छत्तीसगढ़

भूपेश सरकार की दूरदृष्टि सोच एवँ कुशल कार्ययोजना से छत्तीसगढ़ सुरक्षित*

*भूपेश सरकार की दूरदृष्टि सोच एवँ कुशल कार्ययोजना से छत्तीसगढ़ सुरक्षित सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-

कवर्धा-छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी, केबिनेट मंत्री माननीय अकबर भाई जी एवँ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष माननीय मोहन मरकाम जी के निर्देश अनुसार जिला कांग्रेस कमेटी कबीरधाम के अध्यक्ष नीलू चंद्रवंशी ने प्रेस

 

कॉन्फ्रेंस किया साथ मे यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष श्री आकाश केशरवानी जी, सेवादल कर जिला अध्यक्ष श्री मुकेश झरिया जी, श्री ईश्वर शरण वैष्णव जी, श्री मुकुंद माधव कश्यप जी, श्री सुधीर केशरवानी जी, श्री जाकिर चौहान जी, श्री गोयल जी की उपस्तिथि में प्रेस कॉन्फ्रेंस सम्पन्न हुआ औऱ नीलू चंद्रवंशी ने कहा कि प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए पूर्वानुमान लगाकर बेहतर तैयारी की और कार्ययोजना के साथ इसका सामना किया। यही वजह है कि अन्य राज्यों के मुकाबले छत्तीसगढ़ में संक्रमण को नियंत्रण में रखने में सफलता मिली है। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने राहत भरे फैसले किये और संकट में फंसे प्रदेशवासियों की हर संभव मदद की। इस दौरान नगर निगम की महापौर श्रीमती जानकी अमृत काटजू व सभापति जयंत ठेठवार मौजूद थे।
जिला कांग्रेस कमेटी में प्रेस से बातचीत करते हुए श्री शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राज्य की जनता के नाम जारी अपने पहले ही संदेश में कह दिया था कि हम अपने राज्य में किसी को भी भूखा सोने नहीं देंगे। इस डेढ़ महीने से अधिक के लॉकडाऊन के दौरान उन्होंने धरातल पर ऐसा किया भी। उन्होंने कहा कि राज्य के ५६.४८ लाख गरीब परिवारों को अप्रैल, मई और जून तीन माह का राशन नि:शुल्क प्रदान किया गया है। बिना राशन कार्ड वाले व्यक्तियों को भी प्रति व्यक्ति ५ किलो चावल देने का निर्णय लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने बताया कि लॉकडाऊन में मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीणों को रोजगार देने में छत्तीसगढ़ अभी पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। देशभर में मनरेगा कार्यों में लगे कुल मजदूरों में से करीब २४ फीसदी अकेले छत्तीसगढ़ से हैं। यह संख्या देश में सर्वाधिक है। प्रदेश की ९८८३ ग्राम पंचायतों में चल रहे विभिन्न मनरेगा कार्यों में अभी लगभग २० लाख मजदूर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाऊन के दौरान राज्य व राज्य कके बाहर लगभग ३ लाख श्रमिकों की समस्याओं का सीधे तौर पर निराकरण किया गया। राज्य में श्रमिकों, मजदूरों व अन्य व्यक्तियों को आश्रय, भोजन व अन्य सुविधायें उपलब्ध करायी गई। अन्य राज्यों में फंसे प्रदेश के मजदूरों की समस्याओं को दूर करने के लिए वहां के मुख्यमंत्रियों, अधिकारियों से संपर्क कर उन्हें भोजन, आश्रय इत्यादि की व्यवस्था करायी गई। श्री शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया छत्तीसगढ़ के कुल १ लाख २४ हजार २०५ श्रमिक २१ राज्यों और ४ केन्द्र शासित प्रदेशों में लॉकडाऊन के कारण फंसे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अन्य राज्योकं में संकट का सामना कर रहे १६ हजार ८८५ श्रमिकों को लगभग ६६ लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है। शासन की ओर से छूट प्रदत्त गतिविधियों व औद्योगिक क्षेत्रों में ८१ हजार ६६९ श्रमिकों को पुन: रोजगार दिया गया है।
शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेल मंत्री को २ मई को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस राज्य में लाने के लिए २८ ट्रेन चलाने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के निर्देशों के प्राप्त होते ही राज्य सरकार ने ४ मई को रेलवे को पत्र लिखकर कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों की राज्य वापसी में लगने वाले ट्रेन के सारे खर्च को वहन करेगी।।
उन्होंने जानकारी दी कि लॉकडाऊन में वनोपज संग्रहण में भी छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर है। देश के कुल वनोपज संग्रहण का ९९ प्रतिशत अकेले छत्तीसगढ़ ने ही किया है। श्री शुक्ला ने बताया कि सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन इकॉनामी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि छत्तीसगढ़ में अप्रैल माह में बेरोजगारी की दर केवल ३.४ प्रतिशत रही है जबकि इस समय देश की औसत बेरोजगारी दर २३.५ प्रतिशत रही है। इसी तरह कोटा में लॉकडाऊन के कारण फंसे छत्तीसगढ़ के २२५२ विद्यार्थियों को ९७ बसों में वापस राज्य लाया गया है। इस पर राज्य सरकार ने १.४५ करोड़ रुपये व्यय किये हैं। इसके अलावा राज्य के अंदर लगभग ६ हजार श्रमिकों को एक जिले से दूसरे जिले में उनके गांवों तक भेजने की भी व्यवस्था की गई है। श्री शुक्ला ने बताया कि अवकाश अवधि में स्कूली बच्चों, आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों, गर्भवती- शिशुवती माताओं व किशोरी बालिकाओकं को सूखा राशन उपलब्ध कराया गया है। राज्य की हर ग्राम पंचायत में जरूरतमंद लोगों के लिए दो क्विंटल चावल की व्यवस्था की गई है। साथ ही स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए पढ़ाई तुंहर दुआर वेबपोर्टल प्रारंभ किया गया है जिसमें अब तक १५ लाख ७७ हजार छात्र व १.६५ लाख शिक्षक पंजीकृत हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में कृषि और उससे संबंधित कार्यों में बनी तेजी की सराहना भी की है। किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत लॉकडाऊन की अवधि में अब तक ९०० करोड़ रुपये की राशि उनके खातों में अंतरित की जा चुकी है।
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शराब बंदी के प्रश्न पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री नीलू चंद्रवंशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ कार्यकर्ता ने शराब बंदी के बारे सवाल करते हैं मैं कहता हूं कि भाजपा के लोगो को शराब बंदी के बारे में सवाल करने का अधिकार नही है 15 साल तक BJP का सरकार रही है 17 जून 2011 में उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंग जी ने पूर्ण शराबबंदी के सार्वजनिक घोषणा किया था औऱ कहा था हम देश को नशाबंदी का छत्तीसगढ़ मॉडल बना के देंगे उसी प्रकार 12 अप्रैल 2017 को बालोद जिले केवग्राम गब्दी में लोग सूरज अभियान के तहत समाधान शिविर में जनता को संबोधित करते हुए डॉ रमन सिंह जी ने कहा था चरण बद्ध तरिके से पूर्ण शराबबंदी करेंगे, मैं भरतीय जनता पार्टी के लोगो से पूछना चाहता हु कि आप लोगो ने 15 साल तक छत्तीसगढ़ में राज किये हैं मुख्यमंत्री के घोषणा के बावजूद पूर्ण शराबबंदी क्यो नही किये पहले आप लोग जवाब दे फिर आप लोग हमारे कांग्रेस पार्टी की सरकार से सवाल करेंगे अगर आप मेरे सवाल का जवाब नही दे सकते तो आप लोगो को सवाल करने का अधिकार नही है , राज्य में शराब बंदी के संबंध में कांग्रेस सरकार ने अल्प अवधि में ही उल्लेखनीय कदम उठाये हैं। इसे चरणबद्ध तरीके से पूर्ण करने के लिए एक कार्र्ययोजना के तहत कार्य किया जा रहा है। अपनी मंशा व इरादे को स्पष्ट करते हुए सरकार ने अल्प समय मेें प्रदेश की ५० मदिरा दुकानों को बंद करने का निर्णय लेते हुए उसका क्रियान्वयन किया है। प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी के लिए तीन प्रकार की समितियों का गठन किया गया है। ये समितियां हर क्षेत्र व समाज के व्यक्तियों के विचार और शराब बंदी की प्रक्रिया के संबंध में अनुशंसायें प्राप्त करने की का कार्रवाई कर रही है।

 

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