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कोरोना संकट में इस प्राइवेट बैंक की हुई चांदी, कमाए 1251 करोड़ रुपये- ICICI Bank Q4 results Profit jumps 26 percent YoY to Rs 1221 crore | business – News in Hindi

कोरोना संकट में इस प्राइवेट बैंक की हुई चांदी, कमाए 1251 करोड़ रुपये

ICICI बैंक की प्रोविजनिंग भी बढ़ी

ICICI Bank का बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 6.91 प्रतिशत बढ़कर 1,251 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. बैंक ने कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के संभावित प्रभाव के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.

नई दिल्ली. निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) का बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 6.91 प्रतिशत बढ़कर 1,251 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. बैंक ने कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के संभावित प्रभाव के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. तिमाही के दौरान एकल आधार पर निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक का शुद्ध लाभ 26 प्रतिशत बढ़कर 1,221 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 969 करोड़ रुपये था. पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में एकल आधार पर बैंक का शुद्ध लाभ 135 प्रतिशत बढ़कर 7,930.81 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

संपत्ति के मोर्च पर बात की जाए, तो 31 मार्च, 2020 तक बैंक की सकल नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) कुल लोन का 5.53 प्रतिशत थीं. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक का सकल NPA 6.70 प्रतिशत था. दिसंबर तिमाही में यह 5.95 प्रतिशत के स्तर पर थीं. हालांकि, समीक्षाधीन तिमाही में बैंक के एनपीए में 5,300 करोड़ रुपये से अधिक के कुछ और मामले जुड़ गए.

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आईसीआईसीआई बैंक के अध्यक्ष संदीप बत्रा ने कहा कि इससे पिछली तिमाही में बैंक को 4,300 करोड़ रुपये के कर्जों की वसूली अवरुद्ध हुई थी. एनपीए में आलोच्य तिमाही में बढ़ोतरी की वजह दो खाते हैं. इनमें एक पश्चिम एशिया की स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की कंपनी और सिंगापुर की एक व्यापार कंपनी का खाता है. दोनों ही मामलों में कर्ज लेने वालों ने बैंकों के सामने अपनी सही वित्तीय स्थिति नहीं रखी. बैंक ने दोनों खातों के लिए उल्लेखनीय प्रावधान किया है और भविष्य में इन खातों से और दबाव की संभावना नहीं है. कुल मिलाकर एकल आधार पर बैंक का प्रावधान बढ़कर 5,967 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जो एक साल पहले 5,451 करोड़ रुपये और इससे पिछली तिमाही के दौरान 2,083 करोड़ रुपये था. इसमें कोविड-19 के प्रभाव के लिए किया गया 2,725 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल है.बैंक ने कहा कि कोविड-19 के लिए प्रावधान संभावित दबाव के लिए किया है. यह रिजर्व द्वारा बैंक द्वारा सुझाए गए 600 करोड़ रुपये के प्रावधान से कहीं अधिक है. बत्रा ने कहा कि चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद बैंक को वृद्धि के अवसर दिख रहे हैं. बैंक डिजिटल विकल्पों पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगा. इस वित्तवर्ष के लिए बैंक ने ऋण में वृद्धि का कोई लक्ष्य तय नहीं किया है. समीक्षाधीन तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज-आय 17 प्रतिशत बढ़कर 8,927 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान उसका शुद्ध ब्याज मार्जिन 3.87 प्रतिशत रहा. इस दौरान शुल्कों से प्राप्त आय में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. बैंक का ऋण कारोबार तिमाही के अंत में 6.45 लाख करोड़ रुपये के स्तर का था.

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First published: May 10, 2020, 12:15 PM IST



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