देश दुनिया

कोरोना वायरस: तबलीगी जमात के विदेशी नागरिकों को डिजिटल कॉन्सुलर एक्सेस देने पर विचार कर रहा भारत | Corona virus India considering giving digital consular access to foreign nationals of Tabligi Jamaat | nation – News in Hindi

कोरोना वायरस: तबलीगी जमात के विदेशी नागरिकों को डिजिटल कॉन्सुलर एक्सेस देने पर विचार कर रहा भारत

करीब 2361 तबलीगी जमात से जुड़े लोग दिल्ली के निज़ामुद्दीन मरकज़ में कई दिनों तक साथ रहे, जिससे कोरोना मामलों में उछाल आया था.

पिछले एक महीने में अधिकतर देशों के दूतावासों ने विदेश मंत्रालय से तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के कार्यक्रम में आए इन 960 विदेशी नागरिकों के मामले में संपर्क किया है और कॉन्सुलर एक्सेस की मांग की है.

नई दिल्ली. विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के कार्यक्रम में शामिल हुए विदेशी नागरिकों को डिजिटल कॉन्सुलर एक्सेस देने पर विचार कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक इसके लिए दिल्ली (Delhi) में कई दूतावासों ने विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है. इन दूतावासों ने जमात के विदेशी नागरिकों की कॉन्सुलर एक्सेस की मांग की है. भारत में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अधिकतर लोग इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान से हर साल आते हैं. एक आंकड़े के अनुसार इस साल करीब 2100 विदेशी नागरिक भारत आये थे. ये देश के करीब 824 अलग-अलग हिस्सों में चले गए, वहीं 216 विदेशी नागरिक निज़ामुद्दीन मरकज़ में मौजूद थे.

लॉकडाउन के खत्म होने का कर रहे इंतजार
सूत्रों ने न्यूज़18 को बताया कि पिछले एक महीने में अधिकतर देशों के दूतावासों ने विदेश मंत्रालय से इन 960 नागरिकों के मामले में संपर्क किया है और कॉन्सुलर एक्सेस की मांग की है. नाम गुप्त रखने के आग्रह पर एक राजदूत ने न्यूज़18 को बताया कि वो लॉकडाउन (Lockdown) के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं, साथ ही इस देश के नागरिकों का क्वारंटाइन भी जारी है. उन्होंने बताया कि उनके पास अपने नागरिकों की संख्या की जानकारी नहीं, क्योंकि दूतावास पर्यटक वीज़ा पर आए लोगों की जानकारी नहीं रखते. आपको बता दें कि तबलीगी जमात के विदेशी नागरिक पर्यटक वीज़ा पर भारत आये थे और जमात के कामों में शामिल हुए, जो गैरकानूनी है.

मिल सकती है डिजिटल कॉन्सुलर एक्सेसकॉन्सुलर एक्सेस को लेकर दूतावासों से मिले आवेदनों पर विदेश मंत्रालय विचार कर रहा है. सूत्रों ने न्यूज़18 से कहा कि अभी इसपर फैसला नहीं लिया गया, लेकिन यदि कॉन्सुलर एक्सेस की इजाज़त मिलेगी, तो यह डिजिटल रूप में होगी. यानी कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए ऑनलाइन मुलाकात कराई जा सकती है.

निज़ामुद्दीन मरकज़ बना था कोरोना हॉटस्पॉट
देश में कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) की शुरुआत के दौरान निज़ामुद्दीन मरकज़ (Nizamuddin Markaz) मामला बहुत चर्चा में रहा. दिल्ली में धार्मिक समारोह पर रोक के बावजूद, करीब 2361 तबलीगी जमात से जुड़े लोग दिल्ली के निज़ामुद्दीन मरकज़ में कई दिनों तक साथ रहे, जिससे कोरोना मामलों में उछाल आया था. इनमें कई लोग विदेशी नागरिक भी थे. इतना ही नहीं, करीब 824 विदेशी नागरिक देश के अलग-अलग हिस्सों में ‘चिल्ला’ गतिविधियों में शामिल हुए. तेलंगाना (Telangana) से पहला तबलीगी जमात का कोरोना मामला सामने आने पर केंद्र सरकार तुरंत हरकत में आई थी. और देश में सभी जमात के लोग, उनके संपर्क की तलाश और उनके क्वारंटाइन का सिलसिला शुरू हुआ.

गृह मंत्रालय ने किया था ब्लैकलिस्ट
कड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2 अप्रैल को 960 विदेशी जमातियों को ब्लैकलिस्ट कर उनका वीज़ा भी रद्द कर दिया था. साथ ही इन विदेशी नागरिकों के खिलाफ विदेशी अधिनियम, 1946 और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए.

ये भी पढ़ें-
स्वास्थ्य मंत्री ने जगाई उम्मीद, कहा- कोरोना का ग्राफ जल्द ही रिवर्स होगा

पाकिस्‍तान के पुलिसकर्मियों में फैला बिना लक्षणों वाले कोरोना का संक्रमण

News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए देश से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.


First published: May 9, 2020, 10:07 PM IST



Source link

Related Articles

Back to top button