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Lockdown: 3 हजार करोड़ बकाया रकम यूपी को दे दे केंद्र सरकार तो सीएम योगी के होंगे हाथ मजबूत | Lockdown: CM Yogi will get strength if central Government gives 3 thousand crore dues of uttar pradesh | nation – News in Hindi

Lockdown: 3 हजार करोड़ बकाया रकम यूपी को दे दे केंद्र सरकार तो सीएम योगी के होंगे हाथ मजबूत

सीएम योगी (फ़ाइल फोटो)

यूपी सरकार (Uttar Pradesh Government) ने अप्रैल में बकाया रकम देने के लिए केन्द्र सरकार (Central Government) को चिट्ठी लिखी थी. जिसके बाद मात्र 800 करोड़ रुपये केंद्र द्वारा यूपी के खाते में भेजे गए…

लखनऊ. वैसे तो राज्यों का पैसा केन्द्र सरकार के पास बकाया होना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन, इसकी गंभीरता का आकलन हालात के आधार पर किया जाता है. इन दिनों ऐसे ही हालात हैं. कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ने और Lockdown के दौरान सरकारी खर्चे को पूरा करने में योगी सरकार एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. नये-नये टैक्स लगाये जा रहे हैं जिससे सरकारी खजाने को थोड़ा बल मिल सके. ऐसे में जानकारों का आकलन है कि यूपी की केन्द्र सरकार पर बकाया रकम की वापसी राज्य के खजाने में हो जाये तो उसे बड़ी ताकत मिलेगी.

भुगतान के लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी
अलग अलग मदों में तो केन्द्र सरकार पर और भी बकाये होंगे लेकिन एक बड़ा अमाउण्ट जीएसटी (GST) का है जो यूपी का पैसा है लेकिन केन्द्र के खाते में हैं. 3 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा का बकाया यूपी का केन्द्र सरकार पर है. राज्य सरकार को ये पैसा IGST सेटलमेंट (INTEGRATED GOODS AND SERVICES TAX) के तहत जमा हुई रकम में से मिलना है. पिछले चार महीने का IGST सेटेलमेंट का पैसा यूपी सरकार को केन्द्र सरकार से नहीं मिला है. दिसम्बर और जनवरी की बकाया रकम 1558 करोड़ जबकि फरवरी और मार्च की बकाया रकम 1585 करोड़ रूपये हैं. ये कुल 3143 ठहरती है. इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2017-18 में यूपी को कम्पनशेसन के रूप में केन्द्र सरकार को 118 करोड़ रूपये देने हैं जो अभी भी बकाया है. इन तीनों ही धनराशि को जोड़ दिया जाये तो कुल बकाया रकम 3261 करोड़ रूपये पहुंचती है. तंगी के इस दौर में ये रकम बहुत काम आयेगी.

राज्य जीएसटी के सचिव वरिष्ठ आईएएस आलोक सिन्हा ने बताया कि यूपी सरकार ने अप्रैल में बकाया रकम देने के लिए केन्द्र सरकार को चिट्ठी लिखी थी. इसके बदले उन्हें 800 करोड़ रूपये की धनराशि केन्द्र सरकार ने मुहैया करा दी है.” इस अदायगी के बाद भी जो पैसा केन्द्र पर बकाया है वो कुछ कम नहीं हैक्या होता है इण्टीग्रेटेड जीएसटी

जीएसटी तीन मदों में वसूला जाता है. पहला सेन्ट्रल जीएसटी, दूसरा स्टेस जीएसटी और तीसरा इण्टीग्रेटेड जीएसटी. जब एक ही राज्य में किसी सामान की खरीद-बिक्री होती है तो उसपर सेन्ट्रल और स्टेट जीएसटी वसूला जाता है. खरीद के बाद जो बिल हमें मिलता है उस पर CGST और SGST लिखा मिलता है. लेकिन जब किसी सामान की खरीद-बिक्री एक राज्य से दूसरे राज्य में होती है तो उस पर IGST भी लगता है. इस मद में वसूला जाने वाला टैक्स केन्द्र सरकार के खाते में चला जाता है. इसे केन्द्र सरकार वापस राज्य सरकारों को उनके खाते में भेजती है. इसी मद में जमा हुआ यूपी का पैसा केन्द्र सरकार के पास डम्प है जिसे उसे यूपी सरकार को वापस करना है. कोरोना संकट काल में राज्य की आमदमी लगभग ठप है. नये टैक्स और दूसरे संसाधनों से सरकार पैसे जमा कर रही है. ऐसे में बकाये रकम की भरपाई उसे बड़ी राहत देगी.

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First published: May 9, 2020, 9:58 PM IST



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