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Lockdown Diary: दो सगे भाइयों की जुबानी- कैसे एक की गलती ने परिवार के 13 सदस्यों को क्वारंटीन सेंटर्स पहुंचा दिया – coronavirus covid19 how two brothers including 13 members family reached the Quarantine Centers tablighi jamaat nodrss | delhi-ncr – News in Hindi

Lockdown Diary: दो सगे भाइयों की जुबानी- कैसे एक की गलती ने परिवार के 13 सदस्यों  को क्वारंटीन सेंटर्स पहुंचा दिया

गाजियाबाद जिले के मसूरी गांव के रहने वाले जैद और जुबैर दो सगे भाइयों की कहानी (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मसूरी गांव के रहने वाले जैद और जुबैर दो सगे भाइयों ने क्वारंटीन पीरियड में बिताए समय को लेकर न्यूज 18 हिंदी से बातचीत की है. इनके परिवार के 13 और सदस्यों को भी मार्च महीने में क्वारंटीन कर दिया गया था.

नई दिल्ली. देश में इस समय कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर कोहराम मचा हुआ है. पिछले लगभग डेढ़ महीने से कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच कहीं न कहीं दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में जमातियों की खबरें भी सुर्खियां बटोर रही हैं. मार्च के अंतिम सप्ताह से लेकर 15 अप्रैल तक देश के अलग-अलग हिस्सों से जमातियों को क्वारंटीन करने की खबरें देश की अखबारों और न्यूज चैनल्स की लीड स्टोरी हुआ करती थीं. डेढ़ महीने बीत जाने के बाद अब इनमें से कई जमाती क्वारंटीन पीरियड खत्म कर वापस घर लौट चुके हैं. घर लौटे ये जमाती पुलिस प्रशासन और अस्पताल प्रशासन के रवैये की जमकर तारीफ कर रहे हैं.

कोरोना ने परिवार के सभी 15 सदस्यों को क्वारंटीन सेंटर्स पहुंचा दिया
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मसूरी गांव के रहने वाले जैद और जुबैर दो सगे भाइयों ने क्वारंटीन पीरियड में बिताए समय को लेकर न्यूज 18 हिंदी से बातचीत की है. इनके परिवार के 13 और सदस्यों को भी मार्च महीने में क्वारंटीन कर दिया गया था. जुबैर के छोटे भाई जैद निजामुद्दीन के मरगज में जामतियों के कार्यक्रम में भाग लिया था और वह जांच में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. निजामुद्दीन मरगज से जैद अपने 10 साथियों के साथ पैदल ही गांव मसूरी आ गया. मरगज की घटना सामने आने के बाद जब पुलिस को इस बात की भनक लगी तो परिवार के सभी सदस्यों को क्वारंटीन किया गया. अब दोनों भाइयों के साथ परिवार के सभी सदस्य घर वापस लौट गए हैं. न्यूज 18 हिंदी ने दोनों भाइयों से बात की. आईए सुनते हैं दोनों भाइयों की जुबानी.

कोरोना ने परिवार के सभी 15 सदस्यों को क्वारंटीन सेंटर्स पहुंचा दियाउत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मसूरी गांव के रहने वाले जैद और जुबैर दो सगे भाइयों ने क्वारंटीन पीरियड में बिताए समय को लेकर न्यूज 18 हिंदी से बातचीत की है. इनके परिवार के 13 और सदस्यों को भी मार्च महीने में क्वारंटीन कर दिया गया था. जुबैर के छोटे भाई जैद निजामुद्दीन के मरगज में जामतियों के कार्यक्रम में भाग लिया था और वह जांच में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. निजामुद्दीन मरगज से जैद अपने 10 साथियों के साथ पैदल ही गांव मसूरी आ गया. मरगज की घटना सामने आने के बाद जब पुलिस को इस बात की भनक लगी तो परिवार के सभी सदस्यों को क्वारंटीन किया गया. अब दोनों भाइयों के साथ परिवार के सभी सदस्य घर वापस लौट गए हैं. न्यूज 18 हिंदी ने दोनों भाइयों से बात की. आईए सुनते हैं दोनों भाइयों की जुबानी.

‘देखिए 20 मार्च को हम जमात में गए थे. 21 मार्च को हम निजामुद्दीन पहुंचे थे. मुझे उम्मीद थी की 22 मार्च को जनता कर्फ्यू खुलने के बाद हमलोग 23 मार्च को वापस घर आ जाएंगे. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. 25 मार्च को लॉकडाउन का ऐलान हो गया. 26 मार्च को हम अपने 10 दोस्तों के साथ निजामुद्दीन से मसूरी पैदल ही निकल पड़े. सरायकाले खान बस अड्डा के पास दिल्ली पुलिस ने हमें रोक लिया और पूछा कि कहां जा रहे हो. हमने पुलिस को बताया कि गाजियाबाद के मसूरी में मेरा घर है हमलोग घर जा रहे हैं. पुलिस ने हमसे कहा कि दो-दो आदमी कर चले जाओ. एक साथ मत चलो. 26 को हमलोग अपने घर आ गए. इस बीच मरगज का मामला मीडिया में उछला और पुलिस और डॉक्टरों की टीम 29 तारीख को हमारे घर पहुंच गई. डॉक्टरों ने हमारी जांच की और 9 अप्रैल तक होम क्वारंटीन में रहने के लिए बोला, लेकिन, 30 मार्च को दोबारा डॉक्टरों की टीम हमारे घर आ गई और हमें बोला गया है कि आपको कोरोना का टेस्ट कराने के लिए अस्पताल जाना पड़ेगा. मेरा 1 अप्रैल को कोरोना का टेस्ट हुआ और 3 तारीख को जब रिपोर्ट आई तो वह पॉजिटिव था.

स्वास्थ्यकर्मी बधाई के पात्र हैं
3 अप्रैल को ही हमारे फैमिली के 12-13 सदस्यों को भी अस्पताल ले गए. मेरे परिवार के सभी सदस्यों की रिपोर्ट निगेटिव आई. फिर भी मेरे सभी घरवालों को 28 अप्रैल तक क्वारंटीन कर दिया गया. मेरी 13 अप्रैल तक कोरोना की दो रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी थी. इसलिए 13 अप्रैल को ही हमें कोविड अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया और मुझे बोला गया है कि आप 14 दिनों तक परिवार के किसी भी सदस्यों से नहीं मिलेंगे. क्योंकि, मेरे सभी घर वाले क्वारंटीन में थे इसलिए किसी से मिलना-जुलना नहीं हो रहा था. 14 दिन क्वारंटीन में रहने के बाद मुझे 14 दिन सोशल कॉन्टेक्ट में भी नहीं रहने के लिए कहा गया था.

मैं आपको बताना चाहता हूं कि मेरे साथ अस्पताल में किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया गया. अस्पताल में मेरे साथ अच्छा व्यवहार हुआ. मैं गाजियाबाद के संजय नगर के कोविड अस्पताल में भर्ती था. अस्पताल के स्टॉफ दूरी बना कर हमारे डिमांड को पूरा कर रहे थे. मुझसे अगर प्लाज्मा देने के लिए कहा जाएगा तो मैं जरूर दूंगा. हमारा गांव अभी भी रेड जोन में है. गांव के 5 लोग कोरोन पॉजिटिव पाए गए. इसलिए हमलोग अभी भी सोशल डिस्टेंस मैंटेन कर रहे हैं. मैं रोजा कर रखा हूं और अल्लाह-तल्लाह से सभी की सलामती के लिए दुआ करता हूं.’

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First published: May 9, 2020, 10:01 AM IST



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