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कितनी घातक है विजाग में लीक हुई स्टीरिन गैस, कैंसर से लेकर देखने-सुनने पर असर। what is styrene gas leaked from a vizag plastic factory | knowledge – News in Hindi

कितनी घातक है विजाग में लीक हुई स्टीरिन गैस, कैंसर से लेकर देखने-सुनने पर असर

विजाग की वो फैक्ट्री, जहां से गैस लीक हुई

विशाखापट्टनम में करीब डेढ़ महीने से बंद पड़ी एक प्लास्टिक फैक्ट्री को जब फिर चालू करने की कोशिश की जा रही थी, तब उससे स्टीरिन गैस लीक हो गई. कितनी घातक है ये गैस. कहा जाता है कि ये कैंसर से लेकर कई बीमारियों को जन्म दे सकती है

विशाखापट्टनम में एक फार्मा कंपनी से हुई गैस लीक ने पूरे देश के सामने एक संकट की स्थिति खड़ी कर दी है. प्लांट से स्टीरिन गैस लीक हुई है. इससे 10 लोगों की जान जा चुकी है जबकि सैकड़ों लोग बीमार हैं. इस लीक गैस का नाम स्टीरिन है. ये ना केवल जानलेवा है बल्कि शरीर पर काफी प्रतिकूल असर डाल सकती है. अध्ययन बताते हैं कि ये सांस की दिक्कतों से लेकर कैंसर और देखने-सुनने पर असर डाल सकती है.

विशाखापट्टनम में नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) के महानिदेशक एसएन प्रधान का कहना है कि गैस एक प्लास्टिक फैक्ट्री से लीक हुई. इस गैस को उन्होंने स्टीरिन बताया है. ये बहुत घातक गैस है. अगर इस्तेमाल सघन रूप में बड़े पैमाने पर हो रहा हो.

किस तरह हेल्थ की दिक्कतें पैदा करती है
आमतौर पर इसका इस्तेमाल प्लास्टिक यानी पॉलिविनायल क्लोराइड बनाने वाले प्लांट्स में होता है. इसका स्वास्थ्य पर भी खासा असर होता है. ये आंखों में तेज जलन के साथ सांस लेने में तकलीफ पैदा करती है. ये इथाइल बेंजीन से बनाई जाती है.कैंसर भी दे सकती है

अमेरिकी नेशनल टॉक्सीलॉजी प्रोग्राम के अनुसार ये अगर मनुष्य के संपर्क में आती है तो कैंसर को जन्म दे सकती है. हालांकि इसको लेकर विशेषज्ञों में मतभेद की स्थिति है.

नर्वस सिस्टम पर भी असर डाल सकती है
डेनिस एक्सपर्ट्स के अनुसार, स्टीरिन गैस मानव के नर्वस सिस्टम पर असर डालती है साथ ही पैंक्रियाटिक कैंसर को जन्म दे सकती है. इंटरनेशऩल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर का कहना है कि ये मानव के लिए खतरनाक है और कैंसरकारी है. एक और अध्ययन बताता है कि स्टीरिन का असर आंखों के साथ सुनने पर भी पड़ सकता है.

बचने के लिए क्या करें
विजाग हादसे से बचने के लिए जो हिदायतें दी गई हैं. उसमें ज्यादा पानी पिएं. मास्क पहनें. अगर ज्यादा असहज लगे तो सिट्राजीन टैबलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं. वैसे ये भी कहा गया है कि इस गैस के असर को दूर करने के लिए दूध, केला, गुड़ आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है

कब हुआ हादसा
विशाखापट्टनम में एलजी पॉलिमायर्स केमिकल प्लांट से रात करीब 02.30 बजे स्टीरिन गैस लीक हुई. उसके बाद ये प्लांट के 03 किलोमीटर के क्षेत्र में फैल गई. प्राथमिक रिपोर्ट भी इसकी तसदीक करती है कि जो गैस लीक हुई है वो स्टीरिन है.

दरअसल विशाखापट्टनम में गोपालपट्टनम के पास वेपगुंटा में ये केमिकल प्लांट लाकडाउन के डेढ़ महीने बाद खोला गया था. हालांकि खबरें ये भी कह रही हैं कि इसको खोलने की शुरुआती प्रक्रिया प्लांट में चल रही थी. उसी बीच ये गैस लीक होनी शुरू हो गई.

बड़ा संकट बन सकते हैं बंद प्लांट
इस प्लांट की बंद होने के बाद से मेंटिनेंस भी नहीं हुई थी. ये स्थिति देश में लाकडाउन के कारण बंद किए गए हजारों प्लांट्स के साथ हो सकती है, जिनकी मेंटिनेंस भी बंद थी. अब उन्हें फिर से खोलने में खास सावधानी बरतनी होगी. मेंटिनेंस मैनुअल के साथ ऐसे में की जाने वाली सावधानियों को देखना होगा. अब तक सरकारों का ध्यान शायद इस ओर नहीं था.

इस हादसे के बाद तुरंत इस ओर ध्यान ही नहीं जाना चाहिए बल्कि गाइडलाइंस जारी की जानी चाहिए.
लिहाजा ये तय है कि हम लाकडाउन के बाद चालू की जा रही फैक्ट्रियों के चलते किसी संकट से घिर सकते हैं. चूंकि ऐसी फैक्ट्रियां हर जगह हैं. लिहाजा अब इनको लेकर सावधानियां जरूरी हो जाती हैं.

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First published: May 7, 2020, 11:02 AM IST



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