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2012 में जेल से रिहा होने के बाद मैथ्स टीचर रियाज़ नाइकू के भीतर कुछ बदल गया था | Something Changed Inside the Young Maths Teacher after 2012 Prison Release The Bloody Trail of Riyaz Naikoo | nation – News in Hindi

2012 में जेल से रिहा होने के बाद मैथ्स टीचर रियाज़ नाइकू के भीतर कुछ बदल गया था

A++ कैटेगिरी का टॉप मिलीटेंट रियाज़ नाइकू पुलिसकर्मियों समेत कई हत्याओं में शामिल था.

रियाज नाइकू (Riyaz Naikoo) गरीब परिवार से नहीं था और अच्छा छात्र था, वह 2010-11 में पुलवामा (Pulwama) में गणित का टीचर था. अप्रैल 1985 में अवंतीपोरा के पंजगाम में नाइकू मोहल्ले में जन्मा रियाज नाइकू अपनी एक बहन और तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था.

(सुहास मुंशी)

श्रीनगर. मोस्ट वॉन्टेड और घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइकू (Hizbul Mujahideen Commander Riyaz Naikoo) का मारा जाना भारतीय सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में A++ कैटेगिरी का टॉप मिलीटेंट रियाज़ नाइकू पुलिसकर्मियों समेत कई हत्याओं में शामिल था.

ऐसी जगह जहां एक जिहादी का औसत जीवनकाल लगभग दो से तीन साल का होता है. नाइकू जून 2012 में बंदूक उठाने के बाद कश्मीर (Kashmir) में पाकिस्तान (Pakistan) के एजेंडे को अंजाम देने में उसकी सफलता, उल्लेखनीय है. नाइकू ने कई मायनों में कई तरह के मिथकों को तोड़ा, जिन वजहों से युवा लड़के आतंकवादी गुट शामिल होते हैं. वह गरीब परिवार से नहीं था और अच्छा छात्र था, जो कि 2010-11 में पुलवामा (Pulwama) में गणित का टीचर था. अप्रैल 1985 में अवंतीपोरा के पंजगाम में नाइकू मोहल्ले में जन्मा रियाज नाइकू अपनी एक बहन और तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था.

इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहता था नाइकूNews18 को मिली नाइकू पर एक विस्तृत गोपनीय रिपोर्ट के अनुसार, उसे बारहवीं कक्षा की परीक्षा में 600 में से 464 नंबर मिले थे और वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहता था. रिपोर्ट के मुताबिक नाइकू बेहद शांत स्वभाव का था और गांव के सभी लोग उसके बारे में अच्छा सोचते थे. वह रोजाना नमाज और कुआन पढ़ता था और बहुत कम उम्र से ही गांव के बड़े लोग उसे स्थानीय विवादों को सुलझाने के लिए बुलाते थे. ग्रेजुएशन के बाद वह एक प्राइवेट स्कूल में मैथ्स पढ़ाने लगा. नाइकू गांव के गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाता भी था.

2010 से आतंकियों के संपर्क में था
पता चलता है कि नाइकू 2010 से ही आतंकियों के संपर्क में था, जब घाटी में सुरक्षाकर्मियों के फर्जी एनकाउंटर के खिलाफ कश्मीर में भारी अशांति का माहौल बना, जिसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. जब वह श्रीनगर के गनी मेमोरियल स्टेडियम में क्रिकेट खेल रहा था तब उसे सुरक्षाबलों द्वारा चलाया गया आंसू गैस का एक गोला लग गया. सुरक्षाकर्मियों द्वारा की गई गोलीबारी में 17 वर्षीय तुफैल मट्टू की मौत के कारण अशांति फैलने के बाद नाइकू को गिरफ्तार कर लिया गया. जब 2012 में उसे जेल से रिहा किया गया तब उसके भीतर कुछ बदल चुका था. 6 जून 2012 को रियाज़ अहमद नाइकू हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया.

ऑडियो वीडियो संदेशों से जनता में अपनी उपस्थिति बनाए रखता था नाइकू

नाइकू घाटी में सबसे खूंखार आतंकवादियों में से एक बन गया, जिसने सुरक्षा बलों की पहुंच से बाहर रहते हुए अपने ऑडियो और वीडियो संदेशों के माध्यम से जनता के बीच अपनी उपस्थिति बनाए रखी. उन संदेशों में से कुछ में, उसने पुलिस के मुखबिरों को धमकी दी और पुलिसकर्मियों को आतंकवाद विरोधी अभियानों से दूर रहने के लिए कहा.

एक आतंकवादी प्रचारक के रूप में, वह अपने से पहले रहे किसी भी आतंकी से अधिक प्रभावी था. कई पुलिसकर्मियों के परिजनों के अपहरण के बाद घाटी में तैनात स्थानीय सुरक्षाकर्मियों को अपने परिवार के सदस्यों की चिंता होने लगी. इसके बाद कई पुलिसकर्मियों ने बल से इस्तीफा देते हुए खुद के वीडियो शूट किए.

नाइकू जिहादी नेता बुरहान वानी की मौत के बाद अल-कायदा मोर्चे – अंसार ग़ज़ावत-उल-हिंद की स्थापना करने वाले आतंकवादी कमांडर ज़ाकिर मूसा (Zakir Moosa) से हिजबुल मुजाहिदीन की बागडोर संभालने के लिए चला गया. मूसा नाइकू पर भरोसा करता था.

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First published: May 7, 2020, 5:36 PM IST



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