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कांग्रेस को बड़ा झटका, ED ने जब्त की एजेएल की 16.38 करोड़ रुपये की संपत्ति | ED confiscates AJL property worth Rs 16.38 crore in Mumbai Moti Lal Vora | nation – News in Hindi

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने शनिवार को बताया कि धन शोधन के एक मामले से जुड़ी जांच के तहत उसने प्रमोटेड एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी माने जाने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा (Moti Lal Vora) की 16.38 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है.

ईडी ने बताया कि जो संपत्ति जब्त की जा रही है उसमें मुंबई स्थित एक 9 मंजिला भवन शामिल है, जिसमें दो बेसमेंट हैं और वह 15,000 वर्ग मीटर में बना हुआ है. एजेंसी ने एक बयान में कहा कि अपराध के धन से अर्जित 16.38 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति जब्त की गई है.

आदेश में मोतीलाल वोरा का भी नाम

ईडी ने बताया कि उसने कुर्की का एक तात्कालिक आदेश जारी किया है और इस संबंध में एजेएल और उसके चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) व कांग्रेस के नेता मोती लाल वोरा को नोटिस जारी किए हैं. एजेएल वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं द्वारा नियंत्रित की जाती है. इसमें गांधी परिवार के सदस्य भी शामिल हैं. नेशनल हेराल्ड अखबार इस समूह को संचालित करता है. 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना की थी. तब से इसे कांग्रेस (Congress) का मुखपत्र माना जाता है.

आपराधिक तरीके से जुटाए गए धन से बनाई इमारत

संबंधित नौ मंजिला इमारत में दो तहखाने हैं और यह 15,000 वर्ग मीटर में बना हुआ है. इसका कुल मूल्य 120 करोड़ रुपये है. यह इमारत बांद्रा (पूर्व) में काला नगर के पास ईपीएफ कार्यालय प्लॉट नंबर 2, सर्वे नंबर 341 पर स्थित है. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने इस इमारत के निर्माण में आपराधिक तरीके से जुटाये गए धन का इस्तेमाल किया है. ईडी का कहना है कि आरोपियों ने पंचकुला (चंडीगढ़ के पास) में एजेएल को गैरकानूनी तरीके से आवंटित एक भूखंड को गिरवी रखकर दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित सिंडिकेट बैंक से कर्ज लिया. कर्ज की राशि से बांद्रा स्थित इमारत का निर्माण किया गया.

16.38 करोड़ रुपये तक की संपत्ति कुर्क

मामले के आरोपियों में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा और वोरा शामिल हैं. एजेंसी ने कहा, ‘अत: इस तरह अपराध की आय से तैयार की गयी मुंबई की इस इमारत में 16.38 करोड़ रुपये तक की संपत्ति कुर्क की गयी है. आगे की जांच चल रही है.’ ईडी पहले ही पंचकुला स्थित भूखंड को कुर्क कर चुकी है. इस मामले में हुड्डा और वोरा से पूछताछ भी की गयी है.

ईडी ने कहा कि पंचकुला के सेक्टर-6 में भूखंड सी -17 को हरियाणा सरकार ने पहले 1982 में एजेएल को आवंटित किया गया था. बाद में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के संपत्ति अधिकारी ने अक्टूबर 1992 में एक आदेश देकर इस भूखंड को वापस ले लिया था, क्योंकि एजेएल समूह आवंटन के अधिकार पत्र की शर्तों को पूरा नहीं करता था. एजेंसी ने आरोप लगाया, ‘हालांकि, तत्कालीन मुख्मंत्री हुड्डा ने अपनी आधिकारिक शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की आवश्यक शर्तों व नियमों के विपरीत 28 अगस्त 2005 को एक नये आदेश के जरिये मूल कीमत तथा ब्याज लेकर 59,39,200 रुपये में फिर से उस भूखंड को एजेएल को आवंटित कर दिया.’

एजेंसी के अनुसार इस समय पंचकुला की इस संपत्ति की वास्तवित कीमत लगभग 64.93 करोड़ रुपये है. ईडी ने आरोप लगाया है कि हुड्डा ने मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया. हुड्डा ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों और शहरी एवं देहात नियोजन के प्रधान सचिव और वित्त सचिव की कानूनी राय और सिफारिशों को नजरअंदाज कर एजेएल को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया.

एजेंसी ने यह भी कहा, इसकी जांच में पाया गया है कि हुड्डा ने “उक्त भूखंड के निर्माण के लिये एजेएल को समय का तीन बार अनुचित रूप से विस्तार दिया. उन्होंने अधिग्रहण के बाद इसे बेदाग संपत्ति के रूप में संरक्षण दिया और इस एक ही संपत्ति को समय समय पर गिरवी रखकर बैंकों से कर्ज उठाया.

सीबीआई ने हुड्डा को बनाया था आरोपी

इस मामले में सीबीआई ने भी पंचकुला की एक अदालत में दिसंबर 2018 में आरोप पत्र दायर किया था. सीबीआई ने भी इस मामले में कथित अनियमितता बरतने को लेकर वोरा और हुड्डा को आरोपी बनाया है. ईडी ने सीबीआई की एक प्राथमिकी के आधार पर पंचकुला भूखंड आवंटन को लेकर 2016 में एक आपराधिक मामला दायर किया था. यह हरियाणा सतर्कता ब्यूरो द्वारा दायर आपराधिक प्राथमिकियों और हरियाणा की भाजपा की राज्य सरकार के अनुरोध पर आधारित था.

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