आखिर एयरफोर्स की नौकरी क्यों छोड़ रहे हैं वायुसैनिक, जानिए क्या है सच्चाई | Know reasons and threats why airmen are leaving Indian air force | knowledge – News in Hindi


भारतीय वायुसेना के जवान. फाइल फोटो.
वेस्टर्न एयर कमांड (Western Air Command) के कई अधिकारियों के बीच एक विभागीय चिट्ठी घूम रही है, जो यह बता रही है कि वायुसैनिक (Airmen) अपनी नौकरी क्यों छोड़ देते हैं और यह चेतावनी भी दे रही है कि इससे भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को परेशान होने की ज़रूरत क्यों है. जानिए क्या भारतीय वायुसेना पर कोई नकारात्मक असर पड़ने वाला है.
एक तिहाई की शिकायत, ‘सही माहौल नहीं’
30 अप्रैल के इस विभागीय पत्र में दो साल तक किए गए सर्वे का हवाला देकर यह स्पष्ट किया गया है कि 13 से 20 साल के सर्विस ब्रैकेट में क्या रुझान सामने आए. ट्रिब्यून इंडिया ने इस पत्र के हवाले से रिपोर्ट में लिखा है कि करीब 32% ने माना कि वायुसैनिक 20 साल बाद फोर्स इसलिए छोड़ देते हैं क्योंकि उन्हें काम के लिए वातावरण उपयुक्त नहीं लगता.
दूसरा बड़ा कारण है बेहतर विकल्पवायुसैनिकों के वायुसेना छोड़ने का दूसरा बड़ा कारण नागरिक जीवन में बेहतर विकल्पों का होना है. आंतरिक सर्वे में शामिल किए गए लोगों में से 25% ने यह कारण माना है. जबकि 7% ने फोर्स छोड़े जाने का एक कारण कम वेतन होना भी माना. इसके अलावा, 19% ने माना कि ज़्यादा मूवमेंट और 17% ने माना कि करियर में विकास की संभावनाओं का न होना बड़े कारण हैं.
क्यों है चिंता का विषय?
वायुसेना रिकॉर्ड कार्यालय यानी एएफआरओ ने पिछले पांच सालों में किए विश्लेषण में खुलासा किया कि 45% वायुसैनिकों ने 20 साल के एग्रीमेंट के बाद फोर्स छोड़ने का विकल्प चुना जबकि उनके पास सेवा में एक्सटेंशन लेने का विकल्प था. पत्र में कहा गया है कि ‘प्रशिक्षित और अनुभवी मानव संसाधन को गंवाना संस्था के लिए अच्छा नहीं है इसलिए विशेषज्ञों को रोकने के लिए ज़रूरी कदम उठाए जाएं क्योंकि ऐसा होता रहा तो भारतीय वायसुेना की गतिविधियों पर नकारात्मक असर पड़ेगा.’
नीति बनाने के लिए अब क्या कदम होंगे?
कहा गया है कि भारतीय वायुसेना में तकनीक का बहुत महत्व है. साथ ही, सेना वायुसैनिकों को ट्रेंड करने में कीमती समय और संसाधन लगाती है इसलिए ऐसे में अनुभवी मैनपावर का जाना अखरने वाला है. वेस्टर्न एयर कमांड ने अपने फील्ड कमांडरों से वायुसैनिकों को पिछले कुछ सालों में हुए नीतिगत बदलावों के बारे में जागरूक करने को कहा है.
साथ ही, वायुसैनिक सेवाएं न छोड़ें, इसके लिए सभी फील्ड कमांडरों से फीडबैक मांगे गए हैं, जिनके आधार पर वायुसेना के मुख्यालय को आगे की नीतियां बनाने में आसानी होगी.
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First published: May 10, 2020, 7:01 PM IST