 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज से उद्योग जगत और देश की अर्थव्यवस्था में नई उर्जा का संचार होगा.
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अनिल रायएडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट)
अनिल राय भारत के प्रतिष्ठित युवा पत्रकार हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 18 साल से ज्यादा का अनुभव है. अनिल राय ने ब्रॉडकास्ट मीडिया और डिजिटल मीडिया के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्य किया है. अनिल राय ने अपना करियर हिंदुस्तान समाचार पत्र से शुरू किया था और उसके बाद 2004 में वह सहारा इंडिया से जुड़ गए थे. सहारा में आपने करीब 10 वर्षों तक विभिन्न पदों पर कार्य किया और फिर समय उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड में चैनल प्रमुख नियुक्त हुए. इसके साथ ही वह न्यूज़ वर्ल्ड इंडिया में तीन वर्ष तक मैनेजिंग एडिटर रहे हैं. फिलहाल आप न्यूज़ 18 हिंदी में एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट) के तौर पर कार्य कर रहे हैं.
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First published: May 12, 2020, 10:16 PM IST