लॉकडाउन में पुराने दुश्मन लालू यादव-सुशील मोदी फिर भिड़े, ट्विटर पर किया ऐलान-ए-जंग twitter war between rjd chief lalu prasad yadav and sushil modi in bihar nodtg | patna – News in Hindi
ट्विटर पर लालू-सुशील वार
देश में अभी लॉकडाउन का माहौल है. ऐसे हालात में भी ये दोनों नेता अपनी भड़ास ट्विटर के जरिए निकालते हैं. यदि सुबह लालू यादव बिहार सरकार पर हमला करते हैं. तो शाम को सुशील मोदी उसका जवाब देते हैं. इस लॉकडाउन में सब कुछ बदला, लेकिन लालू-सुशील की सियासी दुश्मनी नहीं बदली है.
बिहार सरकार अपना,
नैतिक
प्राकृतिक
आर्थिक
तार्किक
मानसिक
शारीरिक
सामाजिक
आध्यात्मिक
व्यवहारिक
न्यायिक
जनतांत्रिक और
संवैधानिकचरित्र एवं संतुलन पूरी तरह खो चुकी है। लोकलाज तो कभी रही ही नहीं लेकिन जनादेश ड़कैती का तो सम्मान रख लेते।
15 बरस का हिसाब देने में कौनो दिक़्क़त बा?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) May 10, 2020
15 बरस का हिसाब देने में कौनो दिक्कत बा?
रविवार को लालू यादव ने बिहार सरकार से 15 वर्षों का हिसाब मांगा. लालू ने अपने ट्वीट में लिखा, ’15 वर्षों की बिहार सरकार अपना, नैतिक, प्राकृतिक, आर्थिक, तार्किक, मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, आध्यात्मिक, व्यवहारिक, न्यायिक, जनतांत्रिक और संवैधानिकचरित्र और संतुलन पूरी तरह खो चुकी है. लोकलाज तो कभी रही ही नहीं लेकिन जनादेश डकैती का तो सम्मान रख लेते. 15 बरस का हिसाब देने में कौनो दिकक्त बा?’
लालू-राबड़ी राज में नैतिकता को ताक पर रख कर चारा-अलकतरा घोटाले किए गए। सड़क, बिजली, सिंचाई के विकास की उपेक्षा करना और अपहरण उद्योग को संरक्षण देना उनकी महान अार्थिक नीति का आधार था। लालूनानिक्स में कालेधन से रंगभेद नहीं किया जाता था।
सामाजिक संतुलन का सूत्र वाक्य था- भूरा… pic.twitter.com/LDm2CxCRCj— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 10, 2020
सुशील मोदी का जबाब
डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने इस पर पलटवार करने में देर न लगाई. उन्होंने ट्विटर पर जवाब देते हुए लिखा कि पत्नी को सीधे सीएम बनवाने वाले लालू लोकलाज पर ज्ञान न दें, लालू-राबड़ी राज में नैतिकता को ताक पर रख कर चारा-अलकतरा घोटाले किए गए. सड़क, बिजली, सिंचाई के विकास की उपेक्षा करना और अपहरण उद्योग को संरक्षण देना उनकी महान आर्थिक नीति का आधार था. लालूनानिक्स में काले धन से रंगभेद नहीं किया जाता था. सामाजिक संतुलन का सूत्र वाक्य था- भूरा बाल साफ करो. लोकलाज का ‘आदर्श’ तो तब स्थापित हुआ, जब चारा घोटाला में जेल जाने की नौबत आने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री ने तमाम वरिष्ठ नेताओं को धकिया कर अपनी पत्नी को खड़ाऊं मुख्यमंत्री बनवा दिया. जिन्होंने संविधान, लोकलाज और राजधर्म की मर्यादाएं तोड़ीं, वो जेल से ज्ञान दे रहे हैं.
RJD खुद बिकाऊ होकर दूसरों को ‘बिकाऊ’ कह रही हैं
सुशील मोदी यहीं नहीं रुके, उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए कांग्रेस को भी लपेटे में ले लिया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि जिस राबड़ी देवी ने कांग्रेस के सभी विधायकों को मंत्री-पद देकर अपनी अल्पमत सरकार चलायी, वे दूसरों को ‘बिकाऊ’ कह रही हैं. लालू परिवार इन दिनों इतनी हताशा में है कि शब्दकोश से खोज-खोज कर सरकार की आलोचना कर रहा है. कोरोना संकट के समय अगर आरजेडी नकारात्मकता का लॉकडाउन कर सरकार के प्रयासों में सहयोग देता तो गरीबों-मजदूरों का ज्यादा भला होता. वो दिल्ली सरकार के झूठे प्रचार पर मुग्ध होते हैं. लेकिन बिहार की पहल दिखाई नहीं पड़ती.
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