Lockdown के दौरान कम हुई चीनी की खपत, मिलों के सामने खड़े हुआ नकदी का संकट- Sugar consumption reduced during lockdown cash crisis in front of mills upum upas | meerut – News in Hindi
चीनी मिल (सांकेतिक तस्वीर)
जिला गन्ना अधिकारी दुष्यंत कुमार का कहना है कि ये बात सच है कि चीनी (Sugar) की खपत कम हुई है. इसको लेकर रणनीति बनाई जा रही है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि किसानों को किसी भी हाल में परेशानी नहीं होगी.
किसानो को कोई दिक्कत लॉकडाउन के बाद न आए इसे लेकर ज़िला गन्ना विभाग अभी से मंथन करने में जुट गया है. जानिए ज़िला गन्ना विभाग किसानों से क्या अपील कर रहा है.
शीतल पेय बनाने वाली कम्पनियां, आइसक्रीम, मिठाई की दुकानों, शादी समारोहों पर सबसे ज्यादा चीनी की खपत होती है. लॉकडाउन के कारण से सब ठप हैं. इस समय चीनी सिर्फ घरों में ही सप्लाई हो रही है. ऐसी स्थिति में चीनी मिलों का स्टॉक बढ़ रहा है. बिक्री न होने से नकदी का संकट पैदा हो रहा है. अगर एक्सपोर्ट और चीनी की खपत नहीं बढ़ी तो अगले पूरे साल चीनी के मूल्य दबे रहेंगे, जिसे लेकर किसान चिंतित हैं.
दरअसल चीनी मिलें पूरे साल चीनी बेंचकर अपना खर्च चलाती हैं और किसानों का भुगतान भी करती रहती हैं. अगर चीनी नहीं बिकेगी तो अगले साल के स्टॉक से जुड़ जाएगी और अगले गन्ने के सीज़न की भी चीनी आ जाने से स्टॉक बढ़ेगा तो अधिक चीनी खपानी पड़ेगी. इस खतरे को किसान बखूबी भांप रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस साल अपना गन्ना जैसे-तैसे बेच लिया लेकिन उनके गांवों में बहुत गन्ना खेत में खड़ा है. अब अगर मिलों की चीनी नहीं बिकेगी तो समस्या अगले साल और बढ़नी ही है. जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ेगा. लिहाज़ा सरकार को इस पर अभी से चिंतन और मंथन करना होगा.जिला गन्ना अधिकारी दुष्यंत कुमार का कहना है कि ये बात सच है कि चीनी की खपत कम हुई है. इसको लेकर रणनीति बनाई जा रही है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि किसानों को किसी भी हाल में परेशानी नहीं होगी.
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First published: May 11, 2020, 7:31 PM IST