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​कोरोना की आंच से सेफ है इस सेक्टर की कंपनियां! भारत ने बनाया ये नया रिकॉर्ड – ReNew Power of India Winds 24 Hours Power supply tender at 1 paise Margin renewables Sector | business – News in Hindi

​कोरोना की आंच से सेफ है इस सेक्टर की कंपनियां! भारत ने बनाया ये नया रिकॉर्ड

1 पैसे प्रति यूनिट की मार्जिन पर इस कंपनी ने जीता टेंडर

कोरोना (Coronavirus) के इस संकट में जहां दुनियाभर में कंपनियों की हालत खराब है. वहीं, भारत का पावर सेक्टर इस काफी हद तक बचा हुआ है.

नई दिल्ली. देश के रिन्युवेबल्स सेक्टर (Renewables Sector) पर अभी तक कोरोना वायरस की कोई आंच नहीं आते दिखाई दे रही है. गोल्डमैन सैश (Goldman Sachs) द्वारा फंड वाली ReNew Power ने शुक्रवार को 24 घंटे पावर सप्लाई की टेंडर पाने में सफल रही. खास बात है कि 2.90 रुपये प्रति यूनिट की टैरिफ पर इस कंपनी ने मात्र 1 पैसे की मार्जिन से ही इस टेंडर को हासिल कर लिया.

मौजूदा एक्सचेंज दर के हिसाब सस्ता
आज के 75.55 रुपये प्रति डॉलर के एक्सचेंज दर पर रिन्यू पावर का यह आफर मई 2017 के 2.55 रुपये प्रति यूनिट की तुलना में बेहतर है. यह टेंडर राजस्थान के बाधला सोलर पार्क के लिए है जोकि सोलर पावर मार्केट में दुनिया की सबसे सस्ती दर पर बिजली मुहैया कराता है.

स्टोरेज विकल्प के साथ रिन्यूवेबल क्षमता के लिए फरवरी में हुई नीलामी के मुकाबले में यह 24 फीसदी सस्ता है. इसके जरिए भी निरंतर बिजली मिलने की बीमा है. कोयले से बनने वाली बिजली की तुलना में यह सस्ता है.यह भी पढ़ें: इन बैंकों में एफडी कराने पर सबसे जल्दी होगा आपका पैसा डबल, दे रहे हैं 9% ब्याज

रिवर्स बिडिंग के जरिए हुई बिक्री
NTPC के कोयले से बनने वाली बिजली की तुलना में रिन्यू पावर की टैरिफ 35 फीसदी तक सस्ती है. इसे 400 मेगावॉट के लिए सरकारी SECI नीलामी की रिवर्स ​​बिडिंग प्रोसस के जरिए बेचा गया है. यह ऑफर 6 रुपये प्रति ​यूनिट की तुलना में 25 फीसदी से 72 फीसदी सस्ता माना जा रहा है. डिसकॉम्स ओपेन मार्केट से 6 रुपये प्रति यूनिट पर खरीदती हैं जोकि अधिकतर गैस से चलने वाली प्लांट्स में उत्पादित किया जाता है.

इन कंपनियों ने भी लिया बिडिंग में भाग
इस रिवर्स नीलामी में बिडिंग की शुरुआत 3.59 रुपये प्रति यूनिट से शुरू हुई, जिसमें पहले की तुलना में ही 19 फीसदी की कमी थी. Greenko ने 2.91 रुपये प्रति यूनिट पर बिडिंग की. नीलामी में भाग लेने वाली अन्य कंपनियों में Ayana और HES Infra थीं.

खड़ी हो सकती है कोयले से उत्पादन वाले बिजली संयंत्रों के लिए समस्या
ऐसे में इस नीलामी के बाद अब संभव है कोयले से उत्पादन वाले प्लांट्स के लिए समस्या खड़ी हो जाए. दरअसल, ग्रीन पावर को लेकर जागरूकता तो है, साथ ही इनके साथ सोलर स्टोरेज सिस्टम्स कोयला प्लांट की जगह रिन्यूवेबल पावर को वरीयता मिल सकती है.

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First published: May 9, 2020, 5:45 PM IST



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