प्रवासियों के लिए ट्रेन की अनुमति शुक्रवार को दी गई, रेलवे का बयान गलत: बंगाल सरकार | Bengal government comments after railway speaks on Permission to run train for migrants laborers | nation – News in Hindi
इस मुद्दे पर राज्य और केंद्र के बीच दिनभर जुबानी जंग चलती रही. रेलवे ने रात में कहा कि उसे राज्य के बाहर से लोगों को लाने के लिए आठ विशेष ट्रेनें चलाने की मंजूरी पश्चिम बंगाल सरकार से मिल गई.
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कर्नाटक, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना से ट्रेनें लोगों को अगले कुछ दिनों में बंगाल लाएंगी.लेकिन देर रात पश्चिम बंगाल के गृह सचिव अलापन बंदोपाध्याय ने ट्वीट किया, ‘रेल मंत्रालय का ट्वीट भ्रामक और गलत है.’ उन्होंने कहा कि सभी ट्रेनों के लिए मंजूरी दे दी गयी थी और संबंधित राज्यों को आठ मई या उससे पहले ही अवगत करा दिया गया था.
Ministry of Railways tweet is misleading and incorrect. All the trains mentioned in their tweet were approved and communicated to the concerned States on 8 May( yesterday) or before, no new decision in this regard has been taken today. Further decisions to follow in due course. https://t.co/Z1OylX4we5
— Home Secretary – Govt. of West Bengal (@HomeSecretaryWB) May 9, 2020
फंसे हुए प्रवासी मजदूरों की वापसी के मुद्दे पर केंद्र सरकार-पश्चिम बंगाल के बीच तकरार
बता दें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को पश्चिम बंगाल सरकार पर आरोप लगाया कि वह फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों से उनके घर पहुंचाने की इजाजत नहीं दी रही है. हालांकि राज्य सरकार ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि 6,000 प्रवासी पहले ही लौट चुके हैं तथा और अधिक मजदूरों को लेकर 10 ट्रेनें जल्द ही पहुंचेंगी.
इस बीच, रेलवे ने शनिवार रात कहा कि लॉकडाउन के चलते (देश के विभिन्न हिस्सों में) फंसे लोगों को पश्चिम बंगाल पहुंचाने को लेकर आठ विशेष ट्रेनें चलाने के लिये राज्य सरकार से ‘मंजूरी’ प्राप्त हो गई है. इस विषय पर राज्य और केंद्र के बीच पूरे दिन चले आरोप-प्रत्यारोप के बाद यह बयान आया.
शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिख कर आरोप लगाया है कि राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों को लेकर आने वाली ट्रेनों को राज्य में प्रवेश की इजाजत नहीं दे रही है और उन्होंने इसे प्रवासी श्रमिकों के साथ ‘अन्याय” करार दिया.
इस घटनाक्रम से केंद्र-राज्य (पश्चिम बंगाल) के बीच टकराव बढ़ने की संभावना है. हालांकि, राज्य सरकार ने इस आरोप को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि 6,000 फंसे हुए प्रवासी मजदूर पहले ही वापस आ चुके हैं और राज्य ने ऐसे और श्रमिकों को लाने के लिये 10 ट्रेनों को हरी झंडी दी है.
शनिवार को बंगाल से एक भी श्रमिक विशेष ट्रेन रवाना नहीं हुई- रेलवे
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कर्नाटक से तीन, पंजाब और तमिलनाडु से दो-दो और तेलंगाना से एक ट्रेन फंसे हुए लोगों को लेकर अगले कुछ दिन में पश्चिम बंगाल पहुंचेगी. हालांकि, अधिकारी ने यह भी कहा कि शनिवार को बंगाल से एक भी श्रमिक विशेष ट्रेन रवाना नहीं हुई, जबकि राज्य ने इसके उलट दावा किया है. रेल मंत्रालय ने कहा, ‘ आज सुबह तक पश्चिम बंगाल के लिये हमने सिर्फ दो श्रमिक विशेष ट्रेनों की मंजूरी प्राप्त की, एक अजमेर शरीफ से और दूसरा एर्णाकुलम से.’
मंत्रालय ने रात आठ बजकर 47 मिनट पर ट्वीट में कहा, ‘गृह मंत्री के अनुरोध के बाद दोपहर में पश्चिम बंगाल ने पंजाब से दो, तमिलनाडु से दो, कर्नाटक से तीन और तेलंगाना से एक ट्रेन को मंजूरी प्रदान की.’ बंगाल ने महाराष्ट्र से किसी ट्रेन को मंजूरी नहीं दी है.
वहीं, रेलवे के आंकड़ों से यह प्रदर्शित होता है कि बंगाल ने अब तक सिर्फ दो ‘श्रमिक विशेष ’ ट्रेनें ही स्वीकार की है, जबकि विभिन्न राज्यों के लिये ऐसी 302 ट्रेनें अब तक चलाई गई है.