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जम्मू में प्रवासी मजदूरों ने सैलरी न मिलने पर टेक्सटाइल मिल में किया हंगामा, कई वाहन तोड़े | Jammu kathua- migrant laborers created ruckus in textile mill | nation – News in Hindi

जम्मू में प्रवासी मजदूरों ने सैलरी न मिलने पर टेक्सटाइल मिल में किया हंगामा, कई वाहन तोड़े

प्रवासी मजदूर ने की तोड़फोड़ (फोटो-प्रतीकात्मक)

कठुआ जिले में टेक्सटाइल मिल के मजदूरों ने सैलरी की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया है, तोड़फोड़ कर कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया है

जम्मू. जम्मू (Jammu) संभाग के कठुआ जिले में चेनाब टेक्सटाइल मिल के मजदूरों ने सैलरी की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया है. इन मजदूरों का आरोप है कि लॉकडाउन (Lockdown) की वजह फैक्ट्री में काम नहीं चल रहा है जिसके कारण हमें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मजदूरों का कहना है कि वेतन के नाम पर बहुत कम पैसे दिए जा रहे हैं. शुक्रवार को कपड़ा मिल में काम करने वाले मजदूरों ने आरोप लगाया कि उन्हें पूरा वेतन नहीं मिला है. नाराज मजदूरों ने मिले के बाहर तोड़फोड़ कर कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया है. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई.

पुलिस ने लोगों की भीड़ को कम करने के लिए बल प्रयोग किया जिससे इन मजदूरों ने आक्रोशित हो पुलिस पर पथराव किया. साथ की कई गाड़ियों को तोड़ डाला. हंगामे के बाद जम्मू पठानकोट नेशनल हाईवे पर जाम लग गया, मामले की गंभीरता को देखते हुए काफी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है.

मजदूरों की ये है मांग
मजदूरों की मांग है उन्हें बकाया वेतन का भुगतान किया जाए और फैक्ट्री की ओर से उन्हें घर भेजने की व्यवस्था की जाए. लॉकडाउन के कारण वह भुखमरी की स्थति पर हैं. मजदूरों ने कहा कि प्रशासन की तरफ से भी कोई आश्वासन नहीं मिल रहा है.मेंगलुरु में भी सैकड़ों प्रवासी मजदूर ने किया हंगामा 

इधर मेंगलुरु में सैकड़ों प्रवासी मजदूर शुक्रवार को यहां रेलवे स्टेशन पर उमड़ पड़े और उन्होंने तत्काल अपने-अपने राज्य भेजे जाने की मांग की. वे यह जानकर रेलवे स्टेशन पर उमड़ पड़े कि कर्नाटक सरकार उन्हें गृह राज्य भेजने के लिए विशेष ट्रेनें चलाएगी. इनमें से ज्यादातर मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के हैं. मजदूर स्टेशन पर डटे रहे और पुलिस की अपील के बावजूद उन्होंने वहां से जाने से इनकार कर दिया.

पुलिस ने प्रवासी मजदूरों के हवाले से कहा कि वे बिना नौकरी, पैसा और पर्याप्त भोजन के शहर में फंसे हुए हैं. अगर फौरन विशेष ट्रेनें नहीं चलाई गईं तो वे पैदल ही अपने गृह राज्य जाना चाहते हैं. कर्नाटक सरकार ने मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए आठ मई से विशेष ट्रेनें चलाने का बृहस्पतिवार को फैसला किया था और इसके लिए नौ राज्यों से मंजूरी मांगी थी.

ये भी पढ़ें : जानें कोरोना संकट के बीच क्‍यों घर लौटने के लिए मजबूर हैं प्रवासी मजदूर

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First published: May 8, 2020, 2:44 PM IST



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