फैक्ट चेक: क्या दिन में 3 बार हर्बल चाय पीने से कोरोना वायरस से इम्यून हुआ जा सकता है drinking herbal tea help fight coronavirus | knowledge – News in Hindi
क्या है आयुष मंत्रालय की 4 सलाहें
इसके तहत आयुर्वेद, योग, नैचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध और होमियोपैथी चिकित्सा पद्धतियां आती हैं. इसी मंत्रालय ने घरेलू उपायों की बात की थी ताकि संक्रमण से बचाव के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रहे. इसके तहत आई 4 सलाहों में दिनभर गर्म पानी पीना, हर्बल चाय पीने, खांसी होने पर पुदीना या अजवाइन की भाप लेने और च्यवनप्राश खाने की सलाह शामिल थी.
मंत्रालय के अनुसार ये इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काफी अच्छा हो सकता है
क्या है ये हर्बल चाय
ये एक खास तरह का काढ़ा है, जो तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक और किशमिश जैसी चीजों को मिलाकर उबालने पर तैयार होता है. मंत्रालय के अनुसार ये इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काफी अच्छा हो सकता है. हालांकि येल यूनिवर्सिटी (Yale University) की इम्युनोलॉजिस्ट Akiko Iwasaki के मुताबिक इस तरह के दावों के पीछे कोई प्रमाण नहीं है. यहां तक कि भारत सरकार की फैक्ट चेकिंग संस्था पीआईबी ने खुद ट्विटर पर ऐसे ही एक दावे को गलत बताया है. एक दावे के अनुसार गर्म पानी में नमक और सिरका मिलाकर पीने से कोरोना खत्म हो जाता है. ट्विटर पर पीआईबी ने लोगों को ऐसी किसी भी भ्रामक जानकारी से दूर रहने की सलाह दी थी.
#Coronavirus CANNOT be treated by gargling with warm water mixed with salt and vinegar.
This is #fakenews circulating on social media and WhatsApp.
For authentic information on #Coronavirusoutbreak, follow @PIB_India and @MoHFW_INDIA #PIBFactCheck #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/gKUGDBqR9Q
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 16, 2020
वैसे हर्बल चाय पीने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है, ये भ्रामक जानकारी कोरोना की शुरुआत का केंद्र रहे चीन से आई है. इस जानकारी में उस भूतपूर्व चीनी डॉक्टर Li Wenliang का हवाला दिया जा रहा है, जिसने कुछ डॉक्टरों के साथ मिलकर सबसे पहले कोरोना की जानकारी सामने लाने की कोशिश की थी. बाद में Li Wenliang खुद कोरोना मरीजों की देखभाल के दौरान संक्रमित हो गए और जान गंवा बैठे. सोशल मीडिया पर आए दावे के अनुसार डॉक्टर ने खुद एक केस फाइल में हर्बल चाय के बारे में लिखा था. चाय में एक तरह का तत्व methylxanthines होता है, जो वायरस के असर को काफी हद तक कम कर सकता है. भ्रामक पोस्ट्स में ये भी लिखा था कि चीन के अस्पताल कोरोना मरीजों को दिन में 3 बार हर्बल चाय दे रहे हैं.
डॉक्टर Li Wenliang को कोरोना के हीरो की तरह देखा जाता है
पड़ताल में पाया गया कि चाय में methylxanthines नाम तत्व होता तो है लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मृत डॉक्टर चाय के असर पर किसी किस्म की कोई रिसर्च कर रहे थे, जिसमें ये निष्कर्ष दिख रहा था. वुहान के ही सेंट्रल अस्पताल वे आंखों के डॉक्टर थे, न कि वायरलॉजी एक्सपर्ट. इससे इस बात की संभावना खत्म हो जाती है कि वे वायरस पर रिसर्च कर रहे होंगे. वैसे खुद इस डॉक्टर की मौत संदेह के घेरे में है और देश की सबसे बड़ी एंटी-करप्शन एजेंसी National Supervisory Commission उनकी मौत की पड़ताल कर रही है.
कोरोना से पहले साल 1818 में फैली महामारी स्पेनिश फ्लू के दौर में भी बचने के लिए अजीबोगरीब दावे होते थे. जैसे तब बहुत से लोग ये भ्रम फैलने लगे थे कि सांप का तेल वायरस से लड़ने में काफी असरदार होता है. उस दौर में सांप के तेल को बनाने का दावा करने वाले कई उत्पाद आए थे, जैसे Miller’s Antiseptic Snake Oil जो काफी लोकप्रिय हो चुका था. इसके विज्ञापन लगातार अखबारों में किसी खबर की तरह आया करते थे और प्रोडक्ट की धड़ल्ले से बिक्री होने लगी. हालांकि न तो ये साबित हो सका कि प्रोडक्ट में स्नेक ऑइल है और न ही ये बात साबित हुई कि इससे बीमारी से बचा जा सकता है.
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