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पिथौरागढ़: चीन बॉर्डर को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क बनने से छिना कइयों का रोजगार |lipulekh road of uttarakhand connecting China took away the employment of many nodtg | pithoragarh – News in Hindi

पिथौरागढ़: चीन बॉर्डर को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क बनने से छिना कइयों का रोजगार

चीन को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क ने छीना कईयों का रोजगार (फाइल फोटो)

लिपुलेख सड़क कैलाश-मानसरोवर यात्रा मार्ग में बनी है. ये इलाका हिमालय का ऊपरी हिस्सा है जहां सदियों से लोग अपने जीवन यापन के लिए परंपरागत कार्य किया करते थे. सड़क बनने से पहले इन कार्यों का महत्व भी था. इन्हीं में एक काम था, भेड़-बकरियों की मदद से बॉर्डर पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिए जरूरी सामान पहुंचाना

पिथौरागढ़. सड़कों को विकास का पहला पायदान माना जाता है. कोई भी इलाका रोड से जुड़ जाए तो कई दिक्कतें दूर हो जाती हैं. लेकिन उत्तराखंड (Uttarakhand) के पिथौरागढ़ में चीन बॉर्डर तक बनी लिपुलेख रोड (Lipulekh Road) ने कइयों के रोजगार को छीन लिया है. लिपुलेख सड़क कैलाश-मानसरोवर यात्रा मार्ग में बनी है. ये इलाका हिमालय का ऊपरी हिस्सा है जहां सदियों से लोग अपने जीवन यापन के लिए परंपरागत कार्य किया करते थे. सड़क बनने से पहले इन कार्यों का महत्व भी था. इन्हीं में एक काम था, भेड़-बकरियों की मदद से बॉर्डर पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिए जरूरी सामान पहुंचाना.

धारचूला के ऊपरी इलाकों में रहने वाले दर्जनों परिवार जवानों के लिए जरूरी सामान पहुंचा कर अपनी रोजी-रोटी चलाते थे. एक क्वविंटल का सामान सैन्य चौकियों में पहुंचाकर इन्हें 12 सौ रुपये मिलते थे. गुंजी की रहने वाली कलावती अपने पति के साथ इसी कारोबार से जुड़ी है. कलावती कहती हैं कि उनका दशकों पुराना धंधा रोड बनने के साथ ही खत्म हो गया है. इस धंधे से अब तक उनका परिवार पलता था.

पोनी-पोटर्स का धंधा भी पूरी तरह खत्म
गर्मियों के सीजन में कलावती जैसे कई लोग जवानों के लिए जरूरी दाल, चावल, आलू, तेल, आटा, मिट्टी का तेल आदि पहुंचाते थे. चीन और नेपाल से सटे इस बॉर्डर पर सेना के साथ ही आईटीबीपी और एसएसबी भी तैनात रहती है. जरूरी सामान ढोने वालों के अलावा पोनी-पोटर्स का धंधा भी पूरी तरह खत्म हो गया है. पोनी-पोटर्स की मदद से मानसरोवर यात्रियों के साथ ही इंडो-चाइना ट्रेड का सामान भी पहुंचाया जाता था. लेकिन अब सड़क बनने से सभी यात्री लिपुलेख पास तक गाड़ी में जा सकेंगे.‘हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार’

यही नहीं, इंडो-चाइना ट्रेड में शामिल होने वाले व्यापारी और उनका सामान भी गाड़ियों से ही चीन की तकलाकोट मंडी तक पहुंच सकेगा. पोनी-पोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जगत मर्तोलिया ने प्रदेश सरकार से नई परिस्थितियों में रोजगार खोने वालों की मदद की मांग की है. वहीं, कुमाऊं मंडल विकासनिगम के अध्यक्ष केदार जोशी का कहना है कि फिलहाल भले ही लोगों को कुछ दिक्कतें उठानी पड़ रही हो. लेकिन जल्द ही बॉर्डर से लगा ये इलाका हजारों लोगों को रोजगार देगा. जोशी का कहना है रोड बनने के बाद इस सुंदर इलाके में टूरिज्म बढ़ेगा, जिसके लिए निगम प्लान तैयार कर रहा है.

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First published: May 10, 2020, 7:28 PM IST



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