Mothers Day: ये हैं MP की मदर कॉप, जिन्होंने ममता से ज्यादा ड्यूटी को दी तवज्जो-Mothers Day: This is MPs Mother Cop, who paid more duty than Mamta | bhopal – News in Hindi
मदर डे स्पेशल: ये हैं एमपी की ‘मदर कॉप’
मध्य प्रदेश में सड़क पर तेज धूप में तैनात ‘मदर कॉप’ कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहीं हैं. ये मदर कॉप अपने छोटे-छोटे बच्चों को छोड़ 15-15 की ड्यूटी कर रही हैं. कोरोना वॉरियर्स (Corona warriors) मां नीतू, दीप्ति और सोनिया ने समाज के सामने मिसाल पेश की है.
बच्चों को वक्त नहीं दे पाती हैं नीतू कुंसरिया
मदर कॉप जब अपनी पूरी ड्यूटी करने के बाद घर पहुंचती हैं, तो वह उतना समय अपने बच्चों को नहीं दे पाती, जितना समय एक मां घर पर रहकर अपने बच्चों को सामान्य तौर पर देती हैं. ऐसी ही कुछ मदर कॉप हैं जो लगातार इस कोरोना आपदा में ड्यूटी कर रही हैं. ये माएँ 12 घंटे की ड्यूटी के बाद अपने बच्चों की सूरत देख पा रही हैं, उनमें गोविंदपुरा थाना परिसर में स्थित ऊर्जा डेक्स की प्रभारी सब इंस्पेक्टर नीतू कुंसरिया भी हैं.
‘मां की ममता से ज्यादा जरूरी है देश सेवा’नीतू की इलाके में चेकिंग प्वाइंट पर ड्यूटी भी लगती है. नीतू के दो बच्चे हैं जिसमें एक बेटी 4 साल की और एक बेटा 2 साल का है. उनके पति प्राइवेट जॉब में हैं नीतू ने बताया कि आज मदर्स डे है लेकिन इस समय हमारी जरूरत सबसे ज्यादा फील्ड में है. बच्चों की याद जरूर आती है, लेकिन ड्यूटी करना सबसे ज्यादा जरूरी है. 12 से 15 घंटे की ड्यूटी के बाद ही बच्चों की शक्ल देखने को मिलती है. परिवार के लोग ही बच्चों की देखभाल करते हैं. मैं पुलिस अधिकारी के साथ एक मां भी हूं. इस समय मां की ममता से कहीं अधिक महत्वपूर्ण देश सेवा है. यह हमारा फर्ज भी है कि इस कोरोना के संकट में हम पुलिस फोर्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहें.
माता-पिता दोनों पुलिस फोर्स में
सोनिया पटेल गोविंदपुरा थाने की कॉन्स्टेबल हैं और उनके पति भी पुलिस फ़ोर्स में हैं. लॉक डाउन में उनके पति और वे बारी-बारी से बच्चे की देखभाल कर रहे हैं. थाने में ऑनलाइन FIR लिखने के साथ सोनिया फील्ड पर भी तैनात रहती हैं. उनके दो बच्चे हैं. एक 6 साल की बेटी है और एक 11 साल का बेटा है. उनके पति भी पुलिस फोर्स में हैं.
बच्चों की जिम्मेवारी हम दोनों ने बांट ली: सोनिया पटेल
सोनिया पटेल बताती हैं कि उनकी बेटी छोटी है जिसका सबसे ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है. ऐसे में दोनों पति पत्नी ने बच्चों को समय देने का समय आपस में बांट लिया है. सुबह जब सोनिया ड्यूटी पर आती है तो उनके ड्यूटी से वापस घर लौटने तक उनके पति ही बच्चों का ध्यान रखते हैं। इसके बाद जब शाम को सोनिया घर पहुंचती है तो उनके पति ड्यूटी चले जाते हैं। इसके बाद सोनिया की ड्यूटी बच्चों के लिए शुरू होती है. उन्होंने बताया कि मदर्स डे के दिन घर पर रहना बहुत अच्छा लगता है लेकिन इस समय कोरोना आपदा काल चल रहा है और इसमें हमारा सबसे पहला फर्ज हमारी ड्यूटी है.
मां की ममता ड्यूटी में नहीं बनती बाधा: दीप्ति पवार
दीप्ति पवार भी राजधानी भोपाल में कॉन्स्टेबल पद पर तैनात हैं और वह अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रही हैं. उन्होंने बताया कि उनका 3 साल का एक बेटा है. उनके पति बीएचईएल में नौकरी करते हैं. पति पत्नी मिलकर अपने इकलौते बेटे को मिलकर संभालते हैं. दीप्ति पवार बताती हैं कि बच्चा अभी छोटा है और उनका मन बच्चे के साथ खेलने का करता है. उन्होंने बताया कि वे लॉक डाउन में लगातार ड्यूटी कर रही हैं. घर का काम करने के बाद वह ड्यूटी भी पूरी ईमानदारी से करती हैं. उन्होंने कभी भी फर्ज को मां की ममता के आड़े आने नहीं दिया. उनका कहना है कि इस संकट की घड़ी में ड्यूटी करना जरूरी है. पुलिस की वर्दी इसलिए पहनी है, क्योंकि हमें जनता की सुरक्षा करनी है और कोरोना आपदा में इस वक्त जनता को सबसे ज्यादा जरूरत पुलिस की है.
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First published: May 10, 2020, 2:25 PM IST