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MP और UP के बाद अब गुजरात बदलेगा श्रम कानून, कंपनियों को मिलेगी छूट, Gujarat to Dilute Labour Laws after Uttar Pradesh and Madhya Pradesh | nation – News in Hindi

MP और UP के बाद अब गुजरात बदलेगा श्रम कानून, कंपनियों को मिलेगी छूट

गुजरात सरकार नए प्रोजेक्ट के लिए श्रम कानून में छूट देने पर विचार कर रही है.

लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए प्रदेश सरकारें श्रम कानून को काफी हद तक कमजोर कर रही हैं. गुजरात (Gujarat) सरकार भी ऐसा ही करने जा रही है.

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) ने दुनियाभर की इकोनॉमी को बड़ा झटका दिया है. भारत ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान उद्योग-धंधों को कई रियायतें दे दी है. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) ने तो श्रम कानून को किनारे कर दिया है. अब गुजरात (Gujarat) सरकार भी एमपी और यूपी की तर्ज पर श्रम कानून को सरल बना रही है, जिससे इन्वेस्टमेंट करने वालों को आकर्षित किया जा सके.

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (Vijay Rupani) ने कहा कि उनकी सरकार नए प्रोजेक्ट के लिए श्रम कानून (labour laws) में छूट देने पर विचार कर रही है. हालांकि, यह छूट उसी प्रोजेक्ट पर लागू होगी, जिसमें कम से कम 1200 दिन का काम होना हो.

विजय रूपाणी ने कहा कि श्रम कानून के मूलभूत ढांचे को नहीं बदला जाएगा. न्यूनतम मजदूरी, सुरक्षा और दुर्घटना होने पर मुआवजे जैसे प्रावधान में कोई बदलाव नहीं होगा. ये तीनों पहले की तरह प्रभावी रहेंगे.

गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चीन से यहां आने वाली कंपनियों को आकर्षित करने के लिए लैंड पूलिंग की योजना पर भी काम कर रही है. राज्य उन कंपनियों का स्वागत करने के लिए तैयार है, जो अभी अमेरिका, चीन या किसी अन्य देश में काम कर रही हैं.विजय रूपाणी ने कहा कि उनकी सरकार कई देशों में भारतीय दूतावास के संपर्क में भी है. उन्हें बताया जा रहा है कि गुजरात में क्या सुविधाएं हैं और किसी कंपनी को यहां प्रोडक्शन फैसिलिटी कैसे मिल सकती है. सरकार ने इस उद्देश्य से 33 हजार हेक्टेयर जमीन अवांटित की है.

इससे पहले मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने गुरुवार को श्रम कानून को सरल बनाने का दावा करते हुए इसमें कई बदलाव किए. चौहान ने कहा कि लाइसेंस हासिल करने के लिए अब 61 रजिस्टर और 13 रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी. अब सिर्फ एक रजिस्टर व एक रिटर्न से लाइसेंस मिल जाएगा. मध्य प्रदेश ने इन बदलावों के तहत रोजाना काम के घंटे 8 से 12 घंटे कर दिया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने भी श्रम कानून को तीन साल के लिए के लिए नरम बना दिया है.

अब इंडस्ट्रियल यूनिट को जांच का डर कम रहेगा. उन्हें एन्फोर्समेंट अधिकारियों का डर भी नहीं रहेगा क्योंकि वे जिन नियमों के तहत जांच करते थे या छापा मारते थे, वे शिथिल कर दिए गए हैं या खत्म कर दिए गए हैं.

राजस्थान, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारें भी श्रम कानून को सरल बनाने के नाम पर कई बदलाव कर चुकी हैं. यहां भी काम करने के रोज का समय 8 से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया गया है. केंद्र सरकार भी एक हजार से अधिक अमेरिकी कंपनियों को लुभाने की कोशिश में है. सरकार ने अप्रैल में ऐसी 1000 कंपनियों से संपर्क किया, जो चीन से बाहर निकलने की इच्छुक हैं.

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First published: May 8, 2020, 10:19 PM IST



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