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जब राहुल गांधी से पूछा गया, क्या वो कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर वापसी करेंगे, मिला ये जवाब | when rahul gandhi was again asked the question is he returning as congress president Got this answer | nation – News in Hindi

नई दिल्‍ली. कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पार्टी अध्‍यक्ष पद संभालने संबंधी संभावनाओं को फिर से खारिज कर दिया है. दरअसल, राहुल गांधी डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. तभी उनसे पार्टी अध्‍यक्ष पद संभालने संबंधी सवाल किया गया. जिस पर राहुल गांधी ने कहा कि पिछले साल उन्‍होंने जो चिट्ठी लिखी थी, वो अभी भी उस पर कायम हैं.

इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि रघुराम राजन और अभिजीत बनर्जी के साथ देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर उनकी बातचीत को किसी अलग नजरिए से नहीं देखना चाहिए. बता दें कि कोरोना वायरस महामारी को लेकर राहुल गांधी राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय हो गए हैं. इसी के तहत जब उनसे कांग्रेस अध्‍यक्ष पद संभालने संबंधी सवाल पूछ गया तो उन्‍होंने कहा, ‘मैं अपनी चिट्ठी पर कायम हूं.’ पिछले लगभग 8 महीने से सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष बनकर पार्टी को संभाल रही हैं.

राहुल गांधी का ‘भावुक इस्तीफ़ा’

पिछले साल जुलाई में राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफा दे दिया था. राहुल गांधी ने अपने चार पेज के इस्तीफे को ट्विटर पर भी पोस्ट किया था. राहुल गांधी का भावुक चिट्ठीनुमा इस्तीफा-मेरे लिए कांग्रेस पार्टी की सेवा करना सम्मान की बात है, जिसके मूल्यों और आदर्शों ने हमारे खूबसूरत देश की जीवनदायिनी के रूप में सेवा की. मैं देश और अपने संगठन से मिले प्यार का बहुत आभारी हूं. कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में 2019 के चुनाव की हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं. हमारी पार्टी के बेहतर भविष्य के विकास के लिए जवाबदेही महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है.

पार्टी को पुनर्संगठित करने के लिए कठोर निर्णय लेने की आवश्यकता है और कई लोगों को 2019 की असफलता के लिए जवाबदेह बनना होगा. पार्टी अध्यक्ष के रूप में मेरी अपनी जवाबदेही की अनदेखी करना और दूसरों को जिम्मेदार ठहराना अन्याय होगा. मेरे कई सहयोगियों ने सुझाव दिया कि मैं अगले कांग्रेस अध्यक्ष को मनोनीत करूं. हालांकि किसी नए व्यक्ति का हमारी पार्टी का नेतृत्व करना महत्वपूर्ण है. लेकिन मेरे लिए उस व्यक्ति का चयन करना उचित नहीं होगा.

हमारी पार्टी समृद्ध इतिहास और विरासत के साथ संघर्ष और सम्मान की वो पार्टी है जिसका मैं गहराई से सम्मान करता हूं. इसे भारत के ताने-बाने में बुना गया है और मुझे विश्वास है कि पार्टी इस बारे में सबसे अच्छा निर्णय लेगी कि कौन हमें साहस, प्रेम और निष्ठा के साथ आगे बढ़ा सकता है.

इस्तीफा देने के तुरंत बाद मैं कांग्रेस वर्किंग कमिटी में अपने सहयोगियों को सुझाव दिया कि आगे एक नए अध्यक्ष की तलाश शुरू करने का काम एक समूह को सौंपा जाए. मैंने उन्हें ऐसा करने के लिए सशक्त किया है और इस प्रक्रिया और परिवर्तन के लिए अपना पूरा समर्थन दिया है.

मेरा संघर्ष कभी भी राजनीतिक सत्ता के लिए साधारण लड़ाई नहीं रहा. बीजेपी के प्रति मुझे कभी नफरत या क्रोध नहीं है, लेकिन मेरे शरीर में मौजूद रक्त की हर बूंद सहज रूप से भारत के उनके विचार का विरोध करती है. ये प्रतिरोध इसलिए पैदा होता है क्योंकि मेरे होने की अनुमति एक भारतीय विचार से मिलती है और जो हमेशा सीधे उनसे टकराव में रहा. ये कोई नई लड़ाई नहीं है. ये हज़ारों साल से हमारी ज़मीन पर होती आई है. जहां वो मतभेद देखते हैं, मैं समानता देखता हूं. जहां वो घृणा देखते हैं, मैं प्यार देखता हूं. जिससे वो डरते हैं, मैं गले लगाता हूं.

यह करुणापूर्ण विचार मेरे प्रिय साथी नागरिकों के लाखों-करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करता है. यह भारत का विचार है जिसकी अब हम रक्षा करेंगे. हमारे देश और हमारे पोषित संविधान पर हमला हमारे देश के तानेबाने को नष्ट करने के लिए बनाया गया है. किसी भी तरह से मैं इस लड़ाई से पीछे नहीं हट रहा हूं. मैं कांग्रेस पार्टी का एक निष्ठावान सिपाही और भारत का एक समर्पित पुत्र हूं और अपनी अंतिम सांस तक उसकी सेवा और सुरक्षा करता रहूंगा.

हमने एक मजबूत और गरिमापूर्ण चुनाव लड़ा. हमारा अभियान भारत के सभी लोगों, धर्मों और समुदायों के लिए भाईचारे, सहिष्णुता और सम्मान में से एक था. मैंने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री, आरएसएस और उन संस्थानों से लड़ाई लड़ी है, जिन पर उन्होंने कब्जा कर रखा है. मैंने संघर्ष किया क्योंकि मैं भारत से प्यार करता हूं और भारत ने जिन आदर्शों का निर्माण किया, उनकी रक्षा के लिए मैंने संघर्ष किया. कई बार, मैं पूरी तरह से अकेला खड़ा था और मुझे इस पर बहुत गर्व है. मैंने अपने कार्यकर्ताओं और पार्टी के सदस्यों, पुरुषों और महिलाओं की भावना और समर्पण से बहुत कुछ सीखा है, जिन्होंने मुझे प्यार और शालीनता के बारे में सिखाया है.

देश में सभी संस्थाओं की तटस्थता के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव बहुत जरूरी हैं. आजाद प्रेस, स्वतंत्र न्यायपालिका और ऐसा पारदर्शी चुनाव आयोग जो तटस्थ हो, वो निष्पक्ष चुनाव के लिए बहुत जरूरी है. अगर वित्तीय संसाधनों पर किसी एक पार्टी का कब्जा हो, तो चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकते.

हमने 2019 के चुनाव में किसी राजनीतिक दल के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी. बल्कि हम राज्यों की सभी मशीनरी और उन हर संस्थानों के खिलाफ भी लड़ रहे थे, जिन्हें विपक्ष के खिलाफ नियुक्त किया गया. यह पूरी तरह साफ है कि एक समय जिन निष्पक्ष संस्थाओं पर हमें गर्व था, अब वो भारत में नहीं रहीं.

देश की सांस्थानिक संरचना पर पर कब्जा करने की आरएसएस की चाह अब पूरी हो गई है. हमारा जनतंत्र बुनियादी तौर पर कमजोर हुआ है. अब, इस बात का बहुत खतरा है कि भारत के भविष्य का फैसला करने के बजाय चुनाव महज एक औपचारिकता बन जाएंगे.

सत्ता पर इस तरह का कब्जा भारत के लिए हिंसा और दर्द का असीमित भंडार लेकर आएगा. किसान, बेरोजगार युवा, महिलाएं, आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यकों को इसका सबसे ज्यादा नुकसान होने वाला है. हमारी अर्थ व्यवस्था और छवि पर बहुत बुरा असर पड़ेगा. प्रधानमंत्री की जीत उनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को खत्म नहीं करते. अथाह पैसे और प्रोपगैंडा से सच्चाई की रोशनी को छुपाया नहीं जा सकता.

हमारे संस्थानों को वापस पाने और उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए सभी भारतीयों को एकजुट होना पड़ेगा. पुनर्जीवन की इस प्रक्रिया में कांग्रेस पार्टी अहम भूमिका निभाएगी. इस महत्वपूर्ण काम को करने के लिए जरूरी है कि कांग्रेस पार्टी खुद को पूरी तरह बदले. आज के समय में बीजेपी सुनियोजित तरीके से भारतीय लोगों की आवाज को कुचल रही है. कांग्रेस पार्टी का यह कर्तव्य है कि उन आवाजों को बचाए. भारत की कभी भी एक आवाज नहीं रही, न ऐसा होगा. यहां हमेशा अलग-अलग आवाज और मत सुनने को मिलते रहे हैं. यही भारत माता की सच्ची पहचान है.

देश और बाहर रह रहे हजारों भारतीयों का धन्यवाद, जिन्होंने मुझे सपोर्ट के लिए पत्र और मैसेज भेजे. मैं यकीनन पूरी ताकत के साथ कांग्रेस पार्टी के विचारों और आदर्शों के लिए लड़ता रहूंगा. जहां भी मेरी, मेरी सलाह की जरूरत है, मैं हमेशा पार्टी के लिए उपलब्ध हूं. जो भी कांग्रेस की विचारधारा में यकीन रखते हैं, खासतौर पर हमारे कर्मठ और प्यारे कार्यकर्ता, उन सबसे कहना चाहता हूं कि मुझे अपने भविष्य पर यकीन है और मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं. भारत में इस बात की आदत है कि शक्तिशाली व्यक्ति पावर से चिपका रहना चाहता है. कोई भी पावर छोड़ने को तैयार नहीं होता. लेकिन हम अपने विरोधियों को पावर की इच्छा का त्याग किए बिना नहीं हरा सकते. साथ ही, हमें विचारधारा की जोरदार लड़ाई लड़नी होगी. मैं जन्म से कांग्रेसी हूं. यह पार्टी हमेशा मुझमें रही है. यह मेरे खून में है और हमेशा रहेगी.

जय हिंद!
राहुल गांधी

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