जानें क्या कोरोना संकट के बीच सुरक्षित है एसी ट्रेन से सफर करना – Know whether is it safe to travel in AC train during coronavirus crisis | knowledge – News in Hindi
रेलवे ने बताया है कि ये सभी ट्रेनें राजधानी क्लास की एसी ट्रेनें (AC Trains) होंगी और इनका किराया सुपर-फास्ट ट्रेनों के बराबर होगा. रेलवे की इस घोषणा के साथ ही ये सवाल उठने लगे कि क्या सेंट्रलाइज्ड एसी सिस्टम (Centralized AC) वाली ट्रेनों में इस समय सफर करना ठीक होगा, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) समेत स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इससे संक्रमण तेजी से फैलने का जोखिम ज्यादा हो जाता है.
अस्पतालों में बंद कर दिए गए हैं सेंट्रलाइज्ड एसी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सेंट्रलाइज्ड एसी में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है. किसी भी संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स हवा के जरिये अगर सेंट्रलाइज्ड एसी तक पहुंचते हैं तो उस कमरे, बोगी या बस में मौजूद बाकी लोगों को संक्रमण (Infection) होने का पूरा खतरा रहता है. इस तरह का असर चीन (China) के वुहान में देखा जा चुका है. वुहान से एक व्यक्ति 600 किमी दूर गोंनजोन जाता है, जिसमें कोरोना का कोई लक्षण (Asymptomatic) नहीं था.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि एसी कोच में दो यात्रियों के बीच एक सीट पूुरी तरह से खाली रखी जानी जरूरी है.
उसके साथ एक रेस्टोरेंट्स में खाना खाने वाले सभी 8 लोगों को कोरोना हो जाता है. रिसर्च में सामने आया कि सेंट्रलाइज्ड एसी वाले रेस्टोरेंट में एक ही जगह बैठने के कारण वुहान (Wuhan) से आए व्यक्ति से बाकी सभी लोगों में संक्रमण फैल गया. इसी वजह से भारत के ज्यादातर अस्पतालों ने कोरोना संकट के बीच सेंट्रलाइज्ड एसी का इस्तेमाल बंद कर दिया है. कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे अस्पतालों में तो सेंट्रलाइज्ड एसी को खासतौर पर बंद रखा जा रहा है.
बंद बोगियों में संक्रमण फैलने का जोखिम ज्यादा
एसी ट्रेनों का चलना कुछ लोगों के लिए बहुत अच्छी खबर हो सकता है, लेकिन क्या इन वातानुकूलित बोगियों के नए कोरोना वायरस कैरियर्स बनने का जोखिम नहीं है? जसलोक अस्पताल के डॉ. रोहन सिकेयारा कहते हैं कि आप किसी भी तरह से एसी बोगियों में संक्रमण फैलने से नहीं रोक सकते हैं. एसी बोगियां पूरी तरह से बंद होती हैं और लंबी यात्रा के दौरान कोरोना वायरस फैलने के बहुत ज्यादा आसार हैं. वह बताते हैं कि सेंट्रलाइज्ड एसी में हवा को री-सर्कुलेट किया जाता है. देखा गया है कि न सिर्फ कोरोना वायरस बल्कि सामान्य इंफेक्सियस डिजीज भी सेंट्रलाइज्ड एसी में तेजी से फैलती हैं. दरअसल, वायरस एसी के फिल्टर में अटक जाते हैं और संक्रमण फैला देते हैं. ऐसे में एसी फिल्टर को पूरी सावधानी बरतते हुए बार-बार साफ किया जाना चाहिए.
‘मास्क नहीं लगाने पर लगाया जाए भारी जुर्माना’
डॉ. सिकेयारा कहते हैं कि एसी बोगियों में सोशल डिस्टेंसिंग का हर हाल में सख्ती से पालन किया जाना बहुत जरूरी है. इसके लिए बोगी में दो यात्रियों के बीच एक सीट को खाली रखा जाना चाहिए ताकि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में कुछ हद तक मदद मिल सके. वहीं, अगर कोई व्यक्ति ट्रेन में बिना मास्क के पाया जाता है तो उस पर भारी-भरकम जुर्माने की व्यवस्था की जानी चाहिए.
डॉक्टर्स ने ट्रेन में सफर करते समय मास्क नहीं लगाने वालों पर भारी जुर्माना लगाने का सुझाव दिया है.
हालांकि, डॉ. केआर ढेबरी का कहना है कि एसी ट्रेन का फैसला अच्छा है. उनका कहना है कि गर्म और उमस भरे मौसम में एसी ट्रेन ही बेहतर विकल्प है. हालांकि, वह कहते हैं कि इसमें एसिंटोमैटिक मरीज बड़ी समस्या हैं. हाल में ऐसे हजारों कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिनमें संक्रमण का कोई भी लक्षण नहीं था. मुंबई में 80 फीसदी संक्रमितों में कोरोना का कोई लक्षण नहीं है. हालांकि, ये भी जरूरी नहीं है कि सभी एसिंटोमैटिक मरीज संक्रमण फैलाएंगे ही.
कोरोना सर्टिफिकेट की होनी चाहिए व्यवस्था
डॉ. सिकेयारा कहते हैं कि इन ट्रेनों से सफर करने वाले हर यात्री को कोरोना प्रमाणपत्र जारी किया जाना चाहिए. ये प्रमाणपत्र इस बात की पुष्टि होगा कि इसका धारक पूरी तरह से यात्रा के लिए स्वस्थ है. इसमें ये भी ध्यान रखा जाना जरूरी है कि उनकी जांच टिकट मिलने के बाद की गई हो और उसके आधार पर ही कोरोना सर्टिफिकेट दिया गया हो. साथ ही इन ट्रेनों से घर पहुंचने वाले लोगों को उनके घर में ही 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाना अनिवार्य कर दिया जाए.
फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ शिवाजी सुतार ने कहा कि ट्रेनों को चलाने से पहले पूरी तरह सैनेटाइज किया गया है. यही नहीं स्टेशनों को भी सैनेटाइज किया जा रहा है. यात्रियों के लिए प्रस्थान बिंदु पर मास्क पहनना और स्वास्थ्य जांच अनिवार्य होगा. सिर्फ उन्हीं लोगों को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति होगी, जिनमें संक्रमण का कोई लक्षण नजर नहीं आएगा. टिकट पर ये स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि यात्रा के दौररान यात्री ट्रेन में क्या कर सकते हैं और क्या करने की अनुमति नहीं है.
बता दें कि विशेष ट्रेनों के तौर पर 15 ट्रेनें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलकर डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू-तवी को जाएंगी. कोविड-19 की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण 25 मार्च से ही सभी यात्री ट्रेन सेवाएं बंद कर दी गई हैं.
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